पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने करुणा में आकर आंसू बहाए थे, तब उनके ये आंसू धरती पर गिरे और जहां-जहां वे गिरे, वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए। इन वृक्षों के फलों से जो बीज मिलते हैं, वही रुद्राक्ष कहलाते हैं।
3 मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) एक शक्तिशाली रुद्राक्ष माना जाता है, जिसकी सतह पर तीन स्वाभाविक रेखाएं होती हैं। 3 मुखी रुद्राक्ष को अग्नि देव का प्रतीक माना गया है – जो वेदों में तेजस्वी, शुद्ध और नकारात्मकता को भस्म करने वाले देवता माने जाते हैं। यह रुद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश – तीनों देवताओं के प्रतीक रूप में भी देखा जाता है, जो रचना, पालन और संहार के प्रतिनिधि हैं। साथ ही इसे धरती, आकाश और पाताल – तीनों लोकों से भी जोड़ा जाता है, जिससे यह समग्र जीवन संतुलन प्रदान करता है। ज्योतिष के अनुसार, तीन मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ फल देता है। यह नकारात्मकता को दूर करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और आत्मिक ऊर्जा को जाग्रत करने में सहायक माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष का संबंध अग्नि देव से माना जाता है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, 3 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पुराने कर्मों का प्रभाव कम होता है और आत्मा की शुद्धि की प्रक्रिया शुरू होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह रुद्राक्ष पुराने कर्मों के दोषों और पापों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।
शिव पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति तीन मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) को श्रद्धा और विधि-विधान से पहनता है, उसे भगवान शिव और अग्नि देव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे पहनने से न केवल शारीरिक रोगों से राहत मिलती है, बल्कि अचानक आने वाली समस्याएं और दुर्घटनाओं का प्रभाव भी कम हो जाता है। यह रुद्राक्ष मानसिक शांति देता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
ज्योतिष शास्त्र में तीन मुखी रुद्राक्ष को एक अनमोल उपहार की तरह माना गया है, जिसे कोई भी व्यक्ति पहन सकता है। यह रुद्राक्ष कई तरह की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। आइए जानते हैं किन लोगों के लिए यह खास तौर पर लाभकारी होता है:
सबसे खास बात यह है कि इसे धारण करने के कुछ ही समय बाद इसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं – जैसे कि मन शांत होना, विचारों में स्पष्टता आना और शारीरिक ऊर्जा में सुधार।
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3 मुखी रुद्राक्ष बेहद शक्तिशाली माना जाता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना जरूरी होता है। वे आपकी कुंडली का विश्लेषण करके यह बता सकते हैं कि यह रुद्राक्ष आपके लिए उपयुक्त है या नहीं, और कौन-सा मुखी रुद्राक्ष आपको सबसे अधिक लाभ देगा।
इस रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) को पहनने के लिए सोमवार या गुरुवार का दिन खासतौर पर शुभ माना जाता है। धारण करने से पहले रुद्राक्ष को मंत्रों द्वारा शुद्ध और जागृत किया जाना चाहिए। सुबह स्नान करके सबसे पहले रुद्राक्ष को थोड़ी देर के लिए गंगाजल और कच्चे दूध में डुबोकर रखें। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने लाल फूल अर्पित करें और विधिपूर्वक उनकी पूजा करें।
फिर आप रुद्राक्ष को हाथ में लेकर "ॐ क्लीं नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र से रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है और इसमें सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए, तो 3 मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) मेष, वृश्चिक और धनु राशि या लग्न के लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सही तरीके से धारण करने पर यह रुद्राक्ष आत्मविश्वास बढ़ाता है, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में नई ऊर्जा और स्पष्टता लाता है।
जिन लोगों को आत्मविश्वास की कमी, आत्मग्लानि, या मानसिक थकावट महसूस होती है, उनके लिए यह रुद्राक्ष बेहद फायदेमंद हो सकता है। यह न केवल भीतर से ऊर्जा देता है बल्कि जीवन में सकारात्मकता और स्थिरता भी लाता है।
3 मुखी रुद्राक्ष को धारण (3 Mukhi Rudraksha) करना शरीर और मन, दोनों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसका असर न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि शारीरिक परेशानियों को भी दूर करता है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभ:
तीन मुखी रुद्राक्ष की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि वह कहां से आया है और उसका आकार या वजन कितना है। आमतौर पर अगर आप असली और अच्छी गुणवत्ता वाला तीन मुखी रुद्राक्ष खरीदते हैं, तो इसकी कीमत लगभग 1000 से 2000 रुपये के बीच हो सकती है। अलग-अलग दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसमें थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।
3 मुखी रुद्राक्ष (3 Mukhi Rudraksha) एक ऐसा दिव्य साधन है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर संतुलन बनाकर जीवन में नई ऊर्जा भरता है। अगर सही विधि से इसे धारण किया जाए, तो यह रुद्राक्ष जीवन को एक नई दिशा दे सकता है।
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