आरती

नवग्रह आरती

आरती श्री नवग्रहों की कीजै, कष्ट,रोग,हर लीजै । सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर जाकी कृपा कबहु नहिं छीजै।

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श्री खाटू श्याम जी आरती

प्रभु जय श्री श्याम हरे। निज भक्तन के तुमने पूरन काम करे।

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सरस्वती माता आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

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विंध्येश्वरी आरती

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, कोई तेरा पार ना पाया । पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेट चढ़ाया ।।

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आरती अतिपावन पुराण की । धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥ महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥

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गौ माता आरती

आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्वब धैय्या की, अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ॥

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श्री शारदा माता जी आरती

भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण कोधरो मात अवतार ॥

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माँ नर्मदा जी आरती

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव ,हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥

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