सरस्वती माता आरती (Saraswati Mata Aarti)

सरस्वती माता आरती

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श्री सरस्वती आरती का महत्व हमारे सामने सर्वप्रथम उस देवी माता की प्रतिमा आती है, जिनकी संस्कृति, विद्या, कला और संगीत से संबंधित है। सरस्वती देवी को विद्या, ज्ञान, बुद्धि, कला, संगीत और उच्च स्तर की संस्कृति की देवी माना जाता है। आरती का पाठ करने से उस देवी माता के आशीर्वाद से सभी विद्यार्थी ज्ञानवान और सफल होते हैं। इसके अलावा, यह आरती संस्कृति, कला, संगीत और शब्द-शक्ति के प्रभाव से संतुलन को बढ़ाती है। सरस्वती देवी की आरती के पाठ से आपको भविष्य में उच्चतर जीवन और सफलता प्राप्त हो सकती है।

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श्री सरस्वती आरती
जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता।
 
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी।
 
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला।
 
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया।
 
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो।
 
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो।
 
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे।
 
हितकारी सुखकारी
ज्ञान भक्ति पावे॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
 
जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता।
 
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता॥
 
॥ जय सरस्वती माता ॥
॥ इति श्री सरस्वती आरती ॥