ज्योतिषियों के मुताबिक रक्षाबंधन पर भाद्रवास योग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रा के बाद शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।
Raksha Bandhan 2024: सनातन धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है। इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाये जाते हैं। इनमें रक्षाबंधन का त्योहार सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पूरे विधि-विधान के साथ राखी यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं। सबसे पहले बहनें सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु की पूजा करती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं। इस समय बहनें अपने भाइयों की उन्नति और उन्नति की कामना करती हैं।इसके बाद भाइयों को तिलक लगाकर आरती उतारती हैं और राखी बांधती हैं। इसके बाद मिठाई खिलाते हैं. भाई भी अपनी बहनों को न केवल उपहार देते हैं, बल्कि उन्हें जीवन भर खुश रखने, सुख-दुख में साथी बनने और उनकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं। हालांकि इस साल लोग सावन पूर्णिमा की तिथि को लेकर असमंजस में हैं. इसके अलावा रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी पड़ने वाला है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन की सही तारीख और राखी बांधने का सही समय-
वैदिक पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त की देर रात 03 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो जायेगी. सरल शब्दों में कहें तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को दोपहर 03:43 बजे शुरू होगी. वहीं यह तिथि 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के बाद के समय से की जाती है। इसके लिए 19 अगस्त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दिन भद्रा का साया भी पड़ रहा है. ज्योतिषियों के अनुसार भद्रा के दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है।
ज्योतिषियों की गणना के अनुसार सावन पूर्णिमा पर दोपहर 01:32 बजे तक भद्रा का साया है। इस दिन सुबह 06:05 बजे से दोपहर 01:32 बजे तक भद्रा का साया रहेगा. इस समय तक राखी न बांधें. शास्त्रों में भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। इसलिए भद्रा के बाद ही राखी बांधें।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) पर राखी बांधने का सही समय दोपहर 01:32 बजे से शाम 04:20 बजे तक है. इसके बाद प्रदोष काल में राखी बांधने का सर्वोत्तम समय शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक है. इन दोनों समय में बहनें अपनी सुविधानुसार सभी कामों से निवृत्त होकर अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
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