Karwa Chauth Aarti: भारत की सांस्कृतिक धरोहर में कुछ त्योहार ऐसे हैं जो सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि रिश्तों का उत्सव होते हैं। करवा चौथ ऐसा ही एक पर्व है, जो विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। करवा चौथ सिर्फ उपवास रखने का पर्व नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा दिन है जब महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं।
इस दिन महिलाएं अपने पति की व्रत की पूर्णता केवल चंद्र दर्शन और अर्घ्य तक सीमित नहीं होती — आरती इसका अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन पूजा के अंत में की जाने वाली आरती का विशेष महत्व होता है, जो पूजा को पूर्ण बनाती है और मां गौरी व भगवान शिव की कृपा पाने का माध्यम बनती है। इस लेख में आपको करवा चौथ की पारंपरिक आरती (Karwa Chauth Aarti Lyrics) का संपूर्ण पाठ, उसका भावार्थ और आरती करते समय ध्यान में रखने वाली ज़रूरी बातें मिलेंगी, ताकि आपकी पूजा न सिर्फ विधिपूर्वक हो, बल्कि उसमें सच्ची भक्ति और भाव भी झलके।

करवा चौथ की आरती केवल एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि नारी शक्ति की भक्ति और समर्पण की अभिव्यक्ति है। इस दिन की आरती:
आरती करने से व्रत में पुण्य की प्राप्ति होती है और आराधना पूर्ण मानी जाती है।
करवा चौथ की आरती आमतौर पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के तुरंत बाद की जाती है। जब महिलाएं चलनी से चांद को देखकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं, उसी क्रम में आरती की थाली सजाकर मां गौरी, भगवान शिव और करवा माता की आरती की जाती है।
हालांकि, कुछ परिवारों में आरती चंद्र दर्शन से पहले, कथा के बाद भी की जाती है। दोनों ही परंपराएं मान्य हैं, लेकिन आरती का भाव और श्रद्धा सबसे आवश्यक है।
आरती से पहले व्रती महिलाएं साफ सुथरे वस्त्र पहनती हैं (अधिकतर लाल या पीले रंग के)। फिर पूजा थाली को इस तरह सजाया जाता है:
आरती (Karwa Chauth Aarti) करते समय थाली को गोल-गोल घुमाते हुए माता के नाम का स्मरण करते हैं। साथ में महिलाएं आरती गाती हैं — समूह में आरती गाना विशेष पुण्यदायक माना जाता है।
आरती की हर पंक्ति में करवा माता और मां पार्वती से यह निवेदन किया जाता है कि वे अपने आशीर्वाद से पति की दीर्घायु, वैवाहिक सुख और घर की समृद्धि बनाए रखें।
यह आरती स्त्री की उस आंतरिक शक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति है जो परिवार के हर सदस्य को जोड़ कर रखती है।

करवा चौथ की आरती (Karwa Chauth mata ki Aarti) नारी शक्ति की श्रद्धा, प्रेम और परिवार के प्रति समर्पण की सुगंध है। यह केवल एक मंत्र या गीत नहीं, बल्कि भावों की ऐसी धारा है जो मां गौरी और शिवजी तक सीधा संदेश पहुंचाती है। आरती के माध्यम से जब महिलाएं मां के सामने अपनी प्रार्थनाएं अर्पित करती हैं, तो वह शक्ति रूपी मां हर संकट से उनकी रक्षा करती हैं।
तो इस करवा चौथ, केवल व्रत ही नहीं, भावपूर्वक आरती भी करें। अपने मन को भक्ति से भरें और प्रेम के इस पर्व को आराधना से पूर्ण करें।
Kartik Sharma, with 8 years’ experience in Vedic chanting, curates authentic Aartis, Chalisas, and Mantras, offering devotees accurate lyrics, meanings, and spiritual depth for devotional practice.