October 11, 2024 Blog

Shree Shani Chalisa Pdf : पढ़े शनि चालीसा का पाठ और जानें इसको पढ़ने के क्या है फायदे?

BY : STARZSPEAK

Shree Shani Chalisa Pdf: शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। वे व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन शनि देव (Shani Dev Chalisa) को समर्पित होता है और इस दिन उनकी आराधना विशेष फलदायी होती है। शनिवार को शनि चालीसा का पाठ(Shani chalisa lyrics) करना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।


।। शनि चालीसा का पाठ ।।
।। Shani Chalisa Lyrics ।।

।। दोहा ।।

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन को दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल।।
जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।


shani chalisa lyrics

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।। चौपाई ।।


जयति-जयति शनिदेव दयाला। 
करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।
चारि भुजा तन श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।
परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।
कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै। हिय माल मुक्तन मणि दमकै।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल विच करैं अरिहिं संहारा।।

पिंगल कृष्णो छायानन्दन। यम कोणस्थ रौद्र दुःखभंजन।।
सौरि मन्द शनी दशानामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।।
जापर प्रभु प्रसन्न हवैं जाहीं। रंकहु राव करैं क्षण माहीं।।
पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत।।

राज मिलत बन रामहिं दीन्हा। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हा।।
बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई।।
लखनहिं शक्ति विकल करि डारा। मचिगई दल में हाहाकारा।।
रावण की गति-मति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई।।

दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग वीर की डंका।।
नृप विक्रम पर जब पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा।।
हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो।।
विनय राग दीपक महं कीन्हों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हों।।

हरिश्चन्द्रहुं नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी।।
तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजी मीन कूद गई पानी।।
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा।।

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी।।
कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला।।
शेष देव लखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई।।

वाहन प्रभु के सात सुजाना। गज दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना।।
जम्बुक सिंह आदि नख धारी। सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा।।

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहिं चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा।।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं।।
समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सुख मंगल भारी।।

जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला।।
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत।।
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
 

।। दोहा ।।

प्रतिमा श्री शनिदेव की लौह धातु बनवाए।
प्रेम सहित पूजन करै सकल कटि जाय।।
चालीसा नितनेम यह कहहिं सुनहिं धरि ध्यान।
निश्चय शनि ग्रह सुखद ह्यें पावहि नर सम्मान।।

 

शनि चालीसा पढ़ने के फायदे (Benefits of reading Shani Chalisa)

  1. साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करता है: जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है, तो उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शनि चालीसा का नियमित पाठ करने से इन दुष्प्रभावों में कमी आती है।
  2. नकारात्मकता से छुटकारा: शनिदेव की कृपा से व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। शनि चालीसा का पाठ मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ाता है।
  3. धन, नौकरी और सफलता में बाधाओं का समाधान: जीवन में धन, नौकरी, और व्यक्तिगत सफलता में यदि बाधाएं आ रही हों, तो शनिदेव की उपासना और शनि चालीसा का पाठ करके उन समस्याओं का समाधान हो सकता है।
  4. परेशानियों से मुक्ति: नियमित रूप से शनि चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियों का हल मिलने लगता है। शनि देव व्यक्ति को उसकी कठिनाइयों से उबारते हैं और उसे जीवन में स्थिरता प्रदान करते हैं।
  5. कर्ज और मुकदमों से राहत: यदि कोई व्यक्ति कर्ज में डूबा हो या उस पर कोई मुकदमा चल रहा हो, तो शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की कृपा से उसे राहत मिल सकती है।