December 13, 2023 Blog

Lucky Stone: आपने भी पहना है रत्न, तो ऐसे पहचाने फायदा हो रहा है या नुकसान

BY : STARZSPEAK

ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रत्न धारण (Lucky Stone) करने की सलाह दी जाती है। रत्न हमारे जीवन पर अच्छे और बुरे दोनों प्रभाव डालते हैं, इसलिए रत्न पहनने से पहले आपको ये जरूरी बातें जान लेनी चाहिए।

Lucky Stone: ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्नों का वर्णन है लेकिन 9 प्रमुख रत्न बताए गए हैं जिनका नवग्रहों से विशेष संबंध होता है। रत्न रंगों और तरंगों के माध्यम से हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं। रत्न हमेशा शरीर के खुले हिस्सों यानी जहां प्राकृतिक रोशनी का संपर्क सबसे ज्यादा हो, वहां पहना जाता है, इसलिए इसे हाथ में पहनना अधिक प्रभावी माना जाता है।

आज की पीढ़ी रत्न (Stone Benefit) पहनने से परहेज करती है। रत्न को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी प्रभावशाली बताया गया है। आइये जानते हैं कि रत्न हमारे शरीर पर किस प्रकार प्रभाव डालते हैं।

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lucky stone
रत्न क्यों है महत्वपूर्ण (Benefit of Gemstone)

मानव शरीर पांचों तत्वों से मिलकर बना है। कहते हैं कि जिस तरह संतुलित आहार शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखने में मदद करता है, उसी तरह रत्न भी शरीर के प्राकृतिक तत्वों को संतुलित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। शरीर के सातों चक्रों को जागृत रखता है। रत्न नकारात्मक (Lucky Stone) ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि सही रत्न उचित विधि के अनुसार ग्रहण किया जाए तो यह व्यक्ति को ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचाता है।

रत्न फायदे के साथ नुकसानदायक भी है

जिस तरह किसी बीमारी के लिए गलत दवा लेने से दुष्प्रभाव होते हैं, उसी तरह गलत रत्न पहनने या गलत तरीके से पहनने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। रत्न (Lucky Stone) से जुड़ी एक गलती आपके लिए मुसीबत बन सकती है, इसलिए बिना ज्योतिषी की सलाह के रत्न न पहनें।

किस रत्न का कौन से ग्रह से है संबंध (9 Ratna connection 9 Planet)
  • सूर्य का रत्न (माणिक्य) - माणिक्य को सूर्य का रत्न कहा जाता है। इसे सूर्य (Surya Ratan) की अशुभता दूर करने के लिए धारण किया जाता है। यदि माणिक्य को नुकसान पहुंचता है तो सिरदर्द और हड्डियों में दर्द होने लगता है।
  • चंद्रमा का रत्न (मोती) - चंद्रमा मन का कारक है, मानसिक तनाव से राहत पाने के लिए मोती पहना जाता है। अगर मोती (Chandrama Ratan) पहनने वाले लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगे तो इसका मतलब है कि मोती आपके काम नहीं आ रहा है।
  • मंगल का रत्न (मूंगा) - ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि जीवन पर पड़ने वाले मांगलिक दोष के अशुभ प्रभावों से राहत पाने के लिए और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है। अगर मूंगा (Munga Stone) खराब हो जाए तो दुर्घटनाएं और खून संबंधी परेशानियां होने लगती हैं।
  • बुध का रत्न (पन्ना) - पन्ना बुद्धि को बढ़ाता है। वाणी में सुधार होने लगता है. स्वास्थ्य अच्छा रहता है लेकिन त्वचा संबंधी परेशानी हो या बच्चे अचानक विरोध करते हों तो पन्ना उतार देना चाहिए। यदि इससे हानि होती है तो बुद्धि (Budh Ratna) भी भ्रष्ट होने लगती है।
  • बृहस्पति का रत्न (पीला पुखराज) - पीला पुखराज आध्यात्मिकता, आर्थिक सुख और प्रतिष्ठा बढ़ाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह नीच का हो तो भी उसे पुखराज नहीं पहनना चाहिए। इससे पेट और धन की हानि हो सकती है।
  • शुक्र का रत्न (हीरा) - हीरा जिस व्यक्ति को फल देता है वह समृद्ध, सौंदर्य और भौतिक सुखों से परिपूर्ण रहता है, लेकिन यदि यह नुकसान पहुंचाता है तो जीवन विनाश के रास्ते पर आ जाता है। इसके अशुभ फल से व्यक्ति अहंकारी हो जाता है और कर्ज में डूब जाता है।
  • शनि का रत्न (नीलम) - नीलम को बहुत शक्तिशाली रत्न माना जाता है, इसे धारण करने से शनि (Shani Ratan) की शुभता प्राप्त होती है। व्यक्ति अपनी मेहनत के बल पर हर काम को पूरा करने में सक्षम होता है, लेकिन अगर नीलम खराब हो जाए तो जीवन में उथल-पुथल मच जाती है।
  • राहु का रत्न (गोमेद) - राहु की पीड़ा को कुछ हद तक शांत करने के लिए गोमेद रत्न धारण किया जाता है। बिना विशेषज्ञ की सलाह के कोई भी रत्न न पहनें। जब गोमेद (Gomed Stone) को नुकसान पहुंचता है तो दुर्घटना, मान-सम्मान पर दाग, गंभीर बीमारी आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
  • केतु का रत्न (लहसुनिया) - यह केतु का रत्न है। यदि कुंडली में केतु (Ketu Ratan) अनुकूल है तो इसे विशेषज्ञों की सलाह पर ही धारण करें। अन्यथा त्वचा रोग या तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्या हो सकती है।
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