October 10, 2024 Blog

Maa Durga Ke 108 Naam Pdf : जानें माँ दुर्गा के १०८ नाम और उनका अर्थ, बनी रहेगी माँ की कृपा

BY : STARZSPEAK

Maa Durga Ke 108 Naam Pdf: हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत ख़ास महत्व होता है। इस समय लोग माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा -अर्चना करते है। लोग श्रद्धा और संपूर्ण विधि-विधान से देवी की आराधना करते हैं, घरों में चौकी सजाते हैं और कलश की स्थापना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं, उन पर मां की कृपा सदैव बनी रहती है। इसलिए नवरात्रि के अवसर पर मां के सभी स्वरूपों की विधिवत पूजा अनिवार्य मानी जाती है।

मां दुर्गा, भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही एक शक्तिशाली रूप हैं। नवरात्रि के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए कई तरह से प्रयास करते हैं, लेकिन व्यस्तता के कारण कई बार विधिपूर्वक पूजा करना संभव नहीं हो पाता। ऐसे में, केवल मां दुर्गा के 108 नामों का जाप करना भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है। माँ दुर्गा के इन 108 नामों का जप करने से माँ प्रशन्न होती है और हमें अपना आशीर्वाद प्रदान करती है। आइए जानते है माँ दुर्गा के 108 नाम और उनका अर्थ: 


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  1.  सती (अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली)
  2.  साध्वी (आशावादी)
  3.  भवप्रीता (भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली)
  4.  भवानी  (ब्रह्मांड की निवास)
  5.  भवमोचनी (संसार बंधनों से मुक्त करने वाली)
  6.  आर्या (देवी)
  7.  दुर्गा (अपराजेय)
  8.  जया (विजयी)
  9.  आद्या (शुरूआत की वास्तविकता)
  10.  त्रिनेत्र (तीन आँखों वाली)
  11.  शूलधारिणी (शूल धारण करने वाली)
  12.  पिनाकधारिणी (शिव का त्रिशूल धारण करने वाली)
  13.  चित्रा (सुरम्य, सुंदर)
  14.  चंद्रघंटा  (प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली)
  15.  महातपा (भारी तपस्या करने वाली)
  16.  मनः (मनन- शक्ति)
  17.  बुद्धि (सर्वज्ञाता)
  18.  अहंकारा (अभिमान करने वाली)
  19.  चित्तरूपा (वह जो सोच की अवस्था में है)
  20.  चिता (मृत्युशय्या)
  21.  चिति (चेतना) 
  22.  सर्वमन्त्रमयी (सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली) 
  23.  सत्ता (सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है)
  24.  सत्यानन्दस्वरूपिणी (अनन्त आनंद का रूप) 
  25.  अनन्ता (जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं)
  26.  भाविनी (सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत) 
  27.  भाव्या (भावना एवं ध्यान करने योग्य) 
  28.  भव्या (कल्याणरूपा, भव्यता के साथ)
  29.  अभव्या (जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं)
  30.  सदागति (हमेशा गति में, मोक्ष दान)
  31.  शाम्भवी (शिवप्रिया, शंभू की पत्नी)
  32.  देवमाता (देवगण की माता) 
  33.  चिन्ता (चिन्ता)
  34.  रत्नप्रिया (गहने से प्यार)
  35.  सर्वविद्या (ज्ञान का निवास)
  36.  दक्षकन्या (दक्ष की बेटी)
  37.  दक्षयज्ञविनाशिनी (दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली) 
  38.  अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली)
  39.  अनेकवर्णा (अनेक रंगों वाली)
  40.  पाटला (लाल रंग वाली)
  41.  पाटलावती (गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली)
  42.  पट्टाम्बरपरीधाना (रेशमी वस्त्र पहनने वाली)
  43.  कलामंजीरारंजिनी (पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली)
  44.  अमेय (जिसकी कोई सीमा नहीं ) 
  45.  विक्रमा (असीम पराक्रमी) 
  46.  क्रूरा (दैत्यों के प्रति कठोर)
  47.  सुन्दरी (सुंदर रूप वाली)
  48.  सुरसुन्दरी (अत्यंत सुंदर)
  49.  वनदुर्गा (जंगलों की देवी)
  50.  मातंगी (मतंगा की देवी) 
  51.  मातंगमुनिपूजिता (बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय)
  52.  ब्राह्मी (भगवान ब्रह्मा की शक्ति) 
  53.  माहेश्वरी (प्रभु शिव की शक्ति) 
  54.  इंद्री (इन्द्र की शक्ति) 
  55.  कौमारी (किशोरी)  
  56.  वैष्णवी (अजेय)
  57.  चामुण्डा (चंड और मुंड का नाश करने वाली) 
  58.  वाराही (वराह पर सवार होने वाली) 
  59.  लक्ष्मी (सौभाग्य की देवी)  
  60.  पुरुषाकृति (वह जो पुरुष धारण कर ले) 
  61.  विमिलौत्त्कार्शिनी (आनन्द प्रदान करने वाली)  
  62.  ज्ञाना (ज्ञान से भरी हुई)
  63.  क्रिया (हर कार्य में होने वाली) 
  64.  नित्या (अनन्त)
  65.  बुद्धिदा (ज्ञान देने वाली)
  66.  बहुला (विभिन्न रूपों वाली) 
  67.  बहुलप्रेमा (सर्व प्रिय) 
  68.  सर्ववाहनवाहना (सभी वाहन पर विराजमान होने वाली)
  69.  निशुम्भशुम्भहननी (शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली)
  70.  महिषासुरमर्दिनि (महिषासुर का वध करने वाली)
  71.  मधुकैटभहंत्री (मधु व कैटभ का नाश करने वाली)
  72.  चण्डमुण्ड विनाशिनि (चंड और मुंड का नाश करने वाली)
  73.  सर्वासुरविनाशा (सभी राक्षसों का नाश करने वाली)
  74.  सर्वदानवघातिनी (संहार के लिए शक्ति रखने वाली)
  75.  सर्वशास्त्रमयी (सभी सिद्धांतों में निपुण)
  76.  सत्या (सच्चाई) 
  77.  सर्वास्त्रधारिणी (सभी हथियारों धारण करने वाली)
  78.  अनेकशस्त्रहस्ता (हाथों में कई हथियार धारण करने वाली)  
  79.  अनेकास्त्रधारिणी (अनेक हथियारों को धारण करने वाली)
  80.  कुमारी (सुंदर किशोरी)
  81.  एककन्या (कन्या)
  82.  कैशोरी (जवान लड़की)
  83.  युवती (नारी) 
  84.  यति (तपस्वी)
  85.  अप्रौढा (जो कभी पुराना ना हो)
  86.  प्रौढा (जो पुराना है)
  87.  वृद्धमाता (शिथिल)
  88.  बलप्रदा (शक्ति देने वाली)
  89.  महोदरी (ब्रह्मांड को संभालने वाली)
  90.  मुक्तकेशी (खुले बाल वाली)
  91.  घोररूपा (एक भयंकर दृष्टिकोण वाली)
  92.  महाबला (अपार शक्ति वाली)
  93.  अग्निज्वाला (मार्मिक आग की तरह)
  94.  रौद्रमुखी (विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा)
  95.  कालरात्रि (काले रंग वाली)
  96.  तपस्विनी (तपस्या में लगे हुए)
  97.  नारायणी (भगवान नारायण की विनाशकारी रूप)
  98.  भद्रकाली (काली का भयंकर रूप)
  99.  विष्णुमाया (भगवान विष्णु का जादू) 
  100.  जलोदरी (ब्रह्मांड में निवास करने वाली)
  101.  शिवदूती (भगवान शिव की राजदूत) 
  102.  करली (हिंसक)
  103.  अनन्ता (विनाश रहित)
  104.  परमेश्वरी (प्रथम देवी)
  105.  कात्यायनी (ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय)
  106.  सावित्री (सूर्य की बेटी)
  107.  प्रत्यक्षा (वास्तविक)
  108.  ब्रह्मवादिनी (वर्तमान में हर जगह वास करने वाली)

 
माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों के नाम

नवरात्रि में हम माँ दुर्गा के ९ स्वरूपों की पूजा करते है , माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों के नाम इस प्रकार है :

प्रथम शैलपुत्री, दूसरी  ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी  कुष्मांडा, पांचवी स्कंदमाता, छठी  कत्यायानी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी, नवीं सिद्धिदात्री 

माँ दुर्गा के 108  नामों को जाप करने का महत्त्व (Maa durga ke 108 Naam pdf)

ऐसा कहा जाता है कि इन नामों का जाप करने से भक्त और मां दुर्गा के बीच एक गहरा संबंध स्थापित होता है, जिससे घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। इन पवित्र नामों का स्मरण करने से हर मनोकामना पूरी होती है और शुभ फल प्राप्त होता है। इन नामों का नियमित जाप करने से सुख, संपत्ति, विलासिता, संतान, वाहन, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जैसे लाभ मिलते हैं। मां दुर्गा इन नामों से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देती हैं। शारदीय नवरात्रि में इन नामों का जाप सभी बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।

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