भारतीय संस्कृति में विवाह को शुभ माना जाता है इसलिए विवाह शुभ मुहूर्त व शुभ तिथि में ही संपन्न होते है, वर्षा ऋतू जिसे चातुर्मास काल भी कहा जाता है उसे ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा माना जाता है की इन महीनों में विष्णु विश्राम करते है इसीलिए इन महीनों में शुभ कार्य नहीं किए जाते।
दिवाली से पहले देवउठनी एकदशी से विवाह प्रारम्भ होते है तथा जुलाई तक चलते है, प्रायः ऐसा कहा जाता है कि आज कल विवाह के साये यानि की विवाह के मुहूर्त चल रहे है।
विवाह का मुहूर्त निकालते समय ध्यान रखा जाता है कि जिस प्रकार की प्रकृति व्यक्ति के अंदर होती है उसी प्रकार के ग्रह की शक्ति के समय में विवाह किया जाता है और उसी के अनुसार विवाह की तारीख और महीने का निर्णय किया जाता है।
लड़का और लड़की दोनों की कुंडली का मिलान किया जाता है, दोनों के ग्रहो को राशि स्वामियों के अनुसार समय को तय किया जाता है और उस ग्रह के शुभ नक्षत्र में ही विवाह करना शुभ होता है।
इसके पीछे ऐसी मान्यता है की यदि हम सही मुहूर्त में विवाह करेंगे तो उस समय उदित होने वाले नक्षत्र हमे आशीर्वाद प्रदान करेंगे जिससे वर व वधु का आने वाला समय अच्छे से व्यतीत होगा। दिसंबर माह में 3, 4, 8, 9, 13 व 14 तारीख विवाह के लिए शुभ है। इस दिन विवाह करना मंगलदायी व शुभ होगा।
11 तरीक को सबसे ज़्यादा गहरा साया रहेगा और इस दिन साल की सबसे ज़ादा शादी होने जा रही है, लगभग इस दिन 20,000 शादियाँ होंगी| ये दिन शादी के लिए बहुत खास है|
Diksha Kaushal is a marriage astrologer with 10+ years’ expertise in compatibility, birth-chart analysis, and numerology, guiding couples toward stronger, harmonious, and long-lasting relationships.