May 8, 2025 Blog

Khatu Shyam Stuti Hath Jod Vinti Karu: इस स्तुति से मिलती है मन को असीम शांति

BY : STARZSPEAK

खाटू श्याम जी का संक्षिप्त इतिहास

Khatu Shyam Baba: खाटू श्याम जी को हिन्दू धर्म में कलियुग के श्रीकृष्ण के रूप में पूजा जाता है। उनका वास्तविक नाम बर्बरीक था। वे महाभारत के महान योद्धा भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। बचपन से ही बर्बरीक अत्यंत पराक्रमी और तपस्वी थे। उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या कर तीन अमोघ बाण प्राप्त किए, जिसकी सहायता से वे किसी भी युद्ध में सफलता हासिल कर सकते थे। 

महाभारत युद्ध में जब वे भाग लेने पहुंचे, तब श्रीकृष्ण ने उनसे पूछा कि वे किस पक्ष से युद्ध करेंगे। बर्बरीक ने उत्तर दिया – “जो पक्ष हार रहा होगा, मैं उसी का साथ दूंगा।” यह सुनकर श्रीकृष्ण चिंतित हो गए कि इससे युद्ध का संतुलन बिगड़ जाएगा। तब उन्होंने ब्राह्मण के वेश में बर्बरीक से उनका सिर दान मांगा। बर्बरीक ने सहर्ष सिर दान कर दिया। (Khatu Shyam Stuti lyrics)

श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर वरदान दिया कि कलियुग में वे "श्याम" नाम से पूजे जाएंगे, और जो भी उन्हें सच्चे मन से याद करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। बर्बरीक का सिर आज राजस्थान के सीकर ज़िले के खाटू गांव में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में विराजमान है।

Khatu Shyam Stuti: खाटू श्याम जी की महिमा सचमुच अद्वितीय है। जब कोई इंसान ज़िंदगी की जंग में थक हार जाता है या किसी वजह से टूट जाता है, तब श्याम बाबा उसकी उम्मीद बनकर सामने आते हैं। वो न केवल रास्ता दिखाते हैं, बल्कि एक मजबूत सहारा भी बन जाते हैं। केवल उनका नाम लेने मात्र से ही भक्तों को राहत और कल्याण का अनुभव होने लगता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से खाटू श्याम जी की भक्ति करता है, उस पर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की भी विशेष कृपा बरसती है। आइए जानते हैं वह स्तुति (Khatu Shyam Stuti Hath Jod Vinti Karu), जिससे श्याम बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की झोली खुशियों से भर देते हैं।


!! खाटू श्याम स्तुति !!

!! Khatu Shyam Stuti Lyrics !!


हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाए ।
दस आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज ।।
धन्य ढूंढा रो देश है खाटू नगर सुजान ।
अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण ।।

श्याम श्याम तो में रटु श्याम है जीवन प्राण ।
श्याम भक्त जग में बड़े उनको करू प्रणाम ।।

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खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम ।
फाल्गुन शुक्ल मेला भरे जय जय बाबा श्याम ।।

फाल्गुन शुक्ल द्वादशी उत्सव भरी होए ।
बाबा के दरबार से खाली जाए न कोए ।।

उमापति लक्ष्मीपति सीतापति श्री राम ।
लज्जा सबकी राखियो खाटू के बाबा श्याम ।।
 
पान सुपारी इलायची इत्र सुगंध भरपूर ।
सब भक्तों की विनती दर्शन देवो हजूर ।।

आलू सिंह तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान ।
श्याम भक्त पावे सदा श्याम कृपा से मान ।।

जय श्री श्याम बोलो जय श्री श्याम ।
 खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम ।
लीलो घोड़ो लाल लगाम । 
जिस पर बैठ्यो बाबो श्याम ।।

॥ॐ श्री श्याम देवाय नमः॥

खाटू श्याम जी की स्तुति पढ़ने का महत्त्व (Importance Of Khatu Shyam Stuti)

खाटू श्याम जी की स्तुति करना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि ये एक ऐसा सहारा है जो मन को मजबूत बनाता है और आत्मा को सुकून देता है। जब जिंदगी में मुश्किलें बढ़ जाती हैं या मन निराश हो जाता है, तब श्याम बाबा की स्तुति से भीतर एक नई ऊर्जा और शांति का अहसास होता है।

इस स्तुति के माध्यम से भक्त भगवान श्याम जी के गुणों का गुणगान करता है और उनके प्रति अपनी आस्था प्रकट करता है। यह हमें याद दिलाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, अगर हम सच्चे मन से शरण लें, तो श्याम बाबा हमेशा साथ होते हैं।

खाटू श्याम जी की स्तुति पढ़ने के लाभ (Benefits Of Khatu Shyam Stuti)

खाटू श्याम जी की स्तुति का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति और आत्मबल का संचार करता है। यह स्तुति भक्त को भीतर से विश्वास और धैर्य प्रदान करती है, जिससे वह कठिन समय में भी हार नहीं मानता। श्याम बाबा की स्तुति करने से चिंता, भय और नकारात्मकता धीरे-धीरे दूर होने लगती है और मन में स्थिरता आती है। यह स्तुति विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होती है जो जीवन में किसी संकट, निर्णय या मानसिक दबाव से गुजर रहे हों।

जब व्यक्ति खाटू श्याम जी की स्तुति (Khatu Shyam Ji Ki Stuti) करता है, तो उसमें ईश्वर के प्रति आस्था गहरी होती जाती है और वह अपनी समस्याओं का समाधान शांत मन से ढूंढने में सक्षम होता है। यह मन को ऊर्जा देती है और जीवन में आशा की एक नई किरण जगाती है। श्याम बाबा की कृपा से भक्त को बाधाएं पार करने की शक्ति मिलती है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। कुल मिलाकर, यह स्तुति केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति और मानसिक शांति का प्रभावशाली साधन है।

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कौन कर सकता है खाटू श्याम जी की स्तुति?

खाटू श्याम जी की स्तुति (Khatu Shyam Ji Ki Stuti) कोई भी व्यक्ति कर सकता है – चाहे वह विद्यार्थी हो, गृहिणी हो, व्यापारी हो या सेवानिवृत्त वृद्ध। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है:

  • जो मानसिक तनाव, हताशा या विफलताओं से जूझ रहे हों।

  • जिनके जीवन में अटकाव या अवरोध आ रहे हों।

  • जो ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास को मजबूत करना चाहते हों।

खाटू श्याम जी की स्तुति कब पढ़नी चाहिए?

  • प्रातःकाल या संध्या समय खाटू श्याम जी की स्तुति करना शुभ होता है।

  • एकादशी, पूर्णिमा, रविवार, या श्याम नवमी जैसे पवित्र दिनों पर इसका विशेष महत्त्व है।

  • जब मन बेचैन हो, किसी बात को लेकर तनाव हो या किसी निर्णय को लेकर उलझन हो, तब भीखाटू श्याम जी की स्तुति का पाठ सहारा बन सकता है।
  • यदि आप इसे शांत वातावरण में दीपक जलाकर पढ़ें, तो इसका प्रभाव और भी अधिक गहरा होता है।

निष्कर्ष

खाटू श्याम जी की स्तुति (Khatu Shyam Stuti Hath Jod Vinti Karu) सिर्फ एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह आस्था, भरोसे और भीतर की ताकत का अनमोल जरिया है। ये हमें यकीन दिलाती है कि जब भी कोई भक्त सच्चे दिल से श्याम बाबा को पुकारता है, तो वो हमेशा उसकी मदद के लिए हाज़िर रहते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में मानसिक, पारिवारिक या सामाजिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं, तो एक बार खाटू श्याम जी की स्तुति अवश्य करें।

यह स्तुति आपको केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनाएगी। और सबसे बड़ी बात – यह आपको यह एहसास दिलाएगी कि आप अकेले नहीं हैं, श्याम बाबा आपके साथ हैं।


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