सनातन शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी देवी लक्ष्मी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकती हैं। इसके लिए व्यक्ति को जीवन में आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार नियमित रूप से मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Pooja) करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही धन संबंधी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
साधकों को शुक्रवार के दिन ब्रह्म बेला में जागना चाहिए। इस समय धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें। अब घर की सफाई करें. पूजा कक्ष को भी साफ करें और फूलों सहित सभी पूजा सामग्री एकत्र करें। अब पूरे घर को गंगा जल से शुद्ध करें. दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर गंगाजल युक्त जल से स्नान-ध्यान करें। इस समय हथेली में जल लेकर आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। आचमन के समय इन मंत्रों का जाप करें।
ॐ नाराणाय नमः
ॐ माधवाय नमः
ॐ हृषीकेशाय नमः
ॐ गोविंदाय नमः
अब सफेद या लाल रंग का वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को जल में कुमकुम मिलाकर अर्घ्य दें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चाकर करें।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
अब पंचोपचार करें और विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करें. इस समय मां लक्ष्मी को सफेद फूल, लाल गुलाब, साबुत चावल और गुड़ से बनी खीर, सफेद रंग की मिठाई, हल्दी और कौड़ी का भोग लगाएं। पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी मंत्र और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही लक्ष्मी आरती के साथ लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja) का समापन करें. आरती के समय धन की देवी मां लक्ष्मी से सुख-समृद्धि और धन वृद्धि की प्रार्थना करें। साथ ही कौड़ी और हल्दी को पीले या लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। इस उपाय को करने से धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
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