August 20, 2025 Blog

Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर, इस साल कब है दिवाली ? जानें पूजा का शुभ मुहुर्त और पूजा विधि

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Diwali 2025: हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। रोशनी और खुशियों का यह पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। लोग इस पावन अवसर का पूरे वर्ष इंतजार करते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है। घर-आंगन दीपकों और रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाया जाता है।

पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण 14 वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। तब उनके आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीप जलाकर पूरे नगर को आलोकित किया था, तभी से दीपावली पर दीप जलाने की परंपरा चली आ रही है।

इस साल दिवाली की तारीख को लेकर कुछ उलझन बनी हुई है क्योंकि अमावस्या तिथि दो दिनों में पड़ रही है। ऐसे में लोग सही दिन और पूजा के शुभ मुहूर्त को लेकर जानना चाहते हैं। आइए जानते हैं इस बार दिवाली कब (Diwali Kab hai) मनाई जाएगी, साथ ही लक्ष्मी पूजा का समय और पूरा पंचांग विस्तार से…

दीवाली 2025 तारीख और समय (Diwali 2025 Date and Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 03:44 बजे से होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 05:54 बजे पर होगा। इस प्रकार, दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाया जाएगा।


दीवाली 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat)

इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा करने का शुभ समय शाम 07:08 बजे से 08:18 बजे तक रहेगा। इसी अवधि को लक्ष्मी पूजा (Laxmi puja) का सबसे उत्तम समय माना जाता है।


पंचांग के अनुसार दिनभर के प्रमुख समय

  • सूर्योदय: सुबह 06:25 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 05:46 बजे
  • चंद्र उदय: 21 अक्टूबर को सुबह 06:06 बजे
  • चंद्रास्त: शाम 05:00 बजे

 विशेष मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:44 से 05:34 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01:59 से 02:45 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:46 से 06:12 बजे तक
  • निशीथ मुहूर्त: 21 अक्टूबर की रात 11:41 से 12:31 बजे तक

इस दिन दिए गए शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि, धन और सौभाग्य का वास होता है।

Diwali 2025

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दिवाली की पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)

दिवाली पूजन का महत्व (Importance of Diwali pujan)

दिवाली हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख और पावन पर्व है। इस दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी-गणेश पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजन करने पर घर में सुख-समृद्धि, धन और सौभाग्य का आगमन होता है।

पूजा से पहले की तैयारी

  • पूजा के लिए सबसे पहले घर में एक स्वच्छ स्थान चुनें।

  • वहां एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।

  • चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। यदि आपके पास प्रतिमा न हो तो चित्र अथवा वॉलपेपर का उपयोग किया जा सकता है।

  • चौकी को फूलों से सजाएं।

मूर्ति स्थापना और शुद्धिकरण

  • दिवाली के दिन मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा लाना शुभ माना जाता है। इन्हें चौकी पर स्थापित करें।

  • अपने इष्ट देव की तस्वीर भी चौकी पर रख सकते हैं।

  • पूजा शुरू करने से पहले सभी मूर्तियों पर जल छिड़क कर शुद्धिकरण करें और दीपक जलाएं।

पूजा की विधि

  1. सबसे पहले घर में लाए गए धन, गहने या नई वस्तुएं चौकी पर रखें।

  2. सभी देवी-देवताओं को कलावा अर्पित करें।

  3. रोली और चंदन से तिलक करें।

  4. चावल (अक्षत) और फूल अर्पित करें। मां लक्ष्मी को लाल फूल विशेष रूप से प्रिय हैं।

  5. इसके बाद लक्ष्मी-गणेश के साथ भगवान विष्णु का पूजन करें।

आरती और भोग

  • पूरे परिवार के साथ मिलकर लक्ष्मी-गणेश की आरती करें।

  • खिलौने, बतासे, मिठाई और अन्य प्रसाद का भोग लगाएं।

  • पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और उपहारों का आदान-प्रदान करके दीपावली का उत्सव मनाएं।

मंत्रजाप

पूजा के समय आप लक्ष्मी गायत्री मंत्र और गणेश मंत्र का जाप कर सकते हैं। इससे पूजा का प्रभाव और अधिक शुभ हो जाता है।


दिवाली में पूजा का नियम (Rules of Worship in Diwali)

दिवाली पर घर-परिवार वाले लोग प्रदोष काल में स्थिर लग्न के दौरान भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा करते हैं। व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन और भी खास होता है क्योंकि इस दिन वे अपनी खाता-बही बदलने की परंपरा निभाते हैं। इसी कारण से व्यापारियों का नया साल भी दिवाली (Diwali puja 2025) से ही शुरू माना जाता है। गुजरात में तो इसे महालक्ष्मी वर्षारंभ कहा जाता है।

दिवाली की रात के शुभ संकेत (Auspicious signs on Diwali night)

मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करने आती हैं। इसी कारण लोग अपने घर की पूरी तरह सफाई करते हैं और सुंदर-सुंदर रंगोली बनाकर देवी का स्वागत करते हैं। कहा जाता है कि इस रात कुछ शुभ संकेत मिलते हैं, जो इस बात का प्रतीक होते हैं कि मां लक्ष्मी का आगमन आपके घर में हो चुका है।


आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के उपाय (Ways to Get Rid of Financial Crisis)

यदि आप लंबे समय से आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो दीपावली का दिन इन्हें दूर करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा कर, उन्हें कौड़ी अर्पित करने से धन-संबंधी रुकावटें खत्म होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।


मां लक्ष्मी की कृपा पाने का उपाय (Ways to Get The Blessings of Maa Lakshmi)

दीपावली की रात मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा में एकाक्षी नारियल चढ़ाएं और मन से सुख-शांति की प्रार्थना करें। इसके साथ ही इस मंत्र का जप करें—
"ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा।"

विश्वास किया जाता है कि इस उपाय से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और घर-परिवार में समृद्धि का वास होता है।

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.