May 2, 2025 Blog

27 Nakshatra Names: जानिए क्या है 27 नक्षत्रो के नाम, उनके प्रकार एवं उनका महत्त्व

BY : STARZSPEAK

27 Nakshatras: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों और नक्षत्रों की गति का जीवन पर गहरा प्रभाव माना गया है। ग्रहों की चाल जहां किसी व्यक्ति के जीवन में अच्छे या बुरे समय का संकेत देती है, वहीं नक्षत्र व्यक्ति के स्वभाव, सोच और जीवनशैली को प्रभावित करते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्रों (27 Nakshatras) का वर्णन मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये सभी 27 नक्षत्र दक्ष प्रजापति की पुत्रियां मानी जाती हैं। पूरे आकाश को इन 27 नक्षत्रों में विभाजित किया गया है और कुल 9 ग्रहों को इनमें समायोजित किया गया है — हर ग्रह तीन-तीन नक्षत्रों का स्वामी होता है।


क्या होते है नक्षत्र  (What Is Nakshatra)

जब हम अंतरिक्ष या खगोल विज्ञान की बात करते हैं, तो चंद्रमा और अन्य ग्रहों की गति को लेकर कई गणनाएं सामने आती हैं। अगर सरल भाषा में समझें तो नक्षत्र तारा समूह होते हैं, जो चंद्रमा की गति के साथ जुड़े होते हैं। चंद्रमा लगातार पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा करता रहता है, और यह चक्र करीब 27.3 दिनों में पूरा होता है। इस दौरान वह आकाश में मौजूद 27 अलग-अलग तारों के समूहों — यानी नक्षत्रों — से होकर गुजरता है।

असल में, इन तारों के समूहों को ही नक्षत्र कहा जाता है। चंद्रमा हर एक नक्षत्र में कुछ समय के लिए ठहरता है, और इन्हीं के आधार पर वैदिक ज्योतिष में 27 प्रमुख नक्षत्र माने गए हैं। पूरा आकाश इन्हीं 27 नक्षत्रों (27 Nakshatra Names) में बंटा हुआ है, और हर राशि चक्र को भी इन्हीं में विभाजित किया गया है।

जिस तरह सूर्य हर महीने एक-एक राशि में भ्रमण करता है, उसी तरह चंद्रमा हर महीने इन 27 नक्षत्रों में से एक-एक में प्रवेश करता है। चंद्रमा के इस भ्रमण के समय को ही नक्षत्र मास कहा जाता है, जिसकी अवधि लगभग 27 दिनों की होती है।(27 Nakshatra names)

जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है, उस समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है — यानी जिस तारों के समूह के साथ उसका संयोग बन रहा होता है — वही उसका जन्म नक्षत्र कहलाता है। और ज्योतिष के अनुसार, यही जन्म नक्षत्र व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अब जब नक्षत्रों की इतनी अहम भूमिका है, तो चलिए आगे बढ़कर जानते हैं इन 27 नक्षत्रों के नाम (27 nakshatra ke naam) और उनके खास मायनों के बारे में।


कौन-कौन से हैं 27 नक्षत्र? (Name Of 27 Nakshatra)

ज्योतिष में चंद्रमा की चाल के आधार पर आकाश को 27 हिस्सों में बांटा गया है, जिन्हें नक्षत्र कहा जाता है। हर नक्षत्र का अपना एक नाम, स्वभाव और असर होता है। यह रहा 27 नक्षत्रों के नामों (27 Nakshatras ke naam) का सरल अर्थ—संक्षिप्त और समझने योग्य भाषा में:

  1. अश्विन नक्षत्र
    ऊर्जावान, महत्वाकांक्षी और तेज़ तर्रार होते हैं। जल्दबाज़ होते हैं लेकिन मेहनत से आगे बढ़ते हैं। पारिवारिक जीवन अच्छा रहता है।

  2. भरणी नक्षत्र
    आरामपसंद, आकर्षक और मिलनसार होते हैं। जो ठान लेते हैं, उसे हासिल करते हैं। सामाजिक सम्मान को प्राथमिकता देते हैं।

  3. कृत्तिका नक्षत्र
    स्वाभिमानी और मेहनती होते हैं। जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करते। प्रेम में वफादार होते हैं और रिश्तों को महत्व देते हैं।(27 Nakshatra names)

  4. रोहिणी नक्षत्र
    कल्पनाशील, भावुक और भोगवादी प्रवृत्ति के होते हैं। जीवन में ऐशो-आराम की तलाश रहती है। स्वभाव से मिलनसार होते हैं।

  5. मृगशिरा नक्षत्र
    साहसी, मेहनती और बुद्धिमान होते हैं। किसी से धोखा मिलने पर उसे माफ नहीं करते। आकर्षक व्यक्तित्व रखते हैं।

  6. आर्द्रा नक्षत्र
    चतुर और राजनीति में रुचि रखने वाले होते हैं। दूसरों की मनोस्थिति को समझते हैं और उसी अनुसार व्यवहार करते हैं।

    27 nakshatra names

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  7. पुनर्वसु नक्षत्र
    आध्यात्मिक स्वभाव और ईश्वरीय कृपा इनकी पहचान है। मिलनसार होते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

  8. पुष्य नक्षत्र
    इस नक्षत्र (27 Nakshatras) में जन्मे लोग आत्मनिर्भर, बुद्धिमान और जिम्मेदार होते हैं। समाज सेवा और परिवार को प्राथमिकता देना इनकी खासियत होती है। इनका व्यक्तित्व शांत और भरोसेमंद होता है, जिससे लोग स्वाभाविक रूप से इनकी ओर आकर्षित होते हैं।

  9. आश्लेषा नक्षत्र
    आश्लेषा नक्षत्र के लोग रहस्यमयी और गहरे विचारों वाले होते हैं। ये भावनाओं को छिपाकर रखने में माहिर होते हैं। चालाकी से हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेते हैं, लेकिन कई बार आत्मकेंद्रित भी हो जाते हैं।

  10. मघा नक्षत्र
    मघा नक्षत्र के जातक प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन्हें नेतृत्व करना पसंद होता है और परंपराओं का सम्मान करते हैं। ये अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं और सम्मानजनक जीवन जीने की चाह रखते हैं।

  11. पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
    इस नक्षत्र में जन्मे लोग सौंदर्यप्रिय, रचनात्मक और रोमांटिक होते हैं। कला, संगीत और प्रेम में गहरी रुचि होती है। ये जिंदगी को खुलकर जीने में विश्वास रखते हैं।

  12. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
    उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के लोग संतुलित, समझदार और जिम्मेदार होते हैं। रिश्तों को निभाने में माहिर होते हैं और जो भी काम हाथ में लेते हैं, उसे पूरे समर्पण से करते हैं। (name of 27 nakshatra)

  13. हस्त नक्षत्र
    हस्त नक्षत्र में जन्मे लोग कुशल, चतुर और काम में निपुण होते हैं। ये बहुत अच्छे योजनाकार होते हैं और अपने हुनर से नाम कमाते हैं। हाथों का काम – जैसे कला, लेखन, या शिल्प – इनकी ताकत होती है।

  14. चित्रा नक्षत्र
    चित्रा नक्षत्र वाले लोग आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन्हें सुंदरता, फैशन और साज-सज्जा में गहरी रुचि होती है। ये क्रिएटिव माइंड वाले होते हैं और हर चीज़ को अपने तरीके से करना पसंद करते हैं।

  15. स्वाति नक्षत्र
    स्वाति नक्षत्र के लोग आज़ाद ख्यालों वाले और स्वावलंबी होते हैं। इन्हें बदलाव से डर नहीं लगता और ये हर नई परिस्थिति में खुद को आसानी से ढाल लेते हैं। अकेले चलना इन्हें रास आता है।

  16. विशाखा नक्षत्र
    इस नक्षत्र (27 Nakshatras) के जातक महत्वाकांक्षी और लक्ष्य केंद्रित होते हैं। जो ठान लेते हैं, उसे पूरा किए बिना नहीं मानते। इनका आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता इन्हें भीड़ से अलग बनाती है।

  17. अनुराधा नक्षत्र
    अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोग वफादार, सहयोगी और अनुशासनप्रिय होते हैं। ये दूसरों के साथ संतुलन बनाए रखने में माहिर होते हैं। रिश्तों को बड़ी जिम्मेदारी से निभाते हैं।

  18. ज्येष्ठा नक्षत्र
    ज्येष्ठा नक्षत्र के लोग साहसी, आत्मनिर्भर और अंदर से मजबूत होते हैं। इन्हें नेतृत्व करना पसंद होता है और ये अपनी बात पर अडिग रहते हैं। कई बार इनमें अधिकार की भावना ज्यादा हो जाती है।

  19. मूल नक्षत्र
    मूल नक्षत्र वाले जातक गहराई से सोचने वाले और जड़ों की खोज करने वाले होते हैं। इनमें कुछ रहस्यमयता होती है और जीवन में अक्सर बदलाव या पुनरारंभ की स्थिति आती है।

  20. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
    इस नक्षत्र (27 Nakshatras) में जन्मे लोग प्रेरक, उत्साही और आत्मविश्वासी होते हैं। ये अपने विचारों और सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं। सामाजिक मामलों में सक्रिय रहते हैं और प्रेरणा देने का काम करते हैं।

  21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
    उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के लोग संयमी, गंभीर और धैर्यवान होते हैं। इन्हें धीरे-धीरे आगे बढ़ना पसंद होता है लेकिन जो भी लक्ष्य होता है, उसे हासिल करके ही मानते हैं।

  22. श्रवण नक्षत्र
    श्रवण नक्षत्र के जातक अच्छे श्रोता और ज्ञान प्राप्ति में रुचि रखने वाले होते हैं। परंपराओं और मर्यादा का पालन करते हैं। शिक्षा, धर्म और सेवा भाव इनके जीवन के अहम हिस्से होते हैं।

  23. घनिष्ठा नक्षत्र
    घनिष्ठा नक्षत्र के लोग ऊर्जावान, आत्मविश्वासी और सामाजिक होते हैं। इन्हें संगीत, कला और समूह में काम करना पसंद होता है। दोस्त बनाने में ये माहिर होते हैं। 

  24. शतभिषा नक्षत्र
    इस नक्षत्र (27 Nakshatras) में जन्मे लोग गूढ़ ज्ञान, रहस्य और विज्ञान में रुचि रखते हैं। ये थोड़े अकेले रहना पसंद करते हैं और अपनी दुनिया में खोए रहते हैं। हीलिंग और रिसर्च इनकी ताकत होती है।

  25. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
    पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के लोग गंभीर, आदर्शवादी और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। ये दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने की सोच रखते हैं और गहराई से सोचते हैं।

  26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
    उत्तराभाद्रपद के जातक शांत, दार्शनिक और जिम्मेदार होते हैं। इन्हें परिवार और समाज की भलाई के लिए काम करना पसंद होता है। संतुलित जीवन जीने में विश्वास रखते हैं।

  27. रेवती नक्षत्र
    रेवती नक्षत्र में जन्मे लोग दयालु, रचनात्मक और कलात्मक होते हैं। इन्हें सेवा करना पसंद होता है और ये बहुत भावुक होते हैं। इनका हृदय कोमल होता है और दूसरों के दुख से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।

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नक्षत्रो की प्रमुख श्रेणियाँ (Category Of 27 Nakshatras)

इन सभी नक्षत्रों को उनके असर के अनुसार तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है:

शुभ नक्षत्र

इन नक्षत्रों (27 Nakshatra names) में कोई भी नया काम करना, शुभ कार्य करना या कोई बड़ा फैसला लेना अच्छा माना जाता है। सफलता मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
शुभ नक्षत्र हैं:
अश्विनी, मृगशिरा, रोहिणी, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढ़ा, उत्तर फाल्गुनी, घनिष्ठा और पुनर्वसु।

मध्यम नक्षत्र

इन नक्षत्रों में कोई विशेष या जोखिम भरा काम करने से बचना चाहिए। हालांकि सामान्य दिनचर्या या छोटे-मोटे काम किए जा सकते हैं।
मध्यम नक्षत्र माने जाते हैं:
पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वा भाद्रपद, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूल और शतभिषा।

अशुभ नक्षत्र

इन नक्षत्रों (27 Nakshatras) में शुभ काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश या नया व्यवसाय शुरू करने से बचना चाहिए। इनका असर रुकावट या हानि देने वाला माना जाता है।
अशुभ नक्षत्र हैं:
भरणी, कृत्तिका, मघा और आश्लेषा।

हालांकि ये नक्षत्र (27 Nakshatras) कभी-कभी बड़ी और कठिन गतिविधियों (जैसे भवन गिराना, विस्फोट, सैन्य परीक्षण आदि) के लिए उपयुक्त माने जाते हैं, लेकिन आम जीवन में ये काफी संवेदनशील माने जाते हैं।


नक्षत्रों के गृह स्वामी 

केतु:- आश्विन, मघा, मूल।

शुक्र:- भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा।

रवि:- कार्तिक, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा।

चन्द्र:- रोहिणी, हस्त, श्रवण।

मंगल:- मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा।

राहु:- आर्द्रा, स्वाति, शतभिषा।

बृहस्पति:- पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वा भाद्रपद।

शनि:- पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद।

बुध:- आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती।

क्या होता है पंचक? (What Is Panchak)

जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में प्रवेश करता है, तो उस समय को पंचक कहा जाता है। यह काल शुभ नहीं माना जाता। इस दौरान चंद्रमा जिन पांच नक्षत्रों — घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती — में से गुजरता है, उन्हें मिलाकर ही पंचक बनता है।

इस समय कुछ कामों से बचने की सलाह दी जाती है:

  • दक्षिण दिशा की यात्रा टालें

  • घर की छत न बनवाएं

  • लकड़ी का फर्नीचर जैसे पलंग आदि न बनवाएं

  • अग्नि से जुड़ा कोई कार्य न करें क्योंकि इस समय आग लगने की संभावना बढ़ जाती है

  • यहां तक कि पंचक में अंतिम संस्कार करना भी वर्जित माना गया है

क्या होता है गंडमूल? (What Is Gandmool)

अब बात करते हैं गंडमूल या मूल नक्षत्र की। ये नक्षत्र स्वभाव से काफी तीव्र या उग्र माने जाते हैं। जिन छह नक्षत्रों को गंडमूल कहा जाता है, वे हैं: अश्विनी, आश्लेषा, मघा, मूला, रेवती और ज्येष्ठा।

इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले बच्चों का जीवन कई बार उतार-चढ़ाव से भरा होता है। इसलिए परंपरा रही है कि ऐसे बच्चों के जन्म के 27वें दिन विशेष पूजा करवाई जाती है, ताकि उनके जीवन से संभावित अशुभ प्रभावों को दूर किया जा सके।

क्यों है यह सब ज़रूरी जानना?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नक्षत्र (27 Nakshatras) सिर्फ आपके जन्म का समय नहीं बताते — ये आपके स्वभाव, सोच, व्यवहार और जीवन के रास्तों को भी गहराई से प्रभावित करते हैं। इसलिए जब भी हम नक्षत्रों की बात करते हैं, तो पंचक और गंडमूल जैसे पहलुओं को समझना बेहद जरूरी हो जाता है।

ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व (Importance of 27 Nakshatras in Astrology)

वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों का विशेष स्थान है। इन्हें केवल तारे नहीं, बल्कि जीवन की दिशा तय करने वाले सूक्ष्म चालक माना जाता है। जब चंद्रमा अलग-अलग नक्षत्रों से होकर गुजरता है, तो उसका असर हमारे जीवन की तरक्की, थकान, या किसी चीज़ पर स्वामित्व जैसी परिस्थितियों पर पड़ता है। यही कारण है कि नक्षत्रों को समझना और उनका विश्लेषण करना ज्योतिष के लिए बहुत जरूरी हो जाता है।

यह जरूरी नहीं कि ज्योतिष के हर नियम हमेशा सटीक परिणाम ही दें, क्योंकि यह कोई प्रयोगशाला की साइंस नहीं, बल्कि अनुभव और गहराई पर आधारित विद्या है। फिर भी, नक्षत्र आधारित ज्योतिषीय सिद्धांत समय के साथ कई बार अपनी सटीकता साबित कर चुके हैं।

ज्योतिष की अलग-अलग प्रणालियां होती हैं — जैसे:

  • पाराशर प्रणाली, जो ग्रहों पर आधारित है

  • जैमिनी प्रणाली, जो संकेतों पर ध्यान देती है

  • भृगु प्रणाली, जो ग्रहों के व्यवहार पर केंद्रित होती है

  • लेकिन सत्याचार्य प्रणाली खासतौर पर नक्षत्रों पर आधारित होती है

इस प्रणाली की नींव महर्षि सत्याचार्य की महान रचना ‘सत्य जातकम्’ पर टिकी है, जिसमें ध्रुव नाड़ी जैसी गूढ़ बातें भी शामिल हैं। यहां तक कि प्राचीन महान ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर ने भी सत्याचार्य और उनके कार्यों की अत्यंत सराहना की है।

इसलिए कहा जा सकता है कि नक्षत्र (27 Nakshatra names)केवल जन्म का संकेत नहीं देते, बल्कि जीवन की दशा और दिशा को भी प्रभावित करते हैं।


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