धार्मिक मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) की तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में खुशियां भी आती हैं। इस व्रत के पुण्य से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिए भक्त इंदिरा एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 अक्टूबर रविवार को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी. वहीं यह तिथि 14 अक्टूबर सोमवार को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय से की जाती है। इसलिए पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी. वहीं, वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) मनाएंगे। आम जनता 14 अक्टूबर को दोपहर 01:16 बजे से 03:34 बजे तक पारण कर सकती है.
ज्योतिषियों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रवि योग बन रहा है। यह योग 14 अक्टूबर को सुबह 02:51 बजे समाप्त होगा. वहीं पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) पर धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग 14 अक्टूबर की देर रात 02:51 बजे तक है। इसके साथ ही गर और वणिज करण योग भी बन रहा है। इस योग में जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
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