April 2, 2025 Blog

Anuradha Paudwal Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics: यहाँ पढ़े रामायण आरती हिंदी में

BY : STARZSPEAK

Anuradha Paudwal Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics

श्री रामायण जी की आरती भगवान श्रीराम की स्तुति का एक पावन रूप है, क्योंकि रामायण स्वयं प्रभु श्रीराम की दिव्य लीलाओं और आदर्शों का संकलन है। इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है और वह अपने पापों के प्रभाव से मुक्त होकर प्रभु की कृपा पाने योग्य बन जाता है।

रामनवमी सहित अन्य शुभ अवसरों पर रामायण की आरती (Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics) करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। लेकिन इसे केवल विशेष अवसरों तक सीमित नहीं रखना चाहिए—जो भी भक्त प्रतिदिन श्रद्धा और भक्ति के साथ इस आरती का पाठ करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

इस आरती का मधुर और भक्तिमय गायन प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल जी ने किया है, जिनकी सुरीली आवाज इस आरती को और अधिक प्रभावशाली बनाती है। जब भक्तजन श्रद्धा से इस आरती का गान करते हैं, तो वातावरण भक्तिमय हो उठता है और हृदय में रामभक्ति की गंगा प्रवाहित होने लगती है।

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!! आरती श्री रामायणजी की !!


!! Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics !!


आरती श्री रामायणजी की। 
कीरति कलित ललित सिय पी की।।
गावत ब्रहमादिक मुनि नारद। 
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद।।
शुक सनकादिक शेष अरु शारद। 
बरनि पवनसुत कीरति नीकी।।

आरती श्री रामायणजी की।।
गावत बेद पुरान अष्टदस। 
छओं शास्त्र सब ग्रंथन को रस।।
मुनि जन धन संतान को सरबस। 
सार अंश सम्मत सब ही की।।

आरती श्री रामायणजी की।।
गावत संतत शंभु भवानी।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी।।
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी।
कागभुशुंडि गरुड़ के ही की।।

आरती श्री रामायण जी की।।

कलिमल हरनि बिषय रस फीकी।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की।।
दलनि रोग भव मूरि अमी की।
तात मातु सब बिधि तुलसी की।।


आरती श्री रामायणजी की।

कीरति कलित ललित सिय पीय की।।


भगवान राम स्तुति

नीलाम्बुज श्यामलकोमलांग सीता समारो पितवाम भागम्। पाणौ महासायक चारुचापं नमामि रामं रघवशं नाथम्।।


श्री जानकी वंदना

उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम् । सर्वश्रेयस्करीं सीतां नथोऽहं रामवल्लभाम्।।

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श्री रामायण जी की आरती का महत्व (Importance Of Aarti Shree Ramayan Ji Ki)

श्री रामायण जी की आरती न केवल प्रभु श्रीराम की स्तुति का माध्यम है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिक शांति, सकारात्मकता और पुण्य प्रदान करने वाला एक प्रभावशाली साधन भी है। रामायण स्वयं धर्म, कर्तव्य, प्रेम और मर्यादा का प्रतीक है, और इस आरती के माध्यम से भक्त श्रीराम के दिव्य आदर्शों से जुड़ते हैं।

इस आरती का प्रभाव और महत्व (Aarti Shree Ramayan Ji Ki Impact and Importance) 


पापों से मुक्ति
: यह आरती भक्त को पापों के प्रभाव से मुक्त कर आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।

सकारात्मक ऊर्जा: नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहती है।

मानसिक शांति: श्रीराम का नाम जपने से मन को शांति मिलती है और सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है।

परिवार में सुख-समृद्धि: इस आरती के प्रभाव से घर में सकारात्मकता बनी रहती है और कलेश दूर होते हैं।

शत्रु नाश एवं विजय: श्रीराम की भक्ति से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, जैसा कि श्रीराम ने स्वयं रावण पर विजय प्राप्त की थी।

रामायण के अमर शब्द:

रामायण में कई ऐसे श्लोक और दोहे हैं जो हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाते हैं। इस आरती का संबंध भी उन्हीं दिव्य उपदेशों से है—

"रामो विग्रहवान् धर्मः सदा रामो सतां गतिः।"

(अर्थ: श्रीराम धर्म के मूर्तिमान स्वरूप हैं और वे सदा सज्जनों के आश्रयदाता हैं।)


"सीता राम चरित अति पावन। मधुर सरस अरु अति मनभावन।।"

(अर्थ: श्रीराम और सीता जी की कथा अत्यंत पावन, मधुर, सरस और मनमोहक है।)


"राम नाम मनि दीप धरु जीह देहरीं द्वार।

तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजियार।।"

(अर्थ: यदि आप अपने जीवन को रोशन करना चाहते हैं, तो श्रीराम के नाम रूपी दीपक को अपनी जिह्वा रूपी देहरी पर स्थापित करें।)


रामायण की आरती का सही समय और विधि (Correct Time and Method of Ramayan Aarti)

  • रामनवमी, दशहरा, दीपावली या अन्य विशेष अवसरों पर इसका गान अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • प्रतिदिन प्रातः और संध्या को इसे गाने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका पाठ करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।


आरती की दिव्यता और भक्ति भाव

इस आरती को जब भक्त श्रद्धा के साथ गाते हैं, तो वातावरण भक्तिमय हो उठता है और प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल जी की मधुर आवाज में गाई गई यह आरती भक्तों के हृदय को भक्ति और आनंद से भर देती है।

श्रीराम भक्तों के लिए यह आरती (Aarti Shree Ramayan Ji Ki Lyrics) केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रभु के प्रति प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है। जो भी भक्त सच्चे हृदय से इस आरती का गान करता है, वह प्रभु श्रीराम की असीम कृपा का पात्र बन जाता है।

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