May 20, 2025 Blog

Kuber Ji Ki Aarti: कुबेर जी की आरती करने से घर में भरा रहता है धन का भंडार

BY : STARZSPEAK

Kuber Ji Ki Aarti: जिस प्रकार माता लक्ष्मी को धन प्रदायिनी देवी कहा जाता है, उसी प्रकार भगवान कुबेर जी को समस्त देवताओं के धन के रखवाले यानी कोषाध्यक्ष के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी ने धन और वैभव से जुड़ी जिम्मेदारी कुबेर जी को सौंपी है। इसलिए वे धन के देवता कहलाते हैं।

धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लोग लक्ष्मी माता के साथ भगवान कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। खासतौर पर धनतेरस के दिन दोनों की आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है।

अगर आप अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि चाहते हैं तो रोजाना भगवान कुबेर के मंत्र का 108 बार जाप करें और फिर उनकी आरती (Kuber Aarti) करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन से जुड़ी परेशानियों में धीरे-धीरे सुधार आने लगता है।

आइए जानते है कुबेर जी की आरती के बोल (Kuber ji Ki Aarti Lyrics) उसका महत्त्व एवं उनके मंत्र


!! कुबेर जी की आरती !!

!! Kuber Ji Ki Aarti Lyrics !!

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥

kuber aarti

स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥

गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥


कुबेर देव आहुति मंत्र


कुबेर देव
को समर्पित आहुति देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें:

जपतामुं महामन्त्रं होमकार्यो दिने दिने

दशसंख्य: कुबेरस्य मनुनेध्मैर्वटोद्भवै

"हर दिन अग्नि में हवन के लिए कुबेर के इस महा मंत्र का जाप करें, और उन्हें वटवृक्ष की लकड़ियों से दस बार आहुति अर्पित करें।"

यह मंत्र बताता है कि भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त करने हेतु प्रतिदिन उनकी स्तुति करते हुए विशिष्ट विधि से हवन करना चाहिए।


कुबेर जी कौन हैं? (Who Is Kuber Ji) 


हिंदू धर्म में भगवान कुबेर को धन, वैभव और समृद्धि के देवता माना गया है। वे देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं और धन की देवी माता लक्ष्मी के धन संबंधी कार्यों के प्रमुख अधिकारी भी। पुराणों के अनुसार, भगवान कुबेर उत्तर दिशा के स्वामी हैं और अलकापुरी में उनका भव्य महल है। वे एक ऐसे देवता हैं जो केवल भौतिक समृद्धि ही नहीं, बल्कि स्थायित्व और सुरक्षा का भी प्रतीक माने जाते हैं।


कुबेर आरती क्यों करनी चाहिए? (Why should Kuber Aarti be performed?)

भगवान कुबेर की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है। यदि किसी के जीवन में धन की तंगी है, लगातार खर्च बढ़ते जा रहे हैं, या कमाई टिक नहीं रही — तो कुबेर जी की आरती और पूजा करने से सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है।

कहा जाता है कि जब माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर दोनों की पूजा की जाती है, तो केवल धन ही नहीं, उसकी रक्षा और वृद्धि भी होती है।

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कुबेर आरती से क्या लाभ होते हैं? (What are the benefits of Kuber Ji Ki Aarti?)

  • आर्थिक तंगी दूर होती है

  • व्यापार और नौकरी में लाभ होता है

  • घर में लक्ष्मी का स्थायित्व बना रहता है

  • खर्चों पर नियंत्रण आता है

  • धन की हानि और चोरी से बचाव होता है

  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

कुबेर आरती कैसे करें?(How to perform Kuber Ji Aarti?)
 

  1. सुबह या शाम साफ-सुथरे स्थान पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।

  2. भगवान कुबेर की मूर्ति या तस्वीर को लाल या पीले कपड़े पर रखें।

  3. धूप, दीप, अक्षत, फूल, गुड़, बताशे और नारियल अर्पित करें।

  4. कुबेर मंत्र "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधन्याधिपतये धनधन्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥" का जाप करें।

  5. इसके बाद कुबेर जी की आरती करें — जिसे आप दीप जलाकर श्रद्धा से गा सकते हैं।

कुबेर आरती कब करें? (When to perform Kuber Ji Ki Aarti?) 

  • धनतेरस, दीपावली की रात

  • अक्षय तृतीया, दूर्वा अष्टमी, या पूर्णिमा पर

  • विशेष रूप से शुक्रवार और अमावस्या को

  • प्रतिदिन सुबह-शाम भी की जा सकती है, विशेषकर अगर धन संबंधित समस्या चल रही हो।

नोट:

कुबेर जी की पूजा करते समय मन साफ़ और भावना शुद्ध होनी चाहिए। केवल धन की कामना नहीं, उसका सदुपयोग और दान का भाव भी ज़रूरी है। तभी कुबेर जी की कृपा स्थायी रूप से जीवन में बनी रहती है।

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