February 24, 2025 Blog

Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics : पढ़े ॐ जय जगदीश हरे विष्णु भगवान आरती

BY : STARZSPEAK

Om Jai Jagdish Hare Lyrics : "ओम जय जगदीश हरे" आरती दुनियाभर में सबसे अधिक गाई जाने वाली भक्ति आरतियों में से एक है। यह आरती मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इसे किसी भी देवी-देवता की पूजा, अनुष्ठान या उत्सव के दौरान श्रद्धा से गाया जाता है। भक्तों का ऐसा विश्वास है कि इस आरती के नियमित पाठ से सभी देवी-देवताओं की आरती का पुण्य प्राप्त होता है।

इस आरती की रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने वर्ष 1870 में की थी। वे केवल एक विद्वान नहीं, बल्कि सनातन धर्म के प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ और हिन्दी-पंजाबी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक भी थे। पंडित श्रद्धाराम को हिन्दी साहित्य के पहले उपन्यासकार के रूप में भी जाना जाता है। उनकी आध्यात्मिक और साहित्यिक विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।


Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics:
अनुराधा पौडवाल की मधुर आवाज़ में "ॐ जय जगदीश हरे" आरती सुनें, इसके सुंदर शब्दों का आनंद लें और भक्ति की गहराइयों में डूब जाएं।

"ॐ जय जगदीश हरे" (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics) केवल एक आरती नहीं, बल्कि भगवान विष्णु के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने का एक सुंदर माध्यम है। इसके दिव्य शब्द भगवान विष्णु के महान गुणों का गुणगान करते हैं और उन्हें संपूर्ण सृष्टि के पालनहार के रूप में स्थापित करते हैं। जब इसे श्रद्धापूर्वक गाया जाता है, तो मन में भक्ति और प्रेम की भावना जागृत होती है और आसपास का वातावरण भी पवित्र हो जाता है। यह आरती न केवल शांति, सुख और समृद्धि का संचार करती है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी सहायक होती है।

!! Om Jai Jagdish Hare Lyrics !!

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे । 
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे ।।  

ॐ जय जगदीश हरे,
ॐ जय जगदीश हरे,  
स्वामी जय जगदीश हरे  
भक्त ज़नो के संकट, दास ज़नो के संकट 
क्षण में दूर करे ।। 

ॐ जय जगदीश हरे,
जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का । 
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे । 
कष्ट मिटे तन का ।। 
ॐ जय जगदीश हरे ..।। 

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं किसकी । 
तुम बिन और ना दूजा,
तुम बिन और ना दूजा,
आस करूँ जिसकी ।। 
ॐ जय जगदीश हरे.. ।। 

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अंतरियामी । 
स्वामी तुम अंतरियामी,
पार ब्रह्म परमेश्वर,
पार ब्रह्म परमेश्वर ,
तुम सबके स्वामी ।। 
ॐ जय जगदीश हरे..।। 

तुम करुणा के सागर,
तुम पालन करता । 
स्वामी तुम पालन करता,
मैं मूरख खलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता ।। 
ॐ जय जगदीश हरे..।। 

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राण पति । 
स्वामी सबके प्राण पति,
किस विध मिलु दयामय, 
किस विध मिलु दयामय, 
तुम को मैं कुमति ।। 
ॐ जय जगदीश हरे…।। 

दीन बन्धु दुःख हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे । 
स्वामी रक्षक तुम मेरे,
अपने हाथ उठाओ,
अपनी शरण लगाओ 
द्वार पड़ा तेरे ।। 
ॐ जय जगदीश हरे..।। 

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा । 
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ।। 
ॐ जय जगदीश हरे.. ।। 

ओम जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।। 
भक्त ज़नो के संकट,
दास ज़नो के संकट,
क्षण में दूर करे ।। 
ॐ जय जगदीश हरे,
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।। 
भक्त ज़नो के संकट,
दास जनो के संकट, 
क्षण में दूर करे । 
ॐ जय जगदीश हरे ।।


Om Jai jagdish hare Lyrics


आरती करते समय इन बातों का रखें ध्यान

  1. शुद्ध और श्रद्धापूर्ण मन: आरती करते समय मन को शुद्ध और शांत रखें, भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति से भरपूर भाव रखें। (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics)
  2. सही मुद्रा अपनाएं: आरती के दौरान सीधे खड़े रहें या आरामदायक मुद्रा में बैठें। आंखें बंद कर भगवान के दर्शन पर ध्यान केंद्रित करें।
  3. शुद्ध दीपक जलाएं: शुद्ध घी का दीपक जलाकर धीरे-धीरे घुमाते हुए श्रद्धापूर्वक आरती करें।
  4. एकाग्रता बनाए रखें: आरती के दौरान दीपक की ज्योति या भगवान की मूर्ति पर ध्यान केंद्रित करें।
  5. शुद्ध उच्चारण करें: आरती के शब्दों का स्पष्ट और सही उच्चारण करें, ताकि आराधना का प्रभाव बढ़े।
  6. नियमित रूप से करें: रोजाना आरती करने से आस्था गहरी होती है और भगवान से आत्मीय जुड़ाव महसूस होता है। (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics)
  7. स्वच्छता का ध्यान रखें: साफ कपड़े पहनें और शरीर को स्वच्छ रखें, ताकि आरती का आध्यात्मिक प्रभाव और बढ़े।
  8. शांत वातावरण बनाएं: आरती के दौरान घर में शांति बनाए रखें, ताकि ध्यान भंग न हो और भक्ति का माहौल बना रहे।
  9. सामूहिक आरती का महत्व: यदि संभव हो, तो परिवार या समूह के साथ आरती करें। इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और आपसी जुड़ाव भी मजबूत होता है।
  10. चिंता-मुक्त रहें: आरती करते समय दुनियावी चिंताओं को भूलकर पूर्ण भक्ति और समर्पण के साथ भगवान की आराधना में डूब जाएं। (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics)

आरती करने के लाभ 

  1. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति: आरती के दौरान भगवान के चरणों में समर्पण से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है।
  2. एकाग्रता में वृद्धि: आरती करने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है, जिससे मानसिक स्थिरता विकसित होती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मकता दूर होती है।
  4. आत्मविश्वास में वृद्धि: नियमित आरती करने से व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास बढ़ता है और सकारात्मक भावनाओं का संचार होता है।
  5. आध्यात्मिक जुड़ाव: आरती करने से भगवान के प्रति आस्था गहरी होती है और आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  6. पारिवारिक एकता: परिवार के सभी सदस्यों के साथ आरती करने से आपसी प्रेम और जुड़ाव मजबूत होता है।
  7. संस्कृति से जुड़ाव: आरती हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें अपनी परंपराओं से जोड़े रखता है। (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics)

नियमित रूप से आरती करने से न केवल हमारी आत्मा को शुद्धता का अनुभव होता है, बल्कि हमारे परिवार और वातावरण में भी एक दिव्य ऊर्जा का संचार होता है। "ॐ जय जगदीश हरे" (Anuradha Paudwal Om Jai Jagdish Hare Lyrics) के भक्तिमय स्वर में डूबकर ईश्वर की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को आनंदमय बनाएं।