Radha Chalisa (Pdf): पढ़े राधा चालीसा का पाठ और जाने क्या है इसको पढ़ने का महत्व
BY : STARZSPEAK
Radha Chalisa: हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवता के लिए विशेष पाठ बने हैं। ठीक उसी प्रकार, राधा रानी को समर्पित है राधा चालीसा (Radha Chalisa)। इस चालीसा का नित्य पाठ करने से जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
देवी राधा की कृपा दृष्टि बनी रहती है, जिससे सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। राधा चालीसा के प्रभाव से व्यक्ति समृद्धि की ओर अग्रसर होता है, उन्नति करता है और हर प्रकार के सुख-संपदा का अनुभव करता है, कष्ट उससे दूर रहते हैं। केवल राधा रानी की कृपा से ही इंसान हर पीड़ा से मुक्त हो जाता है और उसके व्यक्तित्व में तेजस्विता आ जाती है। तो आइए, राधा चालीसा का पाठ(Radha Chalisa Lyrics In Hindi) करें और देवी की कृपा प्राप्त करें।
Radha Chalisa Lyrics: राधा चालीसा एक अत्यंत मधुर और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जो देवी राधा जी की महिमा का गुणगान करता है। इस चालीसा में श्रीकृष्ण की अनन्य प्रेमिका राधा रानी के दिव्य गुणों की वंदना की जाती है, और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए इसे भक्तजन श्रद्धापूर्वक पाठ करते हैं।
।। राधा चालीसा ।।
॥ दोहा ॥
श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥
जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
॥ चौपाई ॥
जय वृषभान कुँवरी श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥
नित्य विहारिनि श्याम अधारा ।
अमित मोद मंगल दातारा ॥
रास विलासिनि रस विस्तारिनि ।
सहचरि सुभग यूथ मन भावनि ॥
नित्य किशोरी राधा गोरी ।
श्याम प्राणधन अति जिय भोरी ॥
करुणा सागर हिय उमंगिनी ।
ललितादिक सखियन की संगिनी ॥
दिनकर कन्या कूल विहारिनि ।
कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनि ॥
नित्य श्याम तुमरौ गुण गावैं ।
राधा राधा कहि हरषावैं ॥
मुरली में नित नाम उचारें ।
तुव कारण लीला वपु धारें ॥
प्रेम स्वरूपिणि अति सुकुमारी ।
श्याम प्रिया वृषभानु दुलारी ॥
नवल किशोरी अति छवि धामा ।
द्युति लघु लगै कोटि रति कामा ॥१०
गौरांगी शशि निंदक बदना ।
सुभग चपल अनियारे नयना ॥
जावक युत युग पंकज चरना ।
नूपुर धुनि प्रीतम मन हरना ॥
संतत सहचरि सेवा करहीं ।
महा मोद मंगल मन भरहीं ॥
रसिकन जीवन प्राण अधारा ।
राधा नाम सकल सुख सारा ॥
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा ।
ध्यान धरत निशिदिन ब्रज भूपा ॥
उपजेउ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा रमा ब्रह्मानी ॥
नित्य धाम गोलोक विहारिणि ।
जन रक्षक दुख दोष नसावनि ॥
शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पाँइ शेष अरु शारद ॥
राधा शुभ गुण रूप उजारी ।
निरखि प्रसन्न होत बनवारी ॥
ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जाय बखानी ॥२०
प्रीतम संग देइ गलबाँही ।
बिहरत नित वृन्दावन माँही ॥
राधा कृष्ण कृष्ण कहैं राधा ।
एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ॥
श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख दायक प्रफुलित बदनी ॥
कोटिक रूप धरें नंद नंदा ।
दर्शन करन हित गोकुल चंदा ॥
रास केलि करि तुम्हें रिझावें ।
मान करौ जब अति दुःख पावें ॥
प्रफुलित होत दर्श जब पावें ।
विविध भांति नित विनय सुनावें ॥
वृन्दारण्य विहारिणि श्यामा ।
नाम लेत पूरण सब कामा ॥
कोटिन यज्ञ तपस्या करहु ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥
तऊ न श्याम भक्तहिं अपनावें ।
जब लगि राधा नाम न गावें ॥
वृन्दाविपिन स्वामिनी राधा ।
लीला वपु तब अमित अगाधा ॥३०
स्वयं कृष्ण पावैं नहिं पारा ।
और तुम्हें को जानन हारा ॥
श्री राधा रस प्रीति अभेदा ।
सादर गान करत नित वेदा ॥
राधा त्यागि कृष्ण को भजिहैं ।
ते सपनेहुँ जग जलधि न तरि हैं ॥
कीरति कुँवरि लाड़िली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ॥
नाम अमंगल मूल नसावन ।
त्रिविध ताप हर हरि मनभावन ॥
राधा नाम लेइ जो कोई ।
सहजहि दामोदर बस होई ॥
राधा नाम परम सुखदाई ।
भजतहिं कृपा करहिं यदुराई ॥
यशुमति नन्दन पीछे फिरिहैं ।
जो कोऊ राधा नाम सुमिरिहैं ॥
रास विहारिणि श्यामा प्यारी ।
करहु कृपा बरसाने वारी ॥
वृन्दावन है शरण तिहारी ।
जय जय जय वृषभानु दुलारी ॥४०
॥ इति श्री राधा चालीसा ॥
राधा चालीसा पढ़ने का महत्व (Importance Of Reading Radha Chalisa)
राधा चालीसा का पाठ(Radha Chalisa Lyrics ) देवी राधा की महिमा और कृपा को प्राप्त करने का एक विशेष साधन है। यह चालीसा भक्तों को आंतरिक शांति, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करती है। राधा रानी, भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेमिका और भक्तों के लिए करुणामयी देवी हैं, जिनकी भक्ति से मन की सारी परेशानियां दूर होती हैं। राधा चालीसा पढ़ने का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह हमारे जीवन में सौभाग्य, प्रेम, और समृद्धि लाता है। देवी की कृपा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
राधा चालीसा कब पढ़नी चाहिए (When Should Radha Chalisa Be Recited?)
- राधा चालीसा का पाठ प्रतिदिन सुबह-सुबह स्नान करके करने से देवी राधा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सुबह के समय मन शांत और निर्मल होता है, जिससे व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ पाठ कर पाता है और इसका अधिकतम लाभ मिलता है।
- राधाष्टमी, जन्माष्टमी, एकादशी या विशेष उपवास के दिनों में राधा चालीसा का पाठ करना अति शुभ माना जाता है। इन अवसरों पर देवी की भक्ति का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और भक्तजन मनवांछित फल प्राप्त करते हैं।
- जब जीवन में किसी प्रकार की बाधा, चिंता या परेशानी हो, तो राधा चालीसा का पाठ करने से मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है। देवी की कृपा से कठिन समय आसानी से कट जाता है, और व्यक्ति हर प्रकार की समस्या से निपटने में सक्षम होता है।
- जीवन में प्रेम, धन, वैभव और खुशियों की प्राप्ति के लिए राधा चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है, और उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।