हरतालिका तीज के दिन महिलाएं रेत या मिट्टी से बनी भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं। कई लोग हरतालिका तीज (Hartalika Teej) और हरियाली को एक ही मानते हैं लेकिन इनमें बहुत अंतर है। तो आइए जानते हैं इन दोनों में क्या अंतर है।

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 05 सितंबर 2024 को दोपहर 12:21 बजे हो रहा है. यह तिथि 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03:01 बजे समाप्त होगी. ऐसे में हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत उदया तिथि के अनुसार 06 सितंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का समय कुछ इस प्रकार रहेगा -
हरियाली तीज जहां सावन के महीने में मनाई जाती है, वहीं हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद यानी भादो के महीने में रखा जाता है। इन दोनों तीज के बीच लगभग एक महीने का अंतर होता है. हरियाली तीज को छोटी तीज के नाम से जाना जाता है, वहीं हरतालिका तीज (Hartalika Teej) को बड़ी तीज भी कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हरियाली तीज से कठोर व्रत शुरू किया था, जो हरतालिका तीज के दिन समाप्त हुआ।
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Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.