नीले घोड़े पर सवार बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि नियमित खाटू श्याम (Khatu Shyam Ji Ki Aarti) जी की पूजा और आरती करने से जातक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मिटा दिया गया.
Khatu Shyam Aarti Lyrics: कलियुग में श्री कृष्ण के अवतार के रूप में पूजे जाने वाले बाबा खाटू श्याम जी को सबसे बड़ा दानी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपना शीश दान कर दिया था। धार्मिक मान्यता है कि खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वह बहुत वीर योद्धा थे। देवी दुर्गा ने उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया था। अपने प्राणों की परवाह किये बिना उसका सिर धड़ से अलग करने वाले बर्बरीक से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उसे वरदान दिया था कि कलियुग में वह श्याम नाम से प्रसिद्ध होगा।
कलियुग में जो भी उनका नाम लेगा, उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। नीले घोड़े पर सवार बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, लखदातार, शीश का दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि नियमित खाटू श्याम जी की पूजा और आरती करने से जातक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां हम खाटू श्याम जी (Khatu Shyam Ji Ki Aarti) आरती लिरिक्स लेकर आए हैं, जिसके जरिए आप इसे पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं...
यह भी पढ़ें - Khatu Shyam Ji Ki Aarti: खाटू श्याम जी की आरती के जानिए लाभ और महत्व
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय – जयकार करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम – श्याम उचरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥