March 11, 2024 Blog

Hanuman Aashtak Lyrics: आज पूजा करते समय जरूर पढ़ें संकटमोचन हनुमान अष्टक, हो सकते हैं ये लाभ

BY : STARZSPEAK

Hanuman Ashtak Lyrics: हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की कृपा से सभी तरह के संकट पल भर में दूर हो जाते हैं। बड़े-बड़े पर्वतों को उठाने वाले, समुद्र को पार करने वाले और स्वयं भगवान के कार्य को पूर्ण करने वाले संकटमोचक हनुमान की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। जो लोग हनुमानजी के मार्ग पर चलते हैं उन्हें किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। हनुमान जी की नियमित पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में परेशानियों और परेशानियों से राहत पाने के लिए आपको हर मंगलवार हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए। यहां हनुमान अष्टक के बोल दिए जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप इसका पाठ कर सकते हैं...

संकटमोचन हनुमान अष्टक \ Hanuman Ashtak Lyrics

बाल समय रवि भक्षि लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों

ताहि सो त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात  न टारो

देवन आनि करी विनती तब,

छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो, को – १


बालि की त्रास कपीस बसै गिरि,

जात महाप्रभु पंथ निहारो

चौंकि महामुनि शाप दियो तब ,

चाहिए कौन बिचार बिचारो

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,

सो तुम दास के शोक निवारो, – को – २


अंगद के संग लेन गए सिय,

खोज कपीश यह बैन उचारो

जीवत ना बचिहौ हम सो  जु ,

बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो

हेरी थके तट सिन्धु सबै तब ,

लाए सिया-सुधि प्राण उबारो,-  को – ३

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hanuman ashtak lyrics

रावण त्रास दई सिय को तब ,

राक्षसि सो कही सोक निवारो

ताहि समय हनुमान महाप्रभु ,

जाए महा रजनीचर मारो

चाहत सीय असोक सों आगिसु ,

दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो, -को – ४


बान लग्यो उर लछिमन के तब ,

प्राण तजे सुत रावन मारो

लै गृह बैद्य सुषेन समेत ,

तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो

आनि संजीवन हाथ दई तब ,

लछिमन के तुम प्रान उबारो, – को – ५


रावन युद्ध अजान कियो तब ,

नाग कि फांस सबै सिर डारो

श्री रघुनाथ समेत सबै दल ,

मोह भयो यह संकट भारो

आनि खगेस तबै हनुमान जु ,

बंधन काटि सुत्रास निवारो,-  को – ६


बंधु समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो

देवहिं पूजि भली विधि सों बलि ,

देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो

जाये सहाए भयो तब ही ,

अहिरावन सैन्य समेत संहारो,- को – ७


काज किये बड़ देवन के तुम ,

बीर महाप्रभु देखि बिचारो

कौन सो संकट मोर गरीब को ,

जो तुमसो नहिं जात है टारो

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु ,

जो कछु संकट होए हमारो,-  को – ८


दोहा

लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर I

बज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर ी



हनुमान अष्टक के लाभ (Hanuman Ashtak Lyrics)
  • हनुमान अष्टक का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है।
  • ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान अष्टक का पाठ करता है, तो उसे सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।
  • यदि आप शत्रु या किसी अन्य भय से विचलित हैं तो हर मंगलवार को नियमित रूप से हनुमान अष्टक का पाठ करें।
हनुमान अष्टक पाठ के नियम (Hanuman Ashtak Lyrics)
  • अगर आप हनुमान अष्टक का पाठ करने की सोच रहे हैं तो पाठ के स्थान पर हनुमान जी की तस्वीर के साथ भगवान श्री राम की तस्वीर भी रखें।
  • इसके बाद तस्वीरों के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • तांबे के लोटे या गिलास में पानी भरकर रखें।
  • फिर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जी का ध्यान करें और पाठ शुरू करें।

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