August 5, 2024 Blog

Vinayak Chaturthi 2024: गणेश जी की भोग थाली से पूरी होंगी मुरादें

BY : STARZSPEAK

पंचांग के अनुसार सावन माह में 08 अगस्त को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं। अगर आप भी गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो भगवान गणेश (Vinayak Chaturthi) की प्रसाद की थाली में अपनी पसंदीदा चीजें शामिल करें। इससे व्यक्ति को अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी।

Sawan Vinayak Chaturthi 2024: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। पूजा के दौरान भगवान को भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि विनायक चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को कौन सी चीजें अर्पित करनी चाहिए? 

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vinayak chaturthi
भगवान गणेश जी के भोग 
  • विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और विधिपूर्वक पूजा करें। इस दौरान देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। प्रसाद की थाली में भगवान की पसंदीदा चीजों को शामिल करें। अगर आप अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। इससे वे प्रसन्न होते हैं और साधक की मनोकामना पूरी करते हैं।
  • गणपति बप्पा को मोतीचूर के लड्डू भी अधिक पसंद हैं. आप उन्हें मोतीचूर के लड्डू का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा आप प्रसाद में फल और मिठाई भी शामिल करके उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। इससे प्रेम संबंध भी मजबूत होते हैं।
  • सनातन धर्म में पूजा-पाठ में नारियल का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में गणपति बप्पा (Vinayak Chaturthi) के प्रसाद में नारियल को शामिल किया जा सकता है। इससे साधक को पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) तिथि 07 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट तक रहेगी. वहीं, इसका समापन 09 अगस्त को सुबह 12:36 बजे होगा. इस दिन चंद्रास्त का समय रात्रि 09:27 बजे है। साधक 08 अगस्त को चतुर्थी व्रत रख सकते हैं.

भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जप 

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।। 

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