लक्ष्मी जी आरती

लक्ष्मी जी आरती

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लक्ष्मी जी की आरती हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह आरती माँ लक्ष्मी की पूजा करने वालों द्वारा नियमित रूप से गाई जाती है।

लक्ष्मी जी की आरती के गाने से भक्तों को माँ लक्ष्मी के दर्शन होते हैं और उन्हें धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद मिलती है। यह आरती माँ लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद को आमंत्रित करती है।

लक्ष्मी जी की आरती के गाने से भक्तों के मन में लक्ष्मी भक्ति का भाव उत्पन्न होता है और उन्हें लक्ष्मी देवी के आशीर्वाद की प्राप्ति में मदद मिलती है।

इसके अलावा, लक्ष्मी जी की आरती के गाने से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि, स्थिरता और समानता की प्राप्ति में मदद मिलती है। इस आरती के गाने से भक्तों के मन में अनन्त शांति और सुख का भाव उत्पन्न होता है।

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लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत,
मैया जी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता || ॐ जय ||
 
उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता
ओ मैया तुम ही जग माता
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ जय ||
 
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || ॐ जय ||
 
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता || ॐ जय ||
 
जिस घर तुम रहती तहँ सब सदगुण आता
ओ मैया सब सदगुण आता
सब सम्ब्नव हो जाता, मन नहीं घबराता || ॐ जय ||
 
तुम बिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र ना पाटा
खान पान का वैभव, सब तुम से आता || ॐ जय ||
 
शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता
रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता || ॐ जय ||
 
धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो
मैया माँ स्वीकार करो
ज्ञान प्रकाश करो माँ, मोहा अज्ञान हरो || ॐ जय ||
 
महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता || ॐ जय ||