शुक्र गृह विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यदि शुक्र ग्रह अस्त हो जाए तो उस समय विवाह संपन्न नहीं किये जाते क्योकि शुक्र ग्रह भोग विलास, दांपत्य सुख का कारक होता है । यदि शुक्र अस्त हो तो दांपत्य सुख में व्यवधान उत्पन्न होते है इसलिए जिस दिन हम विवाह का मुहूर्त देखते है तो शुक्र ग्रह उस दिन उदित होना चाहिए । विवाह के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है लेकिन विवाह के लिये सिर्फ मौसम ही नहीं ग्रह और नक्षत्र तथा शुभ मुहूर्त का भी होना आवशयक है ।
15 दिसंबर से आगामी 2 फरवरी तक शुक्र अस्त रहेगा जिस वजह से इन दिनों विवाह नहीं हो पाएंगे । वैसे भी अभी षोष मास चल रहा है और षोष मास में विवाह करना श्रेयस्कर नहीं माना जाता । शुक्र ग्रह की विशेषता होती है की यह मांगलिक कार्यो में बल प्रदान करता है लेकिन जब यह अस्त हो जाता है तो यह बलहीन हो जाता है इसलिए शुक्र ग्रह के अस्त होने पर मांगलिक कार्यो का निषेद किया गया है ।
शुक्र ग्रह सप्तम भाव का कारक माना जाता है तथा सप्तम भाव विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यदि शुक्र अस्त होगा तो इसका सीधा असर हमारे वैवाहिक जीवन पर होगा और व्यक्ति को दांपत्य सुख नहीं मिलता । पति - पत्नी का आपस में मतभेद बना रहता है इसलिए ज्योतिष में इस समय विवाह करने का निषेध किया गया है । आगामी 3 फरवरी के बाद शुभ मुहूर्त देखकर विवाह किया जा सकता है ।