श्री खाटू श्याम जी आरती (Shri Khatu Shyam Ji Aarti)

श्री खाटू श्याम जी आरती

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श्री खाटू श्याम जी की आरती उनके भक्तों द्वारा प्रतिदिन उत्साह से संगीत, प्रार्थना और दीप पूजा के साथ चालीसा के रूप में गायी जाती है। यह आरती खाटू श्याम जी के भक्तों के द्वारा प्रचलित है और इसमें उनकी महिमा का वर्णन किया जाता है।

इस आरती को गाने से खाटू श्याम जी के भक्तों को उनके चरणों में अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर मिलता है। यह आरती उन्हें उनके जीवन के कठिन पलों में संबल देती है और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायता करती है। इस आरती का गाना भक्तों को सुकून देता है और उन्हें खाटू श्याम जी के प्रति अधिक विश्वास करने में मदद करता है।

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ॐ जय श्री श्याम हरे,
प्रभु जय श्री श्याम हरे।
 
निज भक्तन के तुमने
पूरन काम करे।
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
गल पुष्प की माला,
सिर पर मुकुट धरे
पीत बसन पीताम्बर,
कुण्डल कर्ण पड़े
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
रत्न सिंहासन राजत,
सेवक भक्त खड़े
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जड़े
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
मोदा खीर चूरमा ,
सुवर्ण थाल भरे
सेवक भोग लगावत
सिर पर चंवर ढुरे
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
झांझ नगाड़ा और घड़ि़यावल,
शंख मृदंग धुरे।
 
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे॥
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे।
 
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे॥
 
॥ हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ॥
 
‘श्री श्याम बिहारीजी’ की आरती,
जो कोई नर गावे।
 
कहत ‘दासकमल’ स्वामी,
मनवांछित फल पावे॥
 
॥ इति श्री खाटू श्याम आरती ॥