Tulsi Chalisa: शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माता को माँ लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और सनातन धर्म में तुलसी का पौधा घरों में रखना पवित्र माना जाता है। भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी चढ़ाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानें इसके लाभ के बारे में। घरों में तुलसी चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति के सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं। विशेष रूप से विवाहित महिलाएं रोज़ तुलसी माता की पूजा करती हैं और संध्याकाल में आरती-अर्चना करती हैं, जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। यदि आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन पूजा करते समय तुलसी चालीसा (Tulsi Chalisa) का पाठ और आरती जरूर करें। साथ ही, भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है। तो चलिए, अब पढ़ते हैं तुलसी चालीसा।
नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।
नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।
नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।
जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।
निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।
करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।
शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।
क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।
मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।
जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।
बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।
प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।
चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।
करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।
पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।
यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।
करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।
है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।
तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।
भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।
यह श्रीतुलसी चालीसा पाठ करे जो कोय।
गोविन्द सो फल पावही जो मन इच्छा होय।।
कार्तिक माह की अमावस्या को तुलसी माता का जन्म दिवस माना जाता है। पुराणों में उनकी जन्म कथा कुछ इस तरह है: पहले वह वृंदा के नाम से जानी जाती थीं और जालंधर राक्षस की पत्नी थीं। जालंधर बहुत क्रूर था और उसके अत्याचारों के कारण भगवान विष्णु ने उसका वध किया। इस दुख से वृंदा ने अपनी जान देने का निर्णय लिया। भगवान विष्णु ने तब उसे आश्वासन दिया कि अगले जन्म में वह उनकी प्रिय बनने वाली हैं। वृंदा की पवित्रता और पतिव्रता धर्म के कारण ही उन्हें विष्णु जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इसलिए तुलसी को भगवान श्री विष्णु की पूजा में विशेष स्थान दिया जाता है।
कार्तिक महीने में तुलसी पूजा (Tulsi Chalisa) करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं एवं में सुख-समृद्धि का वास होता है। तुलसी पूजा से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कार्तिक महीने में तुलसी पूजा करना लाभकारी होता है। वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए भी कार्तिक महीने में तुलसी पूजा की विशेष महत्वता है।
कार्तिक महीने में तुलसी चालीसा का पाठ करने से कई लाभ मिलते हैं:
विशेष रूप से, गुरुवार का दिन तुलसी पूजा और चालीसा (Tulsi Chalisa) पाठ के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन तुलसी की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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