देशभर में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इसकी विशेष शोभा (Mathura Holi) मथुरा, वृन्दावन और बरसाना में देखने को मिलती है। यहां होली का त्योहार कई दिनों तक मनाया जाता है। यहां देखें मथुरा होली कैलेंडर।
कहा जाता है कि नंदगांव से बरसाना आकर होली खेलने का निमंत्रण स्वीकार करने की परंपरा लड्डू होली से जुड़ी है, जिसका पालन आज भी किया जाता है. इस दौरान सैकड़ों किलो लड्डू बांटे जाते हैं. इस बार (Mathura Holi) यह होली 17 मार्च को खेली जाएगी.
लड्डू होली के एक दिन बाद बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाती है। नंद भवन के लठमार होली खेलने के लिए बरसाना आते हैं, जहां गोपियां उन पर रंग डालती हैं और लाठियों से उनका स्वागत करती हैं। इस बार बरसाना की लट्ठमार होली 18 मार्च को खेली जाएगी.
बरसाना की लट्ठमार होली के बाद नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाती है. इस साल नंदगांव की लट्ठमार होली 19 मार्च को खेली जाएगी.
फिर लट्ठमार होली के बाद वृन्दावन में फुलवाली होली खेली जाती है। इस साल वृन्दावन की यह (Mathura Holi) होली 20 मार्च को खेली जाएगी.
फुलवाली होली के बाद गोकुल की छड़ीमार होली खेली जाती है। जो इस साल 21 मार्च को मनाया जाएगा.
इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा।
रंगवाली होली इस साल 25 मार्च को खेली जाएगी।
जिस प्रकार ब्रज की होली (Mathura Holi) भगवान श्रीकृष्ण पर केन्द्रित है, उसी प्रकार दाऊजी का हुरंगा श्रीकृष्ण के बड़े भाई श्री बलदेवजी पर केन्द्रित है। हुरंगा में गोपियाँ प्रेम की निशानी के रूप में गोपों को कोड़े मारती हैं। इस वर्ष दाऊजी मंदिर में हुरंगा 26 मार्च को है।
रंग पंचमी होली का आखिरी दिन है। यह त्यौहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
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