October 15, 2024 Blog

Din Ka Choghadiya: चौघड़िया क्या है, इसके कितने प्रकार है, इसका महत्व और इसकी गणना कैसे करते है?

BY : STARZSPEAK

Din Ka choghadiya: किसी भी कार्य का प्रारंभ शुभ मुहूर्त में करना हमारी परंपरा का अभिन्न अंग है। इसके लिए वार, तिथि, लग्न, योग, नक्षत्र आदि का ध्यान रखा जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है चौघड़िया, जो समय का एक विभाजन है, जिसके जरिए शुभ-अशुभ समय का आकलन होता है। 

चौघड़िया क्या है?(What Is Choghadiya)

चौघड़िया हिंदू पंचांग पर आधारित एक प्रणाली है, जो शुभ और अशुभ समय का निर्धारण करती है। इसे ज्योतिषीय गणनाओं से तैयार किया जाता है, जिसमें नक्षत्र और वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों का उपयोग होता है। दिन के 24 घंटों में हर पल की स्थिति का आकलन करके चौघड़िया का निर्माण किया जाता है। अगर आपको किसी नए कार्य की शुरुआत करनी है, तो उस दौरान शुभ चौघड़िया मुहूर्त का चयन आपके लिए लाभकारी हो सकता है। 

चौघड़िया में 24 घंटे को 16 हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें आठ मुहूर्त दिन के होते हैं और आठ मुहूर्त रात के। हर मुहूर्त की अवधि लगभग 1.30 घंटे की होती है। सप्ताह भर में कुल 112 मुहूर्त होते हैं, जो दिन और रात के अलग-अलग समय में बंटे होते हैं। पूजा-पाठ, यात्रा, या कोई विशेष कार्य करने के लिए इन मुहूर्तों का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 
माना जाता है कि यदि कोई महत्वपूर्ण कार्य शुभ चौघड़िया में किया जाए, तो उस कार्य से व्यक्ति को अपेक्षित और अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं। इसी कारण, जीवन में सफलताएं और सकारात्मक ऊर्जा के लिए शुभ समय का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है।

चौघड़िया के प्रकार (Types Of Choghadiya) 

चौघड़िया (मुहूर्त) के सात मुख्य प्रकार होते हैं: अमृत, लाभ,शुभ, चर, काल, रोग, और उद्वेग। हिंदू पंचांग के अनुसार, दिन और रात दोनों में आठ-आठ चौघड़िया होते हैं। आइए जानें इन चौघड़िया के प्रकारों के बारे में :

  1. अमृत: चंद्र ग्रह का असर, अत्यंत शुभ। सभी कार्यों के लिए अनुकूल।
  2. लाभ: बुध ग्रह, शिक्षा और विद्या प्रारंभ करने के लिए लाभकारी।
  3. शुभ:बृहस्पति ग्रह, विवाह और शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ।
  4. चर: शुक्र ग्रह, यात्रा के लिए उपयुक्त।
  5. काल: शनि ग्रह, पापी ग्रह के रूप में अशुभ, परंतु धनोपार्जन में सहायक।
  6. रोग:मंगल ग्रह, अनिष्टकारी, युद्ध व प्रतिस्पर्धा के लिए ठीक।
  7. उद्वेग: सूर्य का प्रभाव, आमतौर पर अशुभ, परंतु सरकारी कार्यों के लिए सही।

din ka choghadiya

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दिन का चौघड़िया(Din Ka Choghadiya): यह समय सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच होता है। इसमें अमृत, शुभ, लाभ, और चर को शुभ चौघड़िया माना गया है, जहाँ अमृत को सबसे उत्तम और चर को भी अच्छा माना जाता है। वहीं, उद्वेग, रोग और काल को अशुभ चौघड़िया के रूप में देखा जाता है, इसलिए किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को इन अशुभ चौघड़ियों के दौरान करने से बचना चाहिए। नीचे दिए गए चार्ट में दिन के चौघड़ियों का विवरण दिया गया है, जो आपको इसे समझने में सहायक होगा।

रात का चौघड़िया(Raat Ka Choghadiya): यह समय सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय तक का होता है। रात में भी कुल 8 चौघड़िया होते हैं, और ये दिन के चौघड़ियों की तरह ही शुभ-अशुभ प्रभाव डालते हैं। नीचे रात के चौघड़ियों का चार्ट प्रस्तुत है, जिससे इसे समझना आसान होगा।

वार के अनुसार चौघड़िया (Choghadiya According To The Day)

हर दिन का पहला चौघड़िया उस दिन के ग्रह स्वामी द्वारा निर्धारित होता है। जैसे, रविवार का पहला चौघड़िया सूर्य के प्रभाव में होता है, वहीं सोमवार का चंद्रमा से। इसी प्रकार यह क्रम चलता है और हर वार का चौघड़िया उसी वार के ग्रह स्वामी से प्रभावित होता है।

 शुभ चौघड़िया का चयन (Selection Of Auspicious Choghadiya)

अमृत, शुभ, लाभ और चर - इन चार चौघड़िया को शुभ माना जाता है और इन्हीं में कार्य प्रारंभ करना चाहिए। रोग, काल और उद्वेग के चौघड़िया को त्याज्य कहा गया है। साथ ही, वार वेला, काल वेला, राहु काल और काल रात्रि को भी शुभ कार्यों के लिए नहीं चुना जाता।


ग्रहों के अनुसार चौघड़िया (Choghadiya According To Planets)

  1. उद्वेग चौघड़िया: सूर्य से संबंधित, सरकारी कार्यों के लिए अनुकूल।
  2. चर चौघड़िया: शुक्र का प्रभाव, यात्रा के लिए उपयुक्त।
  3. लाभ चौघड़िया:बुध के अधीन, विद्या व शिक्षा के कार्यों में श्रेष्ठ।
  4. अमृत चौघड़िया:चंद्र ग्रह के प्रभाव में, सभी शुभ कार्यों के लिए उत्तम।
  5. काल चौघड़िया:शनि से प्रभावित, आमतौर पर अशुभ, परंतु धन लाभ में सहायक।
  6. शुभ चौघड़िया:बृहस्पति के अधीन, विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ।
  7. रोग चौघड़िया:मंगल से प्रभावित, युद्ध व विवादों के समय उपयोगी।

चौघड़िया प्रणाली का अनुसरण कर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे द्वारा आरंभ किए गए कार्य सही समय पर प्रारंभ हों और हमें उनका पूरा फल प्राप्त हो।


चौघड़िया की गणना कैसे करे?(How To Calculate Choghadiya?)

चौघड़िया की गणना इस प्रकार की जाती है: यह हर दिन अलग होता है और इसके निर्धारण के लिए दिन और रात को अलग-अलग देखा जाता है। दिन के चौघड़िया की गणना सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को 8 भागों में बाँटकर की जाती है। इस तरह प्रत्येक खंड लगभग 90 मिनट का होता है। जब हम सूर्योदय के समय में 90 मिनट जोड़ते हैं, तो हमें पहले चौघड़िया का समय मिल जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर सूर्योदय का समय 6:00 बजे है, तो 90 मिनट जोड़ने पर पहला चौघड़िया 6:00 बजे से शुरू होकर 7:30 बजे समाप्त होगा। फिर, 7:30 से अगले 90 मिनट जोड़ने पर, दूसरा चौघड़िया 9:00 बजे तक चलेगा। इसी पैटर्न को रात के चौघड़िया के लिए भी अपनाया जाता है, जो सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय तक चलता है।
हर वार के लिए चौघड़िया का क्रम अलग होता है। उदाहरण के लिए, सोमवार के दिन पहला चौघड़िया अमृत होता है, जो शुभ माना जाता है, जबकि दूसरा काल, जो अशुभ है। इस प्रकार, शुभ-अशुभ मुहूर्तों की समझ के लिए दिन-रात के चौघड़िया का सही गणना करना जरूरी होता है।

raat ka choghadiya


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