August 9, 2024 Blog

Krishna Janmashtami 2024: जानें सही तारीख, पूजा का शुभ समय और महत्व

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। आइए जानते हैं पूजा की सही तारीख, शुभ समय और महत्व।

Krishna Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो विष्णु के दशावतारों में से आठवें और भगवान कृष्ण के चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार हैं। हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार कृष्ण जन्माष्टमी है, यह त्योहार न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह पर्व अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व है। पृथ्वी पर कंस का अत्याचार बढ़ गया था। उसके अत्याचार को ख़त्म करने के लिए भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान कृष्ण देवकी के आठवें पुत्र हैं। उनका जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था।

इस साल जन्माष्टमी कब है?
इस साल 2024 में जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त को मनाई जाएगी. उदया तिथि के अनुसार 26 अगस्त को जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का व्रत रखा जाएगा. 27 अगस्त को गोकुल और वृन्दावन में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. 

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krishna janmashtami
जन्माष्टमी का महत्व

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। भाद्रपद कृष्णाष्टमी को जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्यौहार मनाया जाता है, इस तिथि पर कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिरों में जगह-जगह कीर्तन और झाँकियाँ सजाई जाती हैं। रात्रि 12 बजे तक उपवास करने के बाद भगवान से प्रसाद ग्रहण किया जाता है। दूसरे दिन सुबह से ही नंद महोत्सव भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा करने से घर में समृद्धि बढ़ती है। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?

भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात में भगवान कृष्ण (Krishna Janmashtami) की पूजा करते हैं। भगवान को हल्दी, दही, घी, तेल, गंगाजल आदि से स्नान कराया जाता है और चंदन लगाया जाता है। खुशी से पालने में झुलाया जाता है. मंदिरों में भव्य सजावट की जाती है और भजन-कीर्तन किये जाते हैं। श्रीमद्भागवत का पाठ किया जाता है.

मथुरा और वृंदावन

इन स्थानों पर जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन लोग अक्सर अपने घरों में "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे" का जाप करते हैं। जन्माष्टमी पर्व के बाद अगले दिन दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है.

शैव और वैष्णव समुदाय में जन्माष्टमी
  • वैष्णव समुदाय: वैष्णव समुदाय के लोग भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार मानते हैं और उनका जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
  • शैव समुदाय: शैव समुदाय के लोग भी जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार मनाते हैं, हालांकि वे इसे वैष्णव समुदाय जितनी धूमधाम से नहीं मनाते हैं। 
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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.