Hanuman Vadvanal Stotra: हनुमान वडवानल स्तोत्र एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है जो भगवान श्रीहनुमान की स्तुति में रचा गया है। यह स्तोत्र खासतौर पर उनके अद्भुत पराक्रम, भक्ति, बल और उनके द्वारा किए गए दिव्य कार्यों की महिमा का वर्णन करता है। इसे पढ़ने और सुनने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में सुरक्षा, आत्मबल और सकारात्मकता की अनुभूति होती है।
हनुमान वडवानल स्तोत्र क्या है? (What Is Hanuman Vadvanal Stotra)
"वडवानल" का अर्थ होता है — समुद्र में स्थित वह अग्नि जो सब कुछ भस्म करने की शक्ति रखती है। इसी तरह, हनुमान जी को भी ऐसे ही महाबली और विनाशक शक्तियों से युक्त माना गया है, जो अपने भक्तों के सभी दुखों, दोषों और भय का नाश कर सकते हैं। इस स्तोत्र में उन्हें उसी रूप में स्मरण किया गया है।
इस स्तोत्र की रचना किसने की? (Who composed this Hanuman Vadvanal Stotra?)
हनुमान वडवानल स्तोत्र की रचना लंकापति विभीषण ने की थी। विभीषण, जो रावण के भाई और भगवान श्रीराम के परम भक्त थे, उन्होंने यह स्तोत्र हनुमान जी की महिमा से अभिभूत होकर रचा। यह स्तोत्र उस समय का है जब विभीषण ने हनुमान जी के अद्वितीय पराक्रम और रामभक्ति को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया।
हनुमान वडवानल स्तोत्र (Hanuman Vadvanal Stotra Pdf) में विभीषण ने भगवान श्रीराम और श्रीहनुमान के दिव्य स्वरूप और गुणों का सुंदर वर्णन किया है। इस स्तोत्र का नियमित जाप करने से जीवन में आ रहे संकट और परेशानियां दूर होने लगती हैं, और मन को एक विशेष सुरक्षा की अनुभूति होती है।
इस स्तोत्र की उत्पत्ति कहाँ से हुई? (Where did Hanuman Vadvanal Stotra originate from?)
इस स्तोत्र की जड़ें रामायण काल में हैं। ऐसा माना जाता है कि जब हनुमान जी ने लंका जाकर सीता माता का संदेश लाया, अशोक वाटिका जलाया और राक्षसों को पराजित किया — तभी विभीषण ने उनके अतुल बल और वीरता को देखकर यह स्तोत्र रचा। यह स्तोत्र तब से हनुमान उपासना का एक खास हिस्सा बन गया।
यह स्तोत्र हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत प्रभावशाली माध्यम माना जाता है। इसमें उनके साहस, बल, भक्ति और पराक्रम का गहन उल्लेख मिलता है। इसे श्रद्धा से पढ़ने पर जीवन में सफलता के मार्ग खुलते हैं और दुखों से मुक्ति मिलने लगती है।

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!! श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र !!
!! Hanuman Vadvanal Stotra Lyrics!!
॥ विनियोग ॥
ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र-मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः !
श्रीहनुमान् वडवानल देवता, ह्रां बीजम्, ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं !!
मम समस्त विघ्न-दोष-निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थे ॥
सकल-राज-कुल-संमोहनार्थे, मम समस्त-रोग-प्रशमनार्थम् !
आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त-पाप-क्षयार्थं !!
श्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये ॥
॥ ध्यान ॥
मनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं !
वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये ॥
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते प्रकट-पराक्रम !
सकल-दिङ्मण्डल-यशोवितान-धवलीकृत-जगत-त्रितय ॥
वज्र-देह रुद्रावतार लंकापुरीदहय उमा-अर्गल-मंत्र !
उदधि-बंधन दशशिरः कृतान्तक सीताश्वसन वायु-पुत्र ॥
अञ्जनी-गर्भ-सम्भूत श्रीराम-लक्ष्मणानन्दकर कपि-सैन्य-प्राकार !
सुग्रीव-साह्यकरण पर्वतोत्पाटन कुमार-ब्रह्मचारिन् गंभीरनाद ॥
सर्व-पाप-ग्रह-वारण-सर्व-ज्वरोच्चाटन डाकिनी-शाकिनी-विध्वंसन !
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीर-वीराय सर्व-दुःख निवारणाय ॥
ग्रह-मण्डल सर्व-भूत-मण्डल सर्व-पिशाच-मण्डलोच्चाटन !
भूत-ज्वर-एकाहिक-ज्वर, द्वयाहिक-ज्वर, त्र्याहिक-ज्वर ॥
चातुर्थिक-ज्वर, संताप-ज्वर, विषम-ज्वर, ताप-ज्वर !
माहेश्वर-वैष्णव-ज्वरान् छिन्दि-छिन्दि यक्ष ब्रह्म-राक्षस !!
भूत-प्रेत-पिशाचान् उच्चाटय-उच्चाटय स्वाहा ॥
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते !
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः आं हां हां हां हां ॥
ॐ सौं एहि एहि ॐ हं ॐ हं ॐ हं ॐ हं !
ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते श्रवण-चक्षुर्भूतानां ॥
शाकिनी डाकिनीनां विषम-दुष्टानां सर्व-विषं हर हर !
आकाश-भुवनं भेदय भेदय छेदय छेदय मारय मारय ॥
शोषय शोषय मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय !
प्रहारय प्रहारय शकल-मायां भेदय भेदय स्वाहा ॥
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते सर्व-ग्रहोच्चाटन !
परबलं क्षोभय क्षोभय सकल-बंधन मोक्षणं कुर-कुरु ॥
शिरः-शूल गुल्म-शूल सर्व-शूलान्निर्मूलय निर्मूलय !
नागपाशानन्त-वासुकि-तक्षक-कर्कोटकालियान् !!
यक्ष-कुल-जगत-रात्रिञ्चर-दिवाचर-सर्पान्निर्विषं कुरु-कुरु स्वाहा ॥
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते !
राजभय चोरभय पर-मन्त्र-पर-यन्त्र-पर-तन्त्र ॥
पर-विद्याश्छेदय छेदय सर्व-शत्रून्नासय !
नाशय असाध्यं साधय साधय हुं फट् स्वाहा ॥

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हनुमान वडवानल स्तोत्र का महत्व (Significance Of Hanuman Vadvanal Stotra)
- यह स्तोत्र भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, भय, और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।
- यह व्यक्ति को आत्मबल, धैर्य और साहस प्रदान करता है।
- इसे नियमित रूप से पढ़ने से जीवन में रक्षा कवच का निर्माण होता है।
- विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ अत्यंत फलदायी होता है।
यदि आप हनुमान जी की कृपा चाहते हैं, तो यह स्तोत्र आपके लिए एक सशक्त आध्यात्मिक साधन हो सकता है।
बजरंगबली वडवानल स्तोत्र का पाठ एक खास आध्यात्मिक साधना है, जिसे श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाए तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। आइए जानें इसे करने की सरल और शुद्ध विधि:
स्तोत्र पाठ की विधि (Hanuman Vadvanal Stotra Paath Vidhi)
- साफ-सफाई:
पाठ से पहले स्नान कर लें और साफ वस्त्र पहनें। पूजा की जगह को भी अच्छे से स्वच्छ कर लें, ताकि वहां शुद्धता बनी रहे।
- पूजा स्थान का चयन:
ऐसी शांत और पवित्र जगह चुनें जहां आप एकाग्र होकर पूजा कर सकें और कोई विघ्न न हो।
- पूजन सामग्री की तैयारी:
धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, सिंदूर, फूल, माला, कपूर आदि पूजा की थाली में सजा लें।
- ध्यान लगाना:
पाठ से पहले थोड़ी देर आंखें बंद करके मन को शांत करें, ताकि आपकी ऊर्जा पूरी तरह भक्ति में लग सके।
- गणेश जी की पूजा:
कोई भी पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश का पूजन करना शुभ माना जाता है। इससे सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं।
- श्रीराम-सीता पूजन:
हनुमान जी के प्रिय भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करें। उनकी कृपा से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- स्तोत्र का पाठ:
अब पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ बजरंगबली वडवानल स्तोत्र का पाठ करें। उच्चारण साफ और भावना सच्ची होनी चाहिए।
- आरती और प्रसाद:
पाठ के बाद हनुमान जी की आरती करें और फल-मेवा या गुड़-चने का प्रसाद अर्पित कर घर के सभी लोगों में बाँटें।
- आशीर्वाद की प्रार्थना:
पूजा के अंत में हनुमान जी से अपनी मनोकामना पूर्ति और जीवन में सफलता के लिए प्रार्थना करें।
हनुमान वडवानल स्तोत्र के लाभ (Benefits Of Hanuman Vadvanal Stotra)
- मानसिक और शारीरिक ऊर्जा: इस स्तोत्र का नियमित पाठ मानसिक शांति और शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है।
- सफलता की राह आसान होती है: हनुमान जी की कृपा से जीवन में मेहनत का फल जल्दी मिलने लगता है।
- नकारात्मकता से सुरक्षा: यह पाठ बुरी नजर, डर, भूत-प्रेत बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
- विपत्तियों से रक्षा: जीवन में आने वाले संकट, दुर्घटनाएं या अनहोनी की संभावना कम हो जाती है।
यह स्तोत्र (Hanuman Vadvanal Stotra Lyrics) सिर्फ एक पाठ नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच है। यदि आप नियमित और श्रद्धा से इसका पाठ करें, तो जीवन में साहस, संतुलन और दिव्यता का संचार होता है।
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