ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह में बाधा डालने वाले कुछ प्रमुख दोषों में मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष, अंगारक योग और गुरु चांडाल दोष शामिल हैं. इन दोषों (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं. आइए जानते हैं
Shadi ke Upay: सनातन धर्म में विवाह को एक पवित्र कर्मकांड माना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, विवाह की तिथि और समय जातक की जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों के आधार पर निर्धारित होती है. कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति अच्छी रहने पर विवाह शीघ्र होता है, जबकि दोषों के कारण विवाह में बाधा आ सकती है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह में बाधा डालने वाले कुछ प्रमुख दोषों में मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष, अंगारक योग और गुरु चांडाल दोष शामिल हैं. इन दोषों (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं. आइए जानते हैं
मांगलिक दोष के कारण विवाह में बाधा आती है. मांगलिक दोष वाले जातक को मांगलिक जातक से ही विवाह करना चाहिए. यदि दोषी जातक गैर-मांगलिक से विवाह करता है, तो वैवाहिक जीवन कष्टमय हो सकता है. मांगलिक दोष (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करना चाहिए. इसके अलावा, हनुमान जी को गेहूं के आटे और गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाना चाहिए. हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए और रामायण के बालकांड का पाठ करना चाहिए.
कालसर्प दोष के कारण भी विवाह में बाधा आ सकती है. इस दोष (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए कालसर्प दोष यज्ञ करवाना चाहिए. इसके अलावा, शिवलिंग को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए. शनिवार के दिन काले कपड़े में उड़द दाल, तिल और साबुन बांधकर दान करना चाहिए.
पितृ दोष के कारण भी विवाह में बाधा आ सकती है. इस दोष (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए. इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए.
अंगारक योग के कारण भी विवाह में बाधा आ सकती है. इस दोष (Shadi Ke Upay) के निवारण के लिए मंगलवार के दिन भगवान शिव की पूजा करना चाहिए. इसके अलावा, हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए.