हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है लेकिन आजकल बच्चो में नेत्र रोग की समस्या बढ़ती जा रही है, बच्चों में नेत्र रोग होना कुछ तो वंशानुगत होता है और कुछ आजकल बच्चों का टी.वी. ज़्यादा समय तक लगातार देखना, वीडियो गेम का प्रचलन बढ़ना तथा कंप्यूटर पर ज़्यादा समय बिताने की वजह से बच्चों को छोटी उम्र से नेत्र रोग हो जाते है । कभी - कभी यदि बच्चों को शुगर की समस्या हो तो उससे भी नेत्र रोग हो सकता है ।
हम कुंडली का अध्यन्न करके भी जान सकते है की बच्चे को नेत्र रोग की समस्या होगी या नहीं । आँख का विश्लेषण करने के लिए सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति देखी जाती है, बुध और शुक्र का भी कुंडली में शुभ होना बहुत जरुरी होता है ।
यदि कुंडली में छटे, आठवे या बारहवे भावो में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र पर क्रूर ग्रहो का प्रभाव हो तो व्यक्ति को नेत्र विकार हो सकता है । इसी प्रकार दूसरे भाव, लग्न भाव व बारहवे भाव में सिंह या कर्क राशि पर पापी ग्रहो का प्रभाव हो तो आँख की समस्या हो सकती है ।
शुक्र और सूर्य यदि लग्नेश के साथ त्रिक भाव अर्थात छटे, आठवे या बारहवे भाव में स्थित हो तो यह नेत्र रोग होने की सम्भावना बढ़ा देता है । यदि चंद्र, मंगल या शनि की युति छटे, आठवे या बारहवे भाव में हो तो नेत्र के लिए ठीक नहीं होता । इसी प्रकार चंद्र, मंगल, गुरु और शुक्र भी यदि त्रिक भाव में हो तो व्यक्ति को नेत्रों में समस्या बनी रहती है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.