August 9, 2024 Blog

Skanda Sashti: भगवान कार्तिकेय को समर्पित है स्कंद षष्ठी, जानें पूजा विधि

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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स्कंद षष्ठी का त्योहार दक्षिण भारत में अधिक लोकप्रिय है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान स्कंद की पूजा करते हैं। भगवान स्कंद (Skanda Sashti) को मुरुगन और सुब्रह्मण्य के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और परिवार में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है।

Skanda Sashti: हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है। इस तिथि पर मुख्य रूप से भगवान स्कंद यानी भगवान कार्तिकेय की पूजा करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी की पूजा से ग्रह दोष शांत होते हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं स्कंद षष्ठी की पूजा विधि। 

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skanda sashti
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त 

सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 10 अगस्त को सुबह 03:14 बजे तक रहेगी. जो 11 अगस्त को सुबह 05:44 बजे ही समाप्त हो जाएगा. ऐसे में स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti) उदया तिथि के अनुसार 10 अगस्त 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी.

स्कंद षष्ठी का महत्व 

स्कंद षष्ठी मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित त्योहार है। भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति भी कहा जाता है। स्कंद षष्ठी का त्योहार मुख्य रूप से तमिल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti) के दिन भगवान कार्तिकेय या स्कंद की पूजा करने से जीवन की बड़ी से बड़ी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। साथ ही साधक को सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।

स्कंद षष्ठी पूजा विधि 

स्कंद षष्ठी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान स्कंद का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा घर में भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। भगवान कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए।

पूजा के दौरान भगवान कार्तिकेय को फूल, चंदन, धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें। साथ ही भगवान को फल और मिठाइयां भी अर्पित करें. आप भगवान कार्तिकेय को मोर पंख भी अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि मोर पंख उन्हें प्रिय माना जाता है। इससे आपको भगवान स्कंद (Skanda Sashti) की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। 

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.