आरती

माता पार्वती आरती

जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभफल की दाता ।।

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अन्नपूर्णा माँ की आरती

आरती देवी अन्नपूर्णा जी की बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम।।

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संतोषी माता आरती

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता ॥

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तुलसी माता आरती

जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता । सब योगों के ऊपर, सब लोगों के ऊपर, रुज से रक्षा करके भव त्राता।।

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राधा जी आरती

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि।।

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शीतला माता आरती

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता, आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता।

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महाकाली जी आरती

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेंट करें।

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