लहसुनिया या वैदुर्य के नाम से जाना जाने वाला कैट्स आई रत्न, अपने अद्भुत गुणों और आकर्षक रूप के कारण कई संस्कृतियों में पूजनीय माना जाता है। बिल्ली की आंख से मिलती-जुलती अपनी खास आकृति के कारण इसे यह नाम मिला है। वैदिक ज्योतिष में यह रत्न केतु ग्रह से जुड़ा हुआ है, और इसे पहनने से सुरक्षा, धन और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति की संभावना मानी जाती है। इसकी पूरी ऊर्जा और लाभ का अनुभव करने के लिए, इसे धारण करने के विशेष अनुष्ठान और निर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है।
विशेषताएं : कैट्स आई (Cats Eye Stone) एक अनोखा रत्न है, जिसमें ऊपर की सतह पर एक चमकीली पट्टी दिखाई देती है, जो रत्न को झुकाने पर हिलती है, जिससे इसे खास लुक मिलता है। इसका रासायनिक नाम क्राइसोबेरील (BeO.Al2O3) है और इसकी संरचना समचतुर्भुज बंधन में होती है। यह रत्न मुख्य रूप से हरे, भूरे, पीले और पारदर्शी रंगों में मिलता है। इसका विशिष्ट गुरुत्व 3.71 है और कठोरता मोह पैमाने पर 8.5 है, जो इसे काफी टिकाऊ बनाता है। इसकी कठोरता के कारण यह अंगूठी में जड़ने के लिए उपयुक्त है, हालांकि यह कुछ हद तक भंगुर होता है।
गुणवत्ता : कैट्स आई रत्न को धारण करने से पहले, उच्च गुणवत्ता वाले पत्थर का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए ऐसे कैट्स आई चुनें जिनमें स्पष्ट और अच्छी तरह से परिभाषित आंख का प्रभाव हो, अच्छी पारदर्शिता हो और जिनमें न्यूनतम दोष हों। हमेशा किसी प्रतिष्ठित विक्रेता से खरीदें और प्रामाणिकता का प्रमाण पत्र लेना न भूलें।
प्राकृतिक कैट्स आई रत्न (Cats Eye Stone) के अपारदर्शी होने के कारण इसे कृत्रिम कैट्स आई से अलग करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हालांकि, कुछ अनुभव के बाद अंतर साफ दिखने लगता है—कृत्रिम कैट्स आई रत्न आमतौर पर अधिक चमकदार और स्पष्ट दिखाई देता है, और उसमें कैट्स आई का प्रभाव भी अधिक तेज़ी से नजर आता है।
जब इन्हें आवर्धन के तहत ध्यान से देखा जाता है, तो प्राकृतिक रत्न में छोटे-छोटे निशान, पत्थर के दाने और पॉलिश की गई सतह के नीचे हल्की अनियमितताएं दिखती हैं, जो इसकी असलियत को दर्शाती हैं। इसके अलावा, कैट्स आई रत्न का निचला हिस्सा केवल पीसकर छोड़ा गया होता है, जिस पर खुरदरेपन का अहसास होता है, जबकि कृत्रिम रत्न में यह खुरदरापन नहीं होता।
वजन और आकार: कैट्स आई रत्न का आदर्श वजन व्यक्ति के शारीरिक वजन और ज्योतिषीय जरूरतों के अनुसार बदल सकता है। आमतौर पर 3 से 7 कैरेट का कैट्स आई पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि, अपने लिए उपयुक्त वजन का निर्धारण करने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना सबसे बेहतर होगा।
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले उसकी पहनने की विधि और उसके महत्व को समझना बेहद आवश्यक है।
इस प्रक्रिया की शुरुआत में किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना बेहद जरूरी है। ज्योतिषी आपकी जन्म कुंडली का विश्लेषण कर यह बता सकते हैं कि कैट्स आई आपके लिए लाभकारी होगा या नहीं। साथ ही, वे इसे धारण करने के लिए सबसे शुभ समय और सही दिन का चयन करने में भी आपकी मदद कर सकते हैं, जिससे रत्न की ऊर्जा का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
पहनने से कम से कम 10 मिनट पहले अंगूठी को गंगाजल या गाय के दूध में डुबोकर शुद्ध करें। रत्न धारण करते समय "ॐ केतवे नमः" मंत्र का जाप करें। इस रत्न को पहनने के लिए बुधवार और शुक्रवार सबसे उपयुक्त दिन माने जाते हैं।
धातु का चुनाव: कैट्स आई रत्न (Cats Eye Stone) को अक्सर चांदी, सोना, या पंचधातु (पांच धातुओं के मिश्रण) में जड़ा जाता है। धातु का चयन व्यक्ति की ज्योतिषीय कुंडली और व्यक्तिगत पसंद के आधार पर किया जाना चाहिए। इसकी शांत ऊर्जा के कारण चांदी को आमतौर पर सबसे उपयुक्त माना जाता है।
लहसुनिया रत्न को धारण करने के कई फायदे बताए जाते हैं, जो ज्योतिष और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। इसके लाभ निम्नलिखित हैं:
लहसुनिया (Cats Eye Stone) की इन विशेषताओं के कारण इसे धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।