Vishnu Mantra : सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस विशेष दिन पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा का बड़ा महत्व है। कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं—चाहे विवाहित महिलाएं हों या अविवाहित लड़कियां—सभी इस व्रत से सौभाग्य और मनचाही इच्छा पूरी होने की कामना करती हैं। ज्योतिषीय मान्यता है कि गुरुवार का व्रत साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और सद्भाग्य बढ़ाता है। वहीं, कुंवारी लड़कियां शीघ्र विवाह की मनोकामना से यह व्रत करती हैं। इस दिन कई मंदिरों में लक्ष्मी-नारायण की विशेष पूजा-अर्चना होती है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो गुरुवार को श्रद्धा और भक्ति के साथ लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें और उनके मंत्रों का जप करके अपनी प्रार्थना पूर्ण समर्पण से व्यक्त करें।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।
2. वृंदा,वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी |
पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ।।
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम |
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत।।
3. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
4. ॐ नमो भगवते धनवंतराय।
अमृताकर्षणाय धन्वन्तराय।
वेधासे सुराराधिताय धन्वंतराय।
सर्व सिद्धि प्रदेय धन्वंतराय।
सर्व रक्षा कारिणेय धन्वंतराय।
सर्व रोग निवारिणी धन्वंतराय।
सर्व देवानां हिताय धन्वंतराय।
सर्व मनुष्यानाम हिताय धन्वन्तराय।
सर्व भूतानाम हिताय धन्वन्तराय।
सर्व लोकानाम हिताय धन्वन्तराय।
सर्व सिद्धि मंत्र स्वरूपिणी।
धन्वन्तराय नमः।
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5. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
6. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
7. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।
8. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
9. ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
10. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।
11. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
12. ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरु कांचन संन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
13. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
अगर आप लगातार थकान, तनाव या बेचैनी महसूस करते हैं, तो भगवान विष्णु के शक्तिशाली मंत्र आपके शरीर और मन दोनों को गहरी शांति दे सकते हैं। माना जाता है कि इन मंत्रों के नियमित जप से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति मानसिक रूप से ज्यादा संतुलित महसूस करता है। यहाँ ऐसे 6 प्रभावशाली विष्णु मंत्र बताए गए हैं, जिन्हें रोज कुछ मिनट देने से भी आपके स्वास्थ्य, ऊर्जा और मनःस्थिति पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
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भगवान विष्णु की पूजा सिर्फ सांसारिक लाभों के लिए नहीं की जाती—लोग उनसे मानसिक शांति, धैर्य, साहस, आध्यात्मिक शक्ति और स्वास्थ्य के लिए भी आशीर्वाद मांगते हैं। चाहे वे श्रीराम के रूप में हों, श्रीकृष्ण के रूप में, या मत्स्य जैसे किसी दिव्य अवतार में—विष्णु ऊर्जा अपने भक्त के मन में स्थिरता, शांति और स्पष्टता लाने के लिए जानी जाती है। कहा जाता है कि उनका स्मरण मन के भ्रम, चिंता और संशय को दूर कर जीवन में स्थिर दिशा देता है। इसी भाव के साथ, यहां हम भगवान विष्णु के छह प्रभावशाली मंत्र साझा कर रहे हैं, जो मानसिक मजबूती, आध्यात्मिक संतुलन और आंतरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक माने जाते हैं।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय – यह भगवान विष्णु के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली मंत्रों में माना जाता है। इसका भाव है— “दिव्य शक्ति के स्वरूप भगवान विष्णु को मेरा नमन।” इसे द्वादशाक्षरी मंत्र कहा जाता है क्योंकि इसमें 12 अक्षर होते हैं। इसकी सादगी ही इसे इतने लोगों के लिए प्रिय बनाती है—यह याद रखने में आसान है, जपने में सहज है और मन पर तुरंत शांति का प्रभाव डालता है। माना जाता है कि इस मंत्र का नियमित जप व्यक्ति को विष्णु की सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ता है, तनाव कम करता है और मन को सुगम और स्पष्ट बनाता है। इसी वजह से कई साधक इसे रोज 108 बार जपते हैं, ताकि ध्यान गहरा हो और भीतर एक सुखद शांति का अनुभव मिल सके।
‘ॐ नमो नारायणाय’ एक बहुत ही सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। इसका भाव यही है कि साधक पूरे मन से भगवान विष्णु को नमन करता है और स्वयं को उनकी शरण में सौंप देता है। इस मंत्र का जाप करते समय मन धीरे-धीरे शांत होने लगता है और भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। ‘ॐ’ की ध्वनि और ‘नारायण’ नाम, दोनों ही गहरी आध्यात्मिक शक्ति से जुड़े हैं, जो साधक को सुरक्षा, भरोसा और आंतरिक संतुलन प्रदान करते हैं। जब इस मंत्र का जप श्रद्धा और एकाग्रता के साथ किया जाता है, चाहे 108 बार हो या उससे कम, तो मन में भय कम होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति भीतर से खुद को अधिक स्वस्थ, सुरक्षित और संतुलित महसूस करने लगता है।
‘मंगलं भगवान विष्णुः, मंगलं गरुड़ध्वजः, मंगलं पुंडरीकाक्षः, मंगलाय तनो हरिः’ भगवान विष्णु की शुभ और कल्याणकारी शक्ति का स्मरण कराने वाला मंत्र है। इसका भाव यह है कि गरुड़ पर विराजमान, कमलनयन भगवान विष्णु हमारे जीवन में सुख, शांति और सकारात्मकता का संचार करें। यह मंत्र अच्छे स्वास्थ्य, मधुर संबंधों और संतुलित जीवन की कामना का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका जप मन को स्थिर करता है, नकारात्मकता को दूर करता है और भीतर एक सुकून भरी ऊर्जा भर देता है। इसी कारण इसे धार्मिक अनुष्ठानों, मांगलिक कार्यों और विशेष अवसरों पर जपा जाता है, लेकिन शांत मन से ध्यान के दौरान इसका स्मरण भी आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कराता है।
नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से मन धीरे-धीरे शांत और केंद्रित होने लगता है। सोच में स्थिरता आती है, भ्रम कम होता है और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है। साधक को यह अनुभव होने लगता है कि जीवन के हर मोड़ पर भगवान विष्णु की कृपा और मार्गदर्शन उसके साथ है, जो उसे भीतर से सशक्त और सुरक्षित महसूस कराता है।
निष्कर्ष
भगवान विष्णु से जुड़े मंत्र और स्तुतियाँ केवल शब्दों का उच्चारण नहीं हैं, बल्कि वे मन, विचार और आत्मा को संतुलित करने का एक प्रभावशाली माध्यम हैं। विष्णु स्तुति, ॐ नमो नारायणाय, मंगल श्लोक और विष्णु गायत्री मंत्र—ये सभी भक्त को शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ते हैं। नियमित श्रद्धा और एकाग्रता के साथ इन मंत्रों का जाप करने से न केवल मानसिक स्पष्टता और आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि जीवन में स्थिरता, सद्भाव और आध्यात्मिक उन्नति भी आती है। भगवान विष्णु की आराधना व्यक्ति को धर्म, कर्तव्य और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है, जिससे जीवन अधिक संतुलित, सुखमय और अर्थपूर्ण बनता है।
Kartik Sharma, with 8 years’ experience in Vedic chanting, curates authentic Aartis, Chalisas, and Mantras, offering devotees accurate lyrics, meanings, and spiritual depth for devotional practice.