June 10, 2025 Blog

Rudraksha Mala: रुद्राक्ष माला कब, किसे और कैसे धारण करनी चाहिए और क्या है इसके लाभ

BY : STARZSPEAK

Rudraksha Mala: सनातन धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव से सीधा जुड़ा हुआ माना जाता है। इसे शिव का प्रतीक और उनका दिव्य अंश कहा गया है। रुद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं – एकमुखी से लेकर चौदहमुखी तक – और हर एक की अपनी अलग महत्ता होती है।

धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से कई लाभ मिलते हैं। यह न केवल मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करती है, बल्कि आत्मबल भी बढ़ाती है और शिव की कृपा प्राप्त होती है।

हालांकि, रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) पहनना जितना फलदायी है, उतना ही जरूरी है इससे जुड़े नियमों का पालन करना। ऐसा कहा जाता है कि अगर इन नियमों की अनदेखी की जाए, तो जीवन में उलझनें और परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि रुद्राक्ष की माला पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या हैं इससे जुड़े जरूरी नियम।


रुद्राक्ष माला कब पहननी चाहिए ? (When should Rudraksha Mala be worn?)

रुद्राक्ष माला पहनने के लिए सनातन शास्त्रों में कुछ खास तिथियों को शुभ माना गया है। मान्यता है कि अमावस्या, पूर्णिमा, सावन के सोमवार और शिवरात्रि जैसे पवित्र दिनों पर रुद्राक्ष माला धारण करना बेहद फलदायी होता है।

हालांकि, इसे पहनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। माला को धारण करने से पहले दूध और सरसों के तेल से अच्छे से शुद्ध करें, ताकि उसकी पवित्रता बनी रहे। माला (Rudraksha Mala) पहनते समय श्रद्धा भाव से "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। यह न सिर्फ ऊर्जा को जाग्रत करता है, बल्कि महादेव की कृपा भी दिलाता है।


रुद्राक्ष माला कब उतारनी चाहिए ? (When should Rudraksha Mala be removed?) 

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष माला को रात में सोते समय उतार देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि माला पहनकर सोने से उसकी पवित्रता भंग हो सकती है और रुद्राक्ष अशुद्ध हो सकता है। इसलिए विद्वान और आचार्य भी सलाह देते हैं कि सोने से पहले माला को सावधानीपूर्वक उतार लें और किसी साफ स्थान पर रखें। फिर अगली सुबह स्नान के बाद शुद्ध मन से पुनः माला धारण करें। इससे उसकी ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रभाव बना रहता है।

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रुद्राक्ष माला धारण करने के नियम (Rules for wearing Rudraksha Mala) 

  • रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना गया है, इसलिए रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।
  • रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे किसी योग्य ब्राह्मण, संत या अनुभवी ज्योतिषाचार्य से मंत्रबद्ध करवाना जरूरी होता है। बिना अभिमंत्रित रुद्राक्ष पहनना केवल दिखावे तक सीमित रह जाता है और इसका आध्यात्मिक प्रभाव नहीं मिलता।
  • जब रुद्राक्ष की पूजा करवाई जाए, तो उसे उसी दिन पहन लेना चाहिए—अगर आप इसे पहनने में देरी करते हैं, तो इसका प्रभाव कम हो सकता है और इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।
  • रुद्राक्ष माला को लाल या पीले धागे में पहनना शुभ होता है, जबकि काले धागे का प्रयोग करना अशुभ माना गया है। 
  • किसी के प्रति गलत भावना न रखें और विवाद से भी बचें—क्योंकि रुद्राक्ष की शक्ति तब ही फलदायक होती है जब मन और व्यवहार शुद्ध हों।
  • ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को किसी भी अंतिम संस्कार या अशुभ कार्य में पहनना वर्जित माना गया है। इसके अलावा, इसे कभी भी गंदे या अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए—ऐसा करना इसके सकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है।
  • रुद्राक्ष खरीदते समय एक बात जरूर ध्यान में रखें कि इसे हमेशा खुद अपने पैसों से ही खरीदें। किसी और से मिला हुआ या उपहार में प्राप्त रुद्राक्ष पहनने से उसका प्रभाव कम हो जाता है।
  • जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है, उसके लिए सात्विक जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। मांस-मदिरा जैसे तमसिक चीज़ों से दूरी बनाना ही श्रेयस्कर होता है।
  • साथ ही, माला (Rudraksha Mala) को रोजाना साफ करना और उस पर थोड़ा सा तेल लगाना चाहिए ताकि वह सुरक्षित रहे और जल्दी खराब न हो।
  • रोजाना भगवान शिव की पूजा करना भी जरूरी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और नियमों के साथ रुद्राक्ष धारण करता है और शिव भक्ति करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं धीरे-धीरे पूरी होती हैं।

रुद्राक्ष माला पहनने के लाभ  (Benefits of Rudraksha Mala)

रुद्राक्ष धारण करना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी है। इसे पहनने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सभी स्तरों पर लाभ मिलता है।

आध्यात्मिक उन्नति:
रुद्राक्ष को शिव का स्वरूप माना गया है। इसे पहनने से साधना में गहराई आती है, मन शांत होता है और ध्यान लगाना आसान होता है। शिव की कृपा के साथ व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा सहज बनती है।

मानसिक सुकून:
रुद्राक्ष तनाव, चिंता और उलझनों को कम करने में सहायक होता है। यह मन को स्थिर बनाता है और सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है, जिससे निर्णय लेने और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है।

शारीरिक सेहत में सुधार:
रुद्राक्ष पहनने से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यह दिल की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी सुरक्षा देता है।

सौभाग्य और समृद्धि:
रुद्राक्ष को सौभाग्य बढ़ाने वाला माना गया है। इसे धारण करने से भाग्य का साथ मिलने लगता है, आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और सफलता के नए रास्ते खुलते हैं। यह ग्रहों के नकारात्मक असर को भी कम करता है।

नकारात्मक ऊर्जा से बचाव:
रुद्राक्ष (Rudraksha Mala) पहनने वाले व्यक्ति को बुरी नजर, नकारात्मक शक्तियों और तांत्रिक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है। यह एक तरह की दिव्य ढाल का काम करता है।

ज्ञान और विवेक में वृद्धि:
रुद्राक्ष से व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, समझ और निर्णय क्षमता में निखार आता है। यह न केवल मानसिक क्षमताओं को बढ़ाता है बल्कि मान-सम्मान और प्रसिद्धि भी दिलाता है।

पापों से मुक्ति:
ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष गंगा जल के समान पवित्र होता है। इसे धारण करने से पिछले पापों और बुरे कर्मों का प्रायश्चित होता है, खासकर यदि कोई व्यक्ति झूठ, चोरी या छल जैसे कार्यों से मुक्ति चाहता हो।

देवताओं की कृपा:
8 मुखी रुद्राक्ष को भगवान गणेश और भैरव बाबा का अंश समझते है। इस रुद्राक्ष को पहनने से गणेश भगवान व भैरव बाबा की असीम कृपा  प्राप्त होती है, इससे जीवन में सारी परेशानियां भी दूर होती हैं और सभी कार्यों में तरक्की मिलती है।

रुद्राक्ष न केवल शरीर पर धारण करने की चीज है, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाला एक दिव्य साधन भी है, जो अनुशासन, श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाया जाए तो चमत्कारी परिणाम दे सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) केवल एक आध्यात्मिक गहना नहीं है, बल्कि यह शिव भक्ति का प्रतीक और जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाला एक शक्तिशाली माध्यम है। इसे धारण करने से न केवल मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि आत्मिक उन्नति, भाग्य वृद्धि और बुरी शक्तियों से सुरक्षा भी मिलती है। हालांकि, रुद्राक्ष का प्रभाव तभी पूरी तरह से फलित होता है जब इसे श्रद्धा, नियमों और सही विधि के अनुसार धारण किया जाए। अतः यदि आप रुद्राक्ष माला (Rudraksha Mala) पहनने का विचार कर रहे हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी या विद्वान की सलाह जरूर लें और इसके नियमों का पालन करते हुए इसका लाभ प्राप्त करें। रुद्राक्ष को जीवन का हिस्सा बनाकर आप न सिर्फ शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में संतुलन, सफलता और आध्यात्मिक समृद्धि भी ला सकते हैं।

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