September 9, 2025 Blog

Griha Pravesh Tips : गृह प्रवेश से पहले जान लें ये शुभ नियम, घर में आएगी खुशहाली

BY : Raghav Kapoor – Vastu Consultant & Architectural Advisor

Griha Pravesh Tips: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर हो, जहां वह अपने परिवार के साथ सुकून, प्यार और खुशियों के पल बिता सके। इस सपने को पूरा करने के लिए इंसान दिन-रात मेहनत करता है, क्योंकि घर सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि हमारी ज़िंदगी की बुनियादी ज़रूरत और भावनाओं का केंद्र होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नए घर में प्रवेश (Griha Pravesh) करने से पहले पूजा-पाठ करवाना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का वास होता है। हिंदू धर्म में यह भी मान्यता है कि गृह प्रवेश हमेशा शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए। खासतौर पर आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और पौष के महीनों में गृह प्रवेश करना वर्जित माना गया है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार, सिर्फ शुभ मुहूर्त ही नहीं, बल्कि कुछ विशेष नियम और तैयारियां भी गृह प्रवेश से पहले और बाद में ज़रूर पूरी करनी चाहिए, ताकि घर में खुशहाली और सौभाग्य स्थायी रूप से बना रहे।

गृह प्रवेश से पहले जरूर देखे तिथि, वार, नक्षत्र आदि  (Before Griha Pravesh, Check the Date, Day, Constellation etc.)

हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य से पहले सही मुहूर्त देखना बेहद जरूरी माना जाता है। गृह प्रवेश के समय भी यही परंपरा निभाई जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी बताते हैं कि गृह प्रवेश का सही समय (Griha Pravesh Muhurat) तय करते समय नक्षत्र, तिथि, वार और लग्न का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इन चार बातों को ध्यान में रखकर आसानी से सही मुहूर्त निकाला जा सकता है।

गृह प्रवेश के लिए शुभ नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा और रेवती नक्षत्र को गृह प्रवेश के लिए शुभ माना जाता है।

गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथि – शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, दशमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथियां इस कार्य के लिए उत्तम मानी गई हैं।

गृह प्रवेश के लिए शुभ वार – सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार इस काम के लिए शुभ माने जाते हैं।

गृह प्रवेश के लिए शुभ लग्न – वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ लग्न को सर्वोत्तम माना गया है, जबकि मिथुन, कन्या, धनु और मीन लग्न मध्यम माने जाते हैं। लग्नेश का मजबूत होना, केंद्र या त्रिकोण में शुभ ग्रह होना और 3, 6, 10 व 11वें भाव में पाप ग्रह होना शुभ माना जाता है।

ध्यान रखें, रिक्ता तिथियां (चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी) और शनिवार को गृह प्रवेश से बचना चाहिए।

गृह प्रवेश से पहले वास्तु पूजा (Vastu Puja Before Griha Pravesh) कराना जरूरी है। उसके बाद ब्राह्मण भोज करवाना भी शुभ माना जाता है। नए घर में तुलसी का पौधा लगाना, मुख्य द्वार के आस-पास ऊं और स्वस्तिक जैसे शुभ चिह्न बनवाना भी सौभाग्य लाता है।

सही मुहूर्त में परिवार और प्रियजनों के साथ मंगलगीत गाते, शंख बजाते हुए गृह प्रवेश करना घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए उत्तम माना जाता है।

griha Pravesh Tips


आपके नए घर के लिए गृह प्रवेश टिप्स (Griha Pravesh Tips for Your New Home)

1. शुभ तारीख चुनें

गृह प्रवेश के लिए सही तारीख का चुनाव बेहद अहम है। सही समय पर की गई पूजा से घर में खुशहाली, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि का आगमन होता है। शुभ मुहूर्त में वास्तु देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

2. घर को अच्छी तरह साफ करें

पूजा से पहले घर की पूरी तरह सफाई करना जरूरी है। वैदिक मान्यताओं के अनुसार, नमक या सिरके मिले पानी से पोछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। हर कोने की सफाई पर विशेष ध्यान दें।

3. गंगाजल से शुद्धिकरण

गंगाजल को बेहद पवित्र माना गया है। घर में आम के पत्तों की मदद से गंगाजल छिड़कने से घर में शांति और सौभाग्य का वास होता है।

4. सजावट में शुभ प्रतीकों का प्रयोग

मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण, गेंदे के ताजे फूल और स्वास्तिक या कमल के चिन्ह लगाना शुभ होता है। रंगोली बनाने से घर का माहौल उत्सव जैसा महसूस होता है।

5. पूरे घर में रोशनी फैलाएं

घर के हर कोने में दीये, मोमबत्तियां या लाइट्स जलाएं, ताकि अंधेरा घर के किसी हिस्से में न रहे। खासकर मुख्य द्वार, खिड़कियों और बालकनी को सजाकर रोशन करें।

6. वास्तु पूजा करें

गृह प्रवेश (Griha Pravesh puja) के दिन वास्तु पूजा को बहुत शुभ माना जाता है। इस पूजा से पहले सुनिश्चित करें कि घर की छत ढकी हो, दरवाजे ठीक से लगे हों और मुख्य द्वार फूलों और आम के पत्तों से सजाया गया हो। कई लोग वास्तु पूजा के साथ गणेश पूजा और नवग्रह शांति पूजा भी करवाते हैं।

7. मूर्ति स्थापना

पूजा के दौरान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में मंदिर बनाना और मूर्तियां पूर्व दिशा की ओर स्थापित करना शुभ माना जाता है। सूर्य की दिशा से आने वाली ऊर्जा घर को सकारात्मकता से भर देती है।

8. हवन की तैयारी करें

पूजा के बाद हवन किया जाता है, जिसमें जड़ी-बूटियां और लकड़ियां डालकर घर के वातावरण को शुद्ध और पवित्र किया जाता है।

9. परिजनों और मेहमानों के लिए भोजन

गृह प्रवेश (griha Pravesh) के बाद परिजनों, दोस्तों और पड़ोसियों के लिए भोजन का आयोजन करना रिश्तों को मजबूत करता है और इस खास मौके को यादगार बनाता है।

10. घर को खाली न छोड़ें

पूजा और हवन के बाद घर को कम से कम 40 दिनों तक खाली नहीं छोड़ना चाहिए। इन दिनों में घर में किसी न किसी का रहना शुभ माना जाता है।

11. शंख बजाना और नारियल फोड़ना

पूजा के समय शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और नारियल फोड़ना शुभता और नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है।

12. पूजा की वेदियां तैयार करें

पूजा के लिए निर्धारित स्थान पर कलश रखकर कई वेदियां बनाई जाती हैं, जैसे सप्त मातृका वेदी, नवग्रह वेदी, वास्तु वेदी और षोडश मातृका वेदी। इन्हीं पर पूजा की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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गृह प्रवेश के समय रखे इन बातो का ध्यान (Keep These Things In Mind while Griha Pravesh)

नए घर में प्रवेश करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना गया है। मान्यता है कि गृह प्रवेश के बाद पहली रात पूरे परिवार को नए घर में ही बितानी चाहिए। इसके अलावा, घर में प्रवेश करने के बाद कम से कम 40 दिनों तक उसे खाली न छोड़ें। अगर सभी सदस्य नए घर में साथ नहीं रुक सकते, तो कम से कम एक व्यक्ति का वहां रहना शुभ माना जाता है।

घर में प्रवेश करते समय सबसे पहले भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और वास्तु पूजा करवाना न भूलें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का वास हो। गृह प्रवेश का समय तय करने से पहले शुभ महीना, सही तिथि और उपयुक्त दिन का चयन करना भी बेहद जरूरी है।

गृह प्रवेश (Griha Pravesh Tips) के दिन घर की महिला को जल से भरा कलश लेकर पूरे घर में परिक्रमा करनी चाहिए। साथ ही हर कमरे में शुभता के प्रतीक के रूप में फूल सजाना शुभ माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बनता है। इसके अलावा, इस दिन घर में दूध उबालने की परंपरा भी बेहद मंगलकारी मानी जाती है। मान्यता है कि यह कार्य घर में सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है और हर कोने में शुभ ऊर्जा फैलाता है।

गृह प्रवेश मुहूर्त का महत्व क्या है? (What is the importance of Griha Pravesh Muhurta?)

संस्कृत में 'गृह' का अर्थ है घर और 'प्रवेश' का मतलब है घर में प्रवेश करना। जब कोई व्यक्ति अपने नए घर में पहली बार कदम रखता है, तो वह भगवान के प्रति आभार प्रकट करने और अपने घर में सुख-समृद्धि की कामना के लिए गृह प्रवेश पूजा करता है। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा नए घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनाए रखती है।

सही समय पर की गई गृह प्रवेश पूजा (Griha Pravesh Puja) से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शुभता का वास होता है। ज्योतिषाचार्य जन्मपत्री देखकर, ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार इस पूजा के लिए शुभ तारीख और समय तय करते हैं। खासकर, मुहूर्त निकालते समय नक्षत्रों को विशेष महत्व दिया जाता है।

गृह प्रवेश जीवन का एक खास अवसर होता है, जिसे हर कोई अच्छे समय और सही नक्षत्रों में करना चाहता है। शास्त्रों में भी बताया गया है कि किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत सही मुहूर्त में ही करनी चाहिए, ताकि ग्रह-नक्षत्रों की चाल से आने वाली रुकावटों से बचा जा सके और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।


गृह प्रवेश पूजा में किन बातों से बचें (What to avoid during Griha Pravesh Puja)

गृह प्रवेश पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है, ताकि नए घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। इन बातों से अवश्य बचें:

  • होली जैसे बड़े त्योहार के दिन गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है, इसलिए उस समय से बचें।

  • पूजा के दिन रातभर घर को ताला लगाकर खाली न छोड़ें। घर में दीपक जलाएं, ताकि सकारात्मकता बनी रहे।

  • गृह प्रवेश (Griha Pravesh Niyam) के बाद घर को खाली न छोड़ें। तीन दिनों के भीतर ज़रूरी सामान ज़रूर ले आएं और घर को बसाना शुरू करें।

  • अगर परिवार में कोई गर्भवती महिला है या हाल ही में किसी करीबी का निधन हुआ है, तो ऐसे समय गृह प्रवेश पूजा टाल देना ही उचित है।

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Author: Raghav Kapoor – Vastu Consultant & Architectural Advisor

Raghav Kapoor, with 10+ years of expertise, blends traditional Vastu Shastra and modern architecture to create harmonious living and working spaces that enhance prosperity, balance, and overall well-being.