March 19, 2025 Blog

Bhaye Pragat Kripala Lyrics: रामनवमी पर जरूर पढ़े श्री रामचंद्र जी की ये स्तुति

BY : STARZSPEAK

श्री रामअवतार स्तुति – भगवान राम के दिव्य अवतरण का मधुर गान

श्री रामअवतार स्तुति (Bhaye Pragat Kripala Lyrics) भगवान श्रीराम के इस धरती पर आगमन की महिमा का गुणगान करती है। यह स्तुति भक्तों के हृदय में प्रभु राम के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम जागृत करती है। जब भी यह स्तुति गूंजती है, भक्तों के मन में एक दिव्य आनंद और शांति का संचार होता है, मानो स्वयं श्रीराम ने अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया हो।


इस स्तुति का महत्व

श्रीराम भक्तों के लिए यह स्तुति (Bhaye Pragat Kripala lyrics) किसी मंत्र से कम नहीं है। इसमें भगवान राम के जन्म, उनके गुणों, उनकी लीलाओं और उनकी कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है। यह स्तुति सुनने मात्र से ही मन में भक्ति का प्रवाह उमड़ पड़ता है और व्यक्ति सांसारिक चिंताओं से मुक्त होकर प्रभु राम के चरणों में रम जाता है।


श्री रामअवतार स्तुति की खासियत

  • यह स्तुति भगवान राम के अवतरण को दिव्य रूप में प्रस्तुत करती है।
  • इसकी मधुरता और भावनात्मकता भक्तों के मन को मोह लेती है।
  • इसे सुनने के बाद भक्तों के मन में बस राम नाम की गूंज रह जाती है।
  • यह स्तुति संस्कारों से भरपूर है, जिसे सुनने मात्र से व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित होता है।

राम भक्ति की अनुभूति

श्री राम अवतार स्तुति (Bhaye Pragat Kripala lyrics) केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि भगवान राम के प्रति भक्ति का एक मधुर और आध्यात्मिक अनुभव है। इसे सुनने और गाने से हृदय में भक्ति, प्रेम और आनंद की तरंगे उमड़ पड़ती हैं। यदि आप कभी मानसिक शांति चाहते हैं या अपने जीवन में किसी शुभ कार्य की शुरुआत कर रहे हैं, तो इस स्तुति का गान करें और भगवान राम की कृपा प्राप्त करें।

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!! भए प्रगट कृपाला दीनदयाला !!
!! Bhaye Pragat Kripala Lyrics !!

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी ॥

कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ॥

करुना सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ॥

ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
दोहा:
बिप्र धेनु सुर संत हित,
लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु,
माया गुन गो पार ॥

कब गाई जाती है श्री रामअवतार स्तुति?

श्री रामअवतार स्तुति (Bhaye Pragat Kripala lyrics) विशेष रूप से ऐसे अवसरों पर गाई जाती है जब किसी के जीवन में नई शुरुआत होती है। यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि भगवान राम की कृपा को आमंत्रित करने का एक माध्यम है। इसे खासतौर पर निम्नलिखित अवसरों पर गाया जाता है:

  1. नवजात शिशु के जन्म पर (सोहर) – जब किसी घर में शिशु का जन्म होता है, तो घर के बुजुर्ग और परिवारजन भगवान राम के इस दिव्य स्तुति का गान करते हैं। यह स्तुति शिशु के जीवन में सुख, समृद्धि और संस्कारों का संचार करने का प्रतीक मानी जाती है।
  2. रामनवमी के अवसर पर – भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर इस स्तुति (Bhaye Pragat Kripala lyrics) का पाठ विशेष रूप से किया जाता है, जिससे प्रभु के जन्म का दिव्य आनंद भक्तगण अनुभव कर सकें।
  3. जन्मदिन पर – श्रीराम की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति के जन्मदिन पर यह स्तुति गाई जाती है। इससे पूरे परिवार में एक भक्तिमय और सकारात्मक माहौल बनता है।
  4. गृह प्रवेश और शुभ अवसरों पर – जब कोई नया घर बनता है या कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो इस स्तुति का गान करने से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  5. भजन संध्या और सत्संग में – रामभक्त इस स्तुति को भजन मंडली में गाते हैं, जिससे माहौल भक्तिमय और आनंदमय हो जाता है।

निष्कर्ष

भगवान राम केवल एक ऐतिहासिक या धार्मिक व्यक्तित्व नहीं हैं, बल्कि वे त्याग, मर्यादा, भक्ति और प्रेम के प्रतीक हैं। इस स्तुति के माध्यम से हम उनके अवतरण का स्मरण कर अपने जीवन में उनके आदर्शों को आत्मसात कर सकते हैं। जब भी यह स्तुति (Bhaye Pragat Kripala lyrics) गाई जाती है, भक्तों के मन में प्रभु राम की छवि और उनके दिव्य गुणों की अनुभूति होने लगती है।
अतः, यदि आप अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति और प्रभु राम का आशीर्वाद चाहते हैं, तो इस स्तुति का गान अवश्य करें और अपने हृदय को भक्ति और श्रद्धा से भर लें।


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