राहुकाल जगह और तारीख के हिसाब से अलग-अलग होता है और इसकी अवधि डेढ़ घंटे की होती है और शास्त्रों के अनुसार राहुकाल में कोई शुभ कार्य नहीं करने चाहिए और घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए ।
यह ग्रह अशुभ होता है और शुभ फल देता है, राहुकाल का समय सूर्योदय पर निर्भर करता है, यदि किसी जगह सूर्योदय 6 बजे होता है तो उसका राहुकाल इस तरह होगा-
राहुकाल रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक होगा, सोमवार को सुबह 7.30 से 9 बजे तक होगा, मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक, बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक, गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक और शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक होगा ।
राहुकाल में यज्ञ, घूमने की योजना, खरीदारी, धार्मिक कार्य, विवाह, सगाई, नए व्यवसाय का आरम्भ, यात्रा, पैसे और वस्तु का लेन देन, ग्रह प्रवेश, वाहन खरीदना, कोई बहुमूल्य वस्तु लेना, घर बनाना अथवा कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता ।
ऐसा माना जाता है की इस समय के दौरान प्रारम्भ किये गया कोई भी कार्य सफल नहीं होता और कार्य पूर्ण भी नहीं होता और अगर पूर्ण हो भी जाए तो वह विपरीत फल देता है । यदि राहुकाल में कोई मंगलकार्य करना हो तो ऐसे में हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद पंचामृत पीना चाहिए और उसके उपरांत ही कार्य करना चाहिए । अत: किसी भी शुभ कार्य को करते समय राहुकाल पर अवश्य सोचना चाहिए।
Diksha Kaushal is a marriage astrologer with 10+ years’ expertise in compatibility, birth-chart analysis, and numerology, guiding couples toward stronger, harmonious, and long-lasting relationships.