February 7, 2025 Blog

Vastu For Home: घर खरीदने से पहले जान ले ये जरुरी वास्तु टिप्स नहीं तो हो सकता है नुकसान

BY : STARZSPEAK

Vastu Tips For Home: प्रॉपर्टी में निवेश एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय होता है, इसलिए इसे सोच-समझकर करना बेहद जरूरी है। अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह लगाने के लिए सतर्कता और सूझबूझ से काम लेना चाहिए। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) ऊर्जा संतुलन पर आधारित एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने में मदद करता है। यदि घर का निर्माण या चयन वास्तु के अनुरूप किया जाए, तो उसमें हमेशा सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

अगर आप नया घर खरीदने या बनाने की योजना बना रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र (Vastu For Home) के कुछ महत्वपूर्ण नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। सही दिशा, संरचना और डिजाइन के अनुसार घर चुनने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है, बल्कि जीवन में उन्नति और खुशहाली भी बनी रहती है। आइए जानते हैं कि नया घर लेते या बनवाते समय किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।

वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार (Main Entrance As Per Vastu)

हमारे देश में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) कोई नया विषय नहीं है—कुछ लोग इसे पूरी आस्था से मानते हैं, जबकि कुछ इसे जरूरी नहीं समझते। यह मतभेद स्वाभाविक है, लेकिन यदि आप वास्तु में विश्वास रखते हैं और पूर्वमुखी प्लॉट (East facing House vastu Plan) खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपको शुरू से ही वास्तु सिद्धांतों पर ध्यान देना चाहिए।

अगर आपने पहले ही पूर्वमुखी प्लॉट खरीद लिया है और महसूस कर रहे हैं कि चीजें आपके अनुकूल नहीं हो रही हैं, तो वास्तु से जुड़े कुछ उपाय आज़मा सकते हैं। पूर्वमुखी भूखंड के लिए कुछ खास वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने जीवन में शांति, सकारात्मकता और समृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं। प्रॉपर्टी खरीदते समय लोग अक्सर उसकी लोकेशन और आसपास की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन घर के निर्माण की योजना बनाते समय वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर भी विचार करना जरूरी होता है।


मुख्य प्रवेश द्वार का महत्व (Importance Of Main Entrance)

घर का प्रवेश द्वार वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में विशेष महत्व रखता है। इसे केवल एक साधारण दरवाजा नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह का स्रोत माना जाता है। आम धारणा के विपरीत, सौभाग्य और शुभता का निर्धारण केवल भूखंड की दिशा से नहीं होता, बल्कि मुख्य प्रवेश द्वार की स्थिति सबसे महत्वपूर्ण होती है। वास्तु के अनुसार, घर (Vastu For Home) का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में होना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करता है।

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वास्तु के अनुसार रसोई की सही दिशा (Kitchen Direction As Per Vastu)

घर में रसोई सिर्फ भोजन बनाने की जगह नहीं होती, बल्कि इसे ऊर्जा और समृद्धि का स्रोत माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई की सही दिशा न केवल परिवार के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि घर में सकारात्मक माहौल बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। यदि आपका घर पूर्वमुखी है, तो रसोई को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण माना जाता है। बेहतर होगा कि घर के निर्माण से पहले किसी वास्तु (Vastu For Kitchen)विशेषज्ञ से सलाह लेकर सही दिशा में रसोई का निर्माण करवाएं, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।



वास्तु के अनुसार सीढ़ियों की सही दिशा ( Right Direction Of Staircase As Per Vastu)

घर में सीढ़ियों का निर्माण सिर्फ ऊंचाई तक पहुंचने के लिए नहीं, बल्कि वास्तु (Staircase Vastu) के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। यदि आपका घर पूर्वमुखी है, तो उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में सीढ़ियां बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। यदि किसी कारणवश इस दिशा में सीढ़ियां बनानी ही पड़ें, तो वास्तु संतुलन (Vastu For Home) बनाए रखने के लिए विशेष वास्तु पिरामिड स्थापित करने की सलाह दी जाती है। छोटी-छोटी वास्तु संबंधी बातें घर के ऊर्जा प्रवाह पर गहरा असर डाल सकती हैं, इसलिए इनका ध्यान रखना जरूरी है।

पेड़-पौधे के लिए सही दिशा (Right Direction Of Plants As Per Vastu)

वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, घर में उत्तर-पूर्व दिशा को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाना शुभ फलदायी होता है। यदि आपके घर में बगीचा या लॉन है, तो इस क्षेत्र में बड़े पेड़-पौधे लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ऊर्जा प्रवाह बाधित हो सकता है। सही दिशा में पौधों का चयन करके घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता बढ़ाई जा सकती है।

वास्तु के अनुसार बाथरूम की सही दिशा (Toilet Direction As Per Vastu)

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम का निर्माण घर के उत्तर-पश्चिम (वायव्य) कोने में होना सबसे शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, बाथरूम का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम होता है। यदि बाथरूम गलत दिशा में बनाया जाए, तो इससे पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, घर का निर्माण करते समय बाथरूम की सही दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।


वास्तु के अनुसार बेडरूम सही वास्तु दिशा (Right Direction Of Bedroom As Per Vastu)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में बेडरूम की सही दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि बेडरूम गलत दिशा में हो, तो यह दांपत्य जीवन में तनाव और अस्थिरता का कारण बन सकता है। सुखद और शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन के लिए बेडरूम को दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनवाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।

वास्तु के अनुसार खिड़कियों की सही दिशा (Right Direction Of Windows As Per Vastu) 

घर में अधिक से अधिक खिड़कियां उत्तर और पूर्व दिशा में होनी चाहिए। यह घर में प्राकृतिक रोशनी और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होता है। दक्षिण और पश्चिम दिशा में छोटी खिड़कियां रखना बेहतर माना जाता है।


लिविंग रूम के लिए सही वास्तु दिशा (Living Room As Per Vastu)

घर में लिविंग रूम का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह वह स्थान है जहां परिवार के सदस्य समय बिताते हैं और मेहमानों का स्वागत किया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाना सबसे शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है और शांति व सुख-समृद्धि का वास होता है।


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वास्तु के अनुसार नींव खुदाई और निर्माण (Foundation Digging And Construction According To Vastu)

नींव खुदाई की शुरुआत हमेशा उत्तर और पूर्व दिशा से करनी चाहिए, जबकि पश्चिम की खुदाई सबसे अंत में करें। दीवारों के निर्माण में सबसे पहले दक्षिण दिशा की दीवार बनवाएं, फिर पश्चिम की दीवार और अंत में उत्तर व पूर्व की दीवारों का निर्माण करें।


पानी के स्रोत की दिशा (Direction Of Water Source According To Vastu)

पानी के नल, हैंडपंप या बोरवेल लगाने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। भूलकर भी पानी का स्रोत दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए।

 

घर खरीदने से पहले अपनाएं अन्य वास्तु नियम (Follow Other Vastu Tips For Home)

  1.  फ्लैट या सोसाइटी में घर खरीदने से पहले वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना जरूरी है। यदि सोसाइटी में स्विमिंग पूल है, तो उसे उत्तर दिशा में होना चाहिए, जबकि टेनिस लॉन, क्लब और मीटिंग एरिया के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
  2. फ्लैट का मुख्य द्वार इस तरह होना चाहिए कि उसके ठीक सामने कोई सीढ़ी न हो, क्योंकि यह घर में शुभ ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकती है। यदि मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध या बाधा है, तो वहां एक उजली लाइट लगाने से वास्तु दोष कम किया जा सकता है।
  3. फ्लैट खरीदते समय यह भी जांच लें कि घर के सामने कोई बड़ा खंभा न हो और दीवारों के बाहरी किनारे नुकीले न हों, क्योंकि ये वास्तु दोष उत्पन्न कर सकते हैं। इसके अलावा, सोसाइटी के प्लॉट का आकार वर्गाकार या आयताकार होना शुभ माना जाता है।
  4. फ्लैट के आंतरिक डिजाइन पर भी ध्यान देना जरूरी है। कभी-कभी बिल्डर्स बेहतर वेंटिलेशन देने के लिए फ्लैट का असंतुलित डिजाइन बना देते हैं, जो वास्तु दोष की श्रेणी में आता है। फ्लैट का मुख्य द्वार इस प्रकार होना चाहिए कि प्रवेश करते ही बेडरूम या टॉयलेट नजर न आए।
  5. कुछ सोसाइटी में पार्किंग बेसमेंट के बजाय ग्राउंड फ्लोर पर दी जाती है, जिससे प्रथम तल पर रहने वालों के घरों का आधार कमजोर हो जाता है। बेहतर होगा कि सोसाइटी में पार्किंग की व्यवस्था बेसमेंट में हो, ताकि घर का मूल ढांचा मजबूत बना रहे।

  6. घर के रंगों का चयन भी वास्तु के अनुसार करना चाहिए। हल्के और सात्विक रंग जैसे सफेद, हल्का पीला, क्रीम, हल्का नीला आदि शुभ माने जाते हैं। खासतौर पर छतों को सफेद रंग में रंगवाना सबसे उत्तम माना जाता है।

वास्तु के इन नियमों का पालन करके आप अपने नए घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रख सकते हैं।


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