September 11, 2025 Blog

Kundali Milan: शादी के लिए कुंडली मिलान में योनि मिलान का क्या है महत्त्व और क्यों है जरुरी

BY : Diksha Kaushal – Relationship Astrologer & Compatibility Expert

Kundali Milan: विवाह हर किसी के जीवन का सबसे खास और प्रतीक्षित अवसर होता है। भारतीय परंपरा में इस रिश्ते को सफल और सुखमय बनाने के लिए कुंडली मिलान (Kundali Matching) की प्रथा अपनाई जाती है। इसमें दूल्हा और दुल्हन की जन्म कुंडलियों का मिलान कर यह जाना जाता है कि उनका दांपत्य जीवन कितना सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध रहेगा।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, 36 गुणों का मिलान किया जाता है। हालांकि केवल गुणों की संख्या ही काफी नहीं होती, बल्कि अन्य ग्रह-योग, दशा काल और दोषों पर भी विचार किया जाता है। इसलिए ज्योतिषी संपूर्ण जन्मपत्री का गहराई से विश्लेषण करके विवाह के लिए उचित मार्गदर्शन देते हैं।

इन सभी पहलुओं में से एक महत्वपूर्ण पहलू है योनि मिलान (Yoni Milan) । यह जन्म नक्षत्र और 14 पशु-स्वभावों पर आधारित होता है। योनि मिलान से यह समझा जाता है कि दंपति के बीच शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक सामंजस्य कैसा रहेगा। यह न केवल दांपत्य जीवन की आत्मीयता बल्कि उनके आपसी व्यवहार और दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।

इसी कारण, विवाह से पहले योनि मिलान (Yoni Milan) को एक अनिवार्य मानदंड माना जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि संबंध में प्रेम, समझ और स्थिरता बनी रहे।


कुंडली मिलान (Kundali Matching)

कुंडली मिलान (Kundali Milan) के विस्तृत विश्लेषण में आठ प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है। इनमें वर्ण (जाति), वश्य (भावनात्मक सामंजस्य), तारा (नक्षत्रों का प्रभाव), ग्रह मैत्री (ग्रहों की मित्रता), गण (स्वभाव), भकूट (संबंधों की अनुकूलता), नाड़ी (स्वास्थ्य और संतति से जुड़ी अनुकूलता) और योनि (स्वभाविक मेल) शामिल हैं। एक अनुभवी ज्योतिषी इन सभी तत्वों के बीच संबंधों को समझाकर यह बता सकता है कि कोई रिश्ता कितना संतुलित, सामंजस्यपूर्ण और सुखद हो सकता है। यही कारण है कि विवाह से पहले कुंडली मिलान (Kundali Matching for Matching) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

योनि मिलान को समझना (What Is Yoni Matching)

वैदिक ज्योतिष में योनि का अर्थ "स्रोत" या "गर्भ" होता है, और यह पति-पत्नी के बीच शारीरिक एवं भावनात्मक अनुकूलता का प्रतीक माना जाता है। प्रत्येक नक्षत्र को एक विशेष पशु-योनि से जोड़ा गया है, और इन पशु प्रतीकों के आधार पर यह देखा जाता है कि दंपत्ति के बीच आपसी घनिष्ठता और समझ कैसी होगी।

kundali Matching


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योनि मिलान कैसे किया जाता है? (How Is Yoni Matching Done?)

योनि संगति को चार श्रेणियों में बांटा गया है:

  • समान योनि: सबसे अनुकूल मानी जाती है। यह गहरी समझ और मजबूत शारीरिक आकर्षण का संकेत देती है।

  • मित्र योनि: अच्छे तालमेल, स्नेह और आपसी सम्मान को दर्शाती है।

  • सम (तटस्थ): औसत अनुकूलता को दिखाती है, जहां रिश्ते को मजबूत करने के लिए प्रयास की आवश्यकता होती है।

  • अरिषट (शत्रु): असंगति का संकेत देती है। ऐसे में रिश्ते में चुनौतियां आ सकती हैं, जिन्हें खुले संवाद और भावनात्मक जुड़ाव से संतुलित किया जा सकता है।

योनियों के प्रकार (Types Of Yoni)

ज्योतिष शास्त्र में कुल 14 प्रकार की योनियां मानी गई हैं। हर योनि किसी न किसी पशु से जुड़ी होती है, जो व्यक्ति के स्वभाव और वैवाहिक जीवन की झलक दिखाती है। इन योनियों को उनकी आपसी संगति के आधार पर अनुकूल, तटस्थ और असंगत श्रेणियों में रखा गया है।

इस प्रकार, योनि मिलान (Yoni Matching for Marriage) दंपत्ति की अंतरंगता, भावनात्मक जुड़ाव और रिश्ते की गहराई को समझने में मदद करता है और विवाह संबंधी निर्णयों को और अधिक सटीक बनाता है।

विवाह में योनि मिलान का महत्व (Importance of Yoni Matching in Marriage)

जब विवाह के लिए कुंडली मिलान (Kundali Matching for Marriage) किया जाता है, तो उसमें केवल ग्रहों की स्थिति ही नहीं देखी जाती बल्कि यह भी समझा जाता है कि वर–वधू की सोच, स्वभाव, रुचियाँ और जीवन दृष्टिकोण कितने सामंजस्यपूर्ण होंगे। मानसिक समानता जहाँ रिश्ते की मजबूती का आधार है, वहीं एक लंबे और सुखी दांपत्य जीवन के लिए शारीरिक अनुकूलता भी उतनी ही आवश्यक मानी जाती है। इसी संतुलन को परखने के लिए योनि मिलान किया जाता है।

योनि मिलान (Yoni Milan) से यह जाना जाता है कि दोनों भागीदारों के बीच आकर्षण, आत्मीयता और जैविक सामंजस्य कितना रहेगा। यह परीक्षण वैवाहिक जीवन की गहराई और स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

वैदिक ज्योतिष में कुल 28 नक्षत्र होते हैं जिन्हें 14 अलग-अलग योनियों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक योनि में दो नक्षत्र शामिल होते हैं। नीचे इनका वर्गीकरण दिया गया है:

  • अश्व योनि (Ashwa Yoni) – अश्विनी, शतभिषा

  • गज योनि (Gaja Yoni) – भरणी, रेवती

  • मेष योनि (Mesha Yoni) – पुष्य, कृत्तिका

  • सर्प योनि (Sarpa Yoni) – रोहिणी, मृगशिरा

  • श्वान योनि (Shwan Yoni) – मूल, आर्द्रा

  • मार्जार योनि (Marjara Yoni) – आश्लेषा, पुनर्वसु

  • मूषक योनि (Mooshak Yoni) – मघा, पूर्वाफाल्गुनी

  • गौ योनि (Gau Yoni) – उत्तराफाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद

  • महिष योनि (Mahish Yoni) – स्वाति, हस्त

  • व्याघ्र योनि (Vyaghra Yoni) – विशाखा, चित्रा

  • मृग योनि (Mriga Yoni) – ज्येष्ठा, अनुराधा

  • वानर योनि (Vanar Yoni) – पूर्वाषाढ़ा, श्रवण

  • नकुल योनि (Nakul Yoni) – उत्तराषाढ़ा, अभिजीत

  • सिंह योनि (Simha Yoni) – पूर्वाभाद्रपद, धनिष्ठा

इन्हीं योनियों के आधार पर दंपति की शारीरिक और भावनात्मक अनुकूलता का आकलन किया जाता है, ताकि विवाह जीवन में संतुलन, प्रेम और स्थिरता बनी रहे।

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शत्रु योनि का प्रभाव

यदि किसी जोड़े की योनियाँ आपस में शत्रु मानी जाती हैं, तो उन्हें शून्य अंक मिलते हैं। यह स्थिति अक्सर शारीरिक असंतोष, मानसिक दूरी और दांपत्य जीवन में तनाव का कारण बन सकती है। ऐसे मामलों में दंपत्ति के बीच आकर्षण की कमी, स्वास्थ्य समस्याएँ या निरंतर विवाद जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसी वजह से शत्रु योनि को अशुभ माना जाता है और ऐसे मेल से विवाह करने से बचने की सलाह दी जाती है।


मैत्रीपूर्ण योनि

कुछ योनियाँ आपस में स्वाभाविक रूप से सामंजस्यपूर्ण मानी जाती हैं। ऐसे मेल से दंपत्ति के बीच नज़दीकी, आपसी समझ और स्थिरता बनी रहती है। उदाहरण के लिए:

  • घोड़ा और सर्प

  • हिरण और घोड़ा

  • हाथी और भेड़

  • गाय और बकरी

  • बिल्ली और हिरण

  • नेवला और बकरी
    इन जोड़ों के बीच वैवाहिक जीवन अधिक सौहार्दपूर्ण और सुखद रहने की संभावना रहती है।

शत्रु योनि के जोड़े

कुछ योनियाँ आपस में टकराव पैदा करती हैं, जिनसे विवाह में मतभेद और असहमति की संभावना बढ़ जाती है। जैसे:

  • घोड़ा और भैंसा (अश्व योनि – महिष योनि)

  • हाथी और सिंह (गज योनि – सिंह योनि)

  • भेड़ और बंदर (मेष योनि – वानर योनि)

  • नेवला और सर्प (नकुल योनि – सर्प योनि)

  • बिल्ली और चूहा (मार्जर योनि – मूषक योनि)

    इन संयोजनों को विवाह के लिए प्रतिकूल माना जाता है।

समान योनि वाले नक्षत्र

कुछ नक्षत्र एक ही योनि से जुड़े होते हैं और उनका मेल अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दंपत्ति के बीच गहरी समानता और समझ का प्रतीक होता है। जैसे:

  • अश्विनी, शतभिषा – घोड़ा

  • भरणी, रेवती – हाथी

  • कृत्तिका, पुष्य – बकरी

  • रोहिणी, मृगशिरा – सर्प

  • मघा, पूर्वा फाल्गुनी – चूहा

  • उत्तरा फाल्गुनी, उत्तरा भाद्रपद – गाय

  • चित्रा, विशाखा – बाघ

  • अनुराधा, ज्येष्ठा – हिरण

  • धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद – सिंह


ज्योतिष में सबसे उत्तम योनि कौन-सी मानी जाती है? (Which Yoni is considered the Best in Astrology?)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी योनियाँ समान प्रभाव नहीं देतीं। कुछ योनियों के मेल को वैवाहिक जीवन के लिए अधिक शुभ और सामंजस्यपूर्ण माना जाता है। ऐसी योनियाँ पति-पत्नी के बीच ऊर्जा का संतुलन, आपसी तालमेल, सम्मान और स्नेह को बढ़ावा देती हैं। इन्हें ही सर्वश्रेष्ठ योनि कहा जाता है, क्योंकि इनके प्रभाव से दांपत्य जीवन अधिक सुखी और स्थिर माना जाता है। (Kundali Milan)


योनि और नक्षत्रों का संबंध (Relation of Yoni and Nakshatras)

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक नक्षत्र किसी न किसी योनि से जुड़ा होता है और इन्हीं योनियों के आधार पर दो व्यक्तियों के बीच संबंधों की प्रकृति को समझा जाता है। विवाह में यह समझना ज़रूरी है कि भागीदारों की मानसिकता और आकर्षण एक-दूसरे के साथ कितने संतुलित रहेंगे। (Kundali Matching)

योनि संबंध इस प्रकार माने जाते हैं:

  • स्वभाव योनि – यह विवाह के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। ऐसे संबंधों में दंपत्ति के बीच गहरा प्रेम और सामंजस्य देखने को मिलता है।

  • मित्र योनि – यह अनुकूलता और आपसी तालमेल को दर्शाती है। ऐसे रिश्तों में समझ और सहयोग बना रहता है।

  • तटस्थ योनि – यह औसत स्तर का रिश्ता माना जाता है। न तो बहुत अधिक सामंजस्य होगा, न ही बहुत बड़े मतभेद।

  • विपरीत योनि – यह विवाह के लिए अशुभ मानी जाती है और रिश्ते में चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है।

  • शत्रु योनि – यह सबसे कठिन स्थिति है, जो दांपत्य जीवन में लगातार मतभेद और तनाव ला सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

योनि मिलान (Yoni Matching) केवल शारीरिक अनुकूलता का ही नहीं, बल्कि दंपत्ति के बीच कर्म संबंध और ऊर्जा के संतुलन का भी संकेतक है। इसे विवाह से पहले अवश्य देखा जाना चाहिए ताकि वैवाहिक जीवन में स्थिरता, प्रेम और सामंजस्य बना रहे। इसी वजह से विवाह से पहले योनि मिलान (Yoni Matching) को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह केवल मानसिक और शारीरिक अनुकूलता को ही नहीं परखता बल्कि एक सुखी और स्थिर वैवाहिक जीवन की नींव भी रखता है। यदि कुंडली में योनि दोष या कोई अशुभ ग्रहस्थिति पाई जाए, तो ज्योतिषीय उपाय और परामर्श से इसका समाधान संभव है।

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Author: Diksha Kaushal – Relationship Astrologer & Compatibility Expert

Diksha Kaushal is a marriage astrologer with 10+ years’ expertise in compatibility, birth-chart analysis, and numerology, guiding couples toward stronger, harmonious, and long-lasting relationships.