June 21, 2024 Blog

Kamika Ekadashi 2024: सावन की पहली एकादशी की तारीख और शुभ मुहूर्त

BY : STARZSPEAK

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व (Kamika Ekadashi Importance) है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को मृत्युलोक में स्वर्ग के समान सुख प्राप्त होता है। साथ ही सारे बिगड़े काम भी बन जाते हैं। इस व्रत के पुण्य से व्रती के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Kamika Ekadashi 2024: हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस अवसर पर व्रतधारी सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करते हैं। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद भक्त स्नान, ध्यान करते हैं और भगवान लक्ष्मी नारायण की विधि-विधान से पूजा करते हैं। साथ ही एकादशी का व्रत भी रखें.

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kamika ekadashi 2024

इस व्रत की महिमा शास्त्रों में वर्णित है। एकादशी व्रत (Kamika Ekadashi) के पुण्य से अनजाने में किये गये सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक की सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। इसलिए वैष्णव संप्रदाय के लोग जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की विधि-विधान से एकादशी तिथि को पूजा करते हैं। आइए जानते हैं कामिका एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग-

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 04:44 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 31 जुलाई को दोपहर 03:55 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में व्रत और त्योहारों की तिथि की गणना सूर्योदय से की जाती है। इसलिए सावन माह की पहली एकादशी (Kamika Ekadashi) 31 जुलाई को मनाई जाएगी. सरल शब्दों में कहें तो कामिका एकादशी 31 जुलाई को मनाई जाएगी. व्रती 1 अगस्त को सुबह 05:43 बजे से 08:24 बजे के बीच पारण कर सकते हैं.

योग

कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) पर ध्रुव योग बन रहा है. इस योग का संयोग दोपहर 02:14 बजे तक है. ज्योतिषी ध्रुव योग को बहुत शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। शुभ कार्यों में भी सफलता मिलेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है. पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है।

शिववास योग

कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। दोनों समय अभिषेक के लिए अनुकूल है। इस समय में भगवान नारायण की भी पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

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