January 8, 2024 Blog

Shiv Stuti: सोमवार के दिन जरूर करें भगवान शिव के इस प्रभावशाली स्तोत्र का पाठ

BY : STARZSPEAK

सोमवार का दिन भगवान शिव (Shiv Stuti) की उपासना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। बता दें कि सोमवार के दिन शिव स्तुति पाठ का भी विशेष महत्व है।

Shiv Stuti Lyrics in Hindi: सनातन धर्म में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नितदिन भोलेनाथ की उपासना करता है, उन्हें रोग, दोष और भय से मुक्ति मिल जाती है।

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सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन महादेव की विधिवत उपासना करने से भगवान शिव की कृपा साधक पर बनी रहती है। वैदिक ग्रन्थों में भगवान शिव (Shiv Stuti) को समर्पित कई मंत्र एवं स्तुति का उल्लेख किया गया है। जिसमें रुद्राष्टकम स्तोत्र भी एक है, जिसका पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi)


नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।

विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।


निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।

चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।


निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।

गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।


करालं महाकालकालं कृपालं ।

गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।


तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।

मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।


स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।

लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।


चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।

प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।


मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।

प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।


प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।

अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।


त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।

भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।


कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।

सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।


चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।

प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।


न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।

भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।


न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।

प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।


न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।

नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।


जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।

प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।


रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।

ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।


।। Shiv Stuti।। 


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