September 5, 2024 Blog

Ganesh Temples In India: भारत के 10 प्रमुख मनोकामना पूर्ति गणेश मंदिर

BY : STARZSPEAK

Ganesh Temples In India:  हमारे भारत में सभी देवी देवताओ के बहुत से मंदिर है। वैसे ही हमारे सबसे प्रिय गणपति बप्पा के भी बहुत से मंदिर है।  हम सभी जानते हैं की ये भाद्र का महीना चल रहा है और इसमें गणेश चतुर्थी होती है जो की इस वर्ष ७ सितम्बर  को है।  गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी लोग बप्पा के दरसन के लिए दूर दूर से आते है मंदिरो में दर्शन के लिए। आइए जानते है गणपति बप्पा के कुछ प्रमुख मंदिरो के बारे में।  ये सभी मंदिर कहाँ स्थित है, इनका क्या महत्त्व है, भारत में क्यों अत्यधिक जाने जाते है इन सब के बारे में। 
यहाँ भगवान गणेश के 10 प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों का विवरण दिया गया है, जो अपनी अद्वितीयता और महत्व के लिए जाने जाते हैं:

1. सिद्धिविनायक मंदिर(Siddhivinayak Ganesh Temple), मुंबई

महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में से एक है। यहां भगवान गणेश को सिद्धि-विनायक के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें सभी बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि यहां की गई पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है।

इस मंदिर का निर्माण सन 1801 में  पूरा हुआ था। यह मंदिर  काका साहेब गाडगिल मार्ग और एस.के. मुंबई प्रभादेवी के कोने पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण एक पेशेवर ठेकेदार स्वर्गीय लक्ष्मण विथु पाटिल ने माटुंगा के कृषि समाज की स्वर्गीय श्रीमती दीउबाई पाटिल के निर्देश और वित्तीय सहयोग से किया था। आज इस मंदिर को गजानन के विशेष मंदिर का दर्जा प्राप्त है। मंदिर की प्रसिद्धि इतनी है कि आम हो या खास हर कोई बप्पा के दर पर खिंचा चला आता है।

Ganesh Temples In India

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2. दगडूशेठ हलवाई मंदिर (Dagdusheth Halwai Temple), पुणे

पुणे में स्थित दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर का निर्माण एक हलवाई ने अपने बेटे की याद में करवाया था। यह मंदिर अपने विशाल गणेश मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है और यहां गणेशोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर में आने से भक्तों को सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है। यह महाराष्ट्र का दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।

3.श्री गणेश मंदिर( Shree Ganesh Temple), रणथंभौर

राजस्थान के रणथंभौर में स्थित यह मंदिर भगवान गणेश के तीन आंखों वाले रूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान गणेश को रणथंभौर के रक्षक के रूप में पूजा जाता है, और माना जाता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों के सभी प्रकार के विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं।करीब 1000 साल पुराना यह मंदिर रणथंबौर किले में सबसे ऊंचाई पर स्थित है।

4. चिंतामण गणेश मंदिर(Chintaman Ganesh
Temple), उज्जैन 

चिंतामण गणेश मंदिर भारत के उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर से सिर्फ ६ कम की दूरी पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है।  गर्भगृह में प्रवेश करते ही भगवान गणेश की तीन मूर्तियां नजर आती हैं: चिंतामण, इच्छामन, और सिद्धिविनायक। ये मूर्तियां स्वयंभू मानी जाती हैं। मान्यता है कि चिंतामण गणेश चिंता का नाश करते हैं, इच्छामन भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं, और सिद्धिविनायक सिद्धि प्रदान करते हैं। परमारकालीन इस मंदिर का निर्माण 9वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था। मंदिर के शिखर पर सिंह की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां पर ज्योतिष और संस्कृति भाषा का ज्ञान भी दिया जाता है।

5. कनिपक्कम विनायक मंदिर(Kanipakkam Vinayaka Temple), आंध्र प्रदेश

कनिपक्कम में स्थित यह मंदिर भगवान गणेश के स्वयम्भू रूप के लिए प्रसिद्ध है। यहां की गणेश प्रतिमा जल से उभरती हुई दिखाई देती है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और शुद्धता की प्राप्ति होती है। यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्त अपने पापों को धोने के लिए मंदिर के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।

6. खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh Temple), इंदौर

इंदौर शहर में स्थित खजराना गणेश मंदिर, भगवान गणेश का एक अत्यंत प्रसिद्ध और पवित्र स्थल है, जो भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। खजराना गणेश मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह इंदौर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। 

खजराना गणेश मंदिर की गणेश प्रतिमा को अति दिव्य और चमत्कारी माना जाता है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है। भक्त अपने जीवन की समस्याओं और कष्टों को दूर करने के लिए मंदिर में आकर गणेश जी से प्रार्थना करते हैं। यहां विशेष रूप से बुधवार के दिन और गणेश चतुर्थी के अवसर पर भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

7. डोडा गणपति मंदिर (Doda Ganesh Temple), बेंगलुरु

डोडा गणपति मंदिर, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के बसवनगुड़ी क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है। "डोडा" का अर्थ कन्नड़ में "बड़ा" होता है, और इस मंदिर में भगवान गणेश की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 18 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। यह प्रतिमा एक ही पत्थर से बनाई गई है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। 
मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के दौरान कराया गया था, और यह आज भी भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। माना जाता है कि यहाँ गणेश जी की आराधना करने से सभी प्रकार के विघ्नों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

8
. मोती डूंगरी गणेश मंदिर (Moti Dungri Ganesh Temple), जयपुर 

मोती डूंगरी गणेश मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पवित्र और लोकप्रिय मंदिर का निर्माण 1761 के आसपास सेठ जय राम पल्लीवाल की देखरेख में किया गया था। मोती डूंगरी गणेश मंदिर के बारे में यह भी माना जाता है कि इसका निर्माण राजस्थान के सबसे अच्छे पत्थर से लगभग 4 महीने के भीतर पूरा किया गया था। 
मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण गणेश मंदिरों में से एक है। इस पवित्र स्थल पर रोज़ाना हजारों भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी के विशेष अवसर पर, लाखों श्रद्धालु मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। माना जाता है कि हर बुधवार को मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। मंदिर परिसर में शिवलिंग और लक्ष्मी-नारायण की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, जिससे यह स्थान भक्तों के लिए और भी पवित्र हो जाता है।

9. मनकुला विनायगर मंदिर (Manakula Vinayagar Temple), पुडुचेरी

पुडुचेरी में स्थित मनकुला विनायगर मंदिर 400 से अधिक वर्षों पुराना है और यहां भगवान गणेश की एक प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में पूजा करने से समस्त समस्याओं का समाधान होता है।

10. मधुर महागणपति मंदिर (Madhur Mahaganpati Temple), केरल

मधुर महागणपति मंदिर केरल के कासरगोड जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध गणेश मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश के "महागणपति" स्वरूप को समर्पित है, जहाँ उनकी भव्य और विशाल मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला और शिल्पकला विशेष रूप से आकर्षक है, जो इसे सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है।
मान्यता है कि यहां की गई पूजा सभी विघ्नों का नाश करती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष अवसरों पर यहां भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है, खासकर गणेश चतुर्थी और अन्य त्योहारों पर।

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