अन्नपूर्णा माँ की आरती
आरती देवी अन्नपूर्णा जी की बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम।।
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तुलसी माता आरती
जय जय तुलसी माता, सब जग की सुखदाता । सब योगों के ऊपर, सब लोगों के ऊपर, रुज से रक्षा करके भव त्राता।।
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राधा जी आरती
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि।।
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महाकाली जी आरती
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेंट करें।
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