October 22, 2024 Blog

Kartik purnima 2024 कब है ? क्या है इस शुभ दिन का महत्व और पुण्य प्राप्ति के उपाय

BY : STARZSPEAK

कार्तिक पूर्णिमा 2024 कब है (When is Kartik Purnima 2024)

कार्तिक पूर्णिमा 2024: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अंतिम पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन दिवाली के बाद आने वाला प्रमुख त्योहार है और इसे ‘देव दीपावली’ के नाम से भी जाना जाता है। 2024 में कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से विशेष महत्व है, और इसे हिंदू धर्म के पवित्रतम दिनों में से एक माना जाता है।



कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Importance of Kartik Purnima)

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का महत्व शास्त्रों और पुराणों में विस्तार से वर्णित है। इस दिन को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और देवताओं ने समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त किया था। इसके अलावा, यह दिन भगवान शिव, विष्णु और देवी लक्ष्मी के पूजन के लिए भी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सिख धर्म के लिए भी इस दिन का खास महत्व है क्योंकि इसे गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी का जन्म इसी दिन हुआ था, और इस मौके पर गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है।


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कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें? (What to do on Kartik Purnima?) 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कर्म और पूजा-अर्चना की जाती है, जिनसे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन के विशेष कर्म और उनकी महिमा:


1. पवित्र नदियों में स्नान

इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, सरस्वती, गोदावरी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। स्नान से शरीर और मन शुद्ध होते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि किसी कारणवश आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें, यह भी उतना ही फलदायी होता है।


2. दीपदान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा को दीप जलाने का भी विशेष महत्व है। इसे ‘देव दीपावली’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन स्वर्ग में देवता दीप जलाकर उत्सव मनाते हैं। इस दिन नदी के किनारे दीपदान करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही, घर में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


3. भगवान विष्णु और शिव की पूजा

इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। भगवान शिव को गंगाजल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सभी संकट दूर करते हैं। भगवान विष्णु की आराधना तुलसी दल, फूल, और फल से करें। इससे भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्ट कम होते हैं।


4. दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान देने का भी विशेष महत्व है। इस दिन वस्त्र, अनाज, धन, और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आत्मिक शांति मिलती है।


5. पुष्कर मेले का आयोजन

राजस्थान के पुष्कर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं। इस मेले में लोग पुष्कर झील में स्नान करते हैं और ब्रह्मा जी के मंदिर में दर्शन करते हैं।

 

कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले अन्य कार्य (Other activities to be done on Kartik Purnima) 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष नियम और साधना अपनाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। आइए जानते हैं इस दिन के कुछ प्रमुख कार्य:


1. गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप

इस दिन गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। कहा जाता है कि इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और वह अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है।

2. व्रत और उपवास

कार्तिक पूर्णिमा के दिन उपवास रखने का भी विशेष महत्व है। इसे ‘सत्यनारायण व्रत’ के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं। व्रत के दौरान सत्यनारायण कथा का पाठ भी किया जाता है, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

कार्तिक पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual significance of Kartik Purnima) 

यह दिन केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व भी है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं और व्यक्ति को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। यह दिन व्यक्ति को आत्म-निरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरित करता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार हिंदू धर्म का एक पवित्र और महत्वपूर्ण अवसर है, जो व्यक्ति को अपने जीवन को शुद्ध और पवित्र बनाने का अवसर देता है। इस दिन किए गए स्नान, दान, पूजा और उपवास जीवन को समृद्ध, सफल और सुखी बनाते हैं। इसलिए, इस विशेष दिन पर अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान की आराधना करें और जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति करें।


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