चालीसा

तुलसी माता चालीसा

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

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शीतला माता चालीसा

जय जय माता शीतला , तुमहिं धरै जो ध्यान। होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान।

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गंगा माता चालीसा

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥

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श्री बजरंग बाण

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥

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कुबेर चालीसा

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर । ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥

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श्री ब्रह्म चालीसा

जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल।

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नवग्रह चालीसा

श्री गणपति ग़ुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय, नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय ||

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श्री खाटू श्याम चालीसा

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद। खाटूश्याम चालीसा भजत हूं, रच चौपाई छंद।

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