November 8, 2024 Blog

Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics: पढ़े श्री राम स्तुति का सम्पूर्ण पाठ

BY : STARZSPEAK

Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics: सनातन धर्म में भगवान राम के प्रति अटूट आस्था है, और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में सम्मानित किया जाता है। भगवान श्रीराम, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं, अपने आदर्श चरित्र और धरती पर किए गए कार्यों के लिए पूजे जाते हैं। द्वापर युग में, वह अयोध्या के राजा दशरथ के घर, लम्बी प्रतीक्षा और मनोकामनाओं के बाद अवतरित हुए थे। 

यदि आप भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं, तो श्रीराम स्तुति का पाठ करना आवश्यक माना जाता है। यह माना जाता है कि बिना श्रीराम स्तुति के पाठ के पूजा अधूरी रह जाती है। श्रीराम स्तुति का नियमित रूप से पाठ करने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं, और इससे भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Shree Ram स्तुति:  श्री रामचंद्र कृपालु भजमन एक अत्यंत लोकप्रिय भगवान श्री राम कि स्तुति है जो हमें भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और भक्ति की गहराइयों को उजागर करता है। इस भजन के रचयिता संत तुलसीदास हैं, जिन्होंने इसे अपने अद्भुत ग्रंथ रामचरितमानस में लिखा। इस भजन में श्रीराम के सौम्य, स्नेहमयी और करूणामयी रूप का वर्णन किया गया है, जो भक्तों के हृदय में असीम प्रेम और भक्ति का संचार करता है।

Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics 
श्रीराम स्तुति
॥दोहा॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥


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इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥


॥सोरठा॥

जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

 

स्तुति की पंक्तियाँ "श्री रामचंद्र कृपालु भजमन, हरण भवभय दारुणं"(Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics) से ही स्पष्ट होता है कि यह भजन जीवन के कष्टों, भय और अशांति को हरने का आह्वान करता है। भगवान राम को कृपालु और करुणा के सागर के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो सभी भक्तों के संकट हरने में सक्षम हैं। भजन में उनके रूप, शील और शांति का उल्लेख करते हुए संत तुलसीदास ने भगवान के हर गुण को मानवीय दृष्टिकोण से जोड़कर लिखा है, जिससे हर पंक्ति दिल को छूने वाली बन जाती है।
इस स्तुति (Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics) में भगवान राम की मुस्कान, उनकी विनम्रता, अनुपम सौंदर्य और शांत स्वभाव का सुंदर वर्णन किया गया है। इस भजन को सुनने या गाने से मन को गहरी शांति, प्रेम और आस्था का अनुभव होता है। माना जाता है कि इस भजन का नियमित जाप करने से मन में स्थिरता आती है और नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही, यह व्यक्ति के भीतर आंतरिक शक्ति और साहस को जाग्रत करता है।

श्री रामचंद्र कृपालु भजमन (Shree Ram Chandra Kripalu Lyrics) केवल एक भजन नहीं, बल्कि जीवन को प्रेरित करने वाला एक मार्गदर्शक है। इसका संदेश सरल है: अपने जीवन के कष्टों और भय को भगवान राम की शरण में समर्पित करें, और वे अवश्य ही हर दुःख दूर करेंगे।

 

श्री राम स्तुति करने से होते है बजरंगबली प्रशन्न 

भगवान राम का नाम लेने से उनके परम भक्त हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं, इसलिए बजरंगबली की पूजा से पहले श्रीराम की इस स्तुति का जाप कर उनकी कृपा प्राप्त करें। भगवान श्रीराम, भगवान विष्णु के अवतार हैं, जो रावण के विनाश के लिए पृथ्वी पर आए थे। 
हिंदू परंपरा में, श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में देखा जाता है, जो एक आदर्श व्यक्तित्व और मानवीय पूर्णता का सर्वोत्तम उदाहरण हैं। भगवान कृष्ण के साथ, उन्हें भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक माना गया है, जो धर्म के रक्षक और हिंदू त्रिमूर्ति के अंग हैं। राम-केंद्रित संप्रदायों में, उन्हें सर्वोच्च ईश्वर के रूप में पूजा जाता है। श्रीराम धर्म, सदाचार और उचित कर्म के दृढ़ पालन के प्रतीक हैं।


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