March 24, 2025 Blog

Madhurashtakam Lyrics : अधरं मधुरं श्री कृष्ण के मधुर गीत के सम्पूर्ण बोल

BY : STARZSPEAK

Madhurashtakam Lyrics: मधुराष्टकम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है, जिसे संत श्रीवल्लभाचार्य जी (1479-1531) ने भगवान श्री कृष्ण की मधुरता का वर्णन करने के लिए रचा था। यह अष्टक (आठ श्लोकों) में विभाजित है, जिनमें श्री कृष्ण के रूप, वचन, चाल, और अन्य लीलाओं की मधुरता का गुणगान किया गया है।

मधुराष्टकम् का पाठ क्यों करें? (Why Recite Madhurashtakam Lyrics?)

  • आध्यात्मिक उन्नति: यह स्तोत्र भगवान श्री कृष्ण की मधुरता का स्मरण कराता है, जिससे भक्तों की आध्यात्मिक भावनाओं में वृद्धि होती है।
  • मानसिक शांति: नियमित पाठ से मानसिक तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है।
  • जीवन में मधुरता: यह पाठ जीवन में सकारात्मकता और मधुरता लाने में सहायक होता है।

मधुराष्टकम् का पाठ कब करें? (When to Recite Madhurashtakam Lyrics?)

यह स्तोत्र किसी भी समय पढ़ा जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से सुबह के समय या संतान सप्तमी, कृष्ण जन्माष्टमी जैसे शुभ अवसरों पर इसका पाठ अधिक फलदायी माना जाता है।

मधुराष्टकम् की रचना किसने की? (Who Composed Madhurashtakam Lyrics?)

जैसा कि पहले उल्लेखित है, इस स्तोत्र की रचना संत श्रीवल्लभाचार्य जी ने की थी, जो एक महान संत और भक्तिकाव्य के रचनाकार थे।


madhurashtakam lyrics in hindi


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!! मधुराष्टकम्  पाठ !!

!! Madhurashtakam Lyrics !!

अधरं मधुरं वदनं मधुरं

नयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।

हृदयं मधुरं गमनं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 1 ॥

हिंदी अनुवाद: हे कृष्ण! आपके होंठ, मुख, आंखें, मुस्कान, हृदय और चाल सभी मधुर हैं। मधुरता के स्वामी श्रीकृष्ण, आपका सब कुछ मधुर है।


वचनं मधुरं चरितं मधुरं

वसनं मधुरं वलितं मधुरम् ।

चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 2 ॥

हिंदी अनुवाद : आपके वचन मधुर हैं, आपका चरित्र मधुर है, आपके वस्त्र मधुर हैं, आपका तिरछा खड़ा होना मधुर है, आपका चलना मधुर है, आपका भ्रमण मधुर है। मधुरता के स्वामी हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है।

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः

पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ ।

नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 3 ॥

हिंदी अनुवाद : हे श्रीकृष्ण, आपकी बांसुरी की धुन मन को मोह लेती है, आपके द्वारा लगाए गए पुष्पों की सुगंध मधुर है। आपके हाथों का स्पर्श सुकून देता है, आपके चरणों की आहट मधुर है। आपका नृत्य आनंदमय है, और आपकी मित्रता हृदय को छू लेने वाली है। मधुरता के स्वामी, आपके अस्तित्व का हर पहलू मधुरता से परिपूर्ण है।

गीतं मधुरं पीतं मधुरं

भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् ।

रूपं मधुरं तिलकं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 4 ॥

हिंदी अनुवाद : आपके गीत मधुर हैं, आपका पान मधुर है, आपका भोजन मधुर है, आपकी निद्रा मधुर है, आपका रूप मधुर है, आपका तिलक मधुर है—मधुरता के स्वामी श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है।

करणं मधुरं तरणं मधुरं

हरणं मधुरं रमणं मधुरम् ।

वमितं मधुरं शमितं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 5 ॥

हिंदी अनुवाद : श्रीकृष्ण के कार्य मधुर हैं, उनका तैरना मधुर है, उनका चोरी करना मधुर है, उनका प्रेम मधुर है, उनके शब्द मधुर हैं, उनका शांत रहना मधुर है। मधुरता के स्वामी श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है। 

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा

यमुना मधुरा वीची मधुरा ।

सलिलं मधुरं कमलं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 6 ॥

हिंदी अनुवाद : आपकी घुँघची मधुर है, आपकी माला मधुर है, आपकी यमुना मधुर है, उसकी लहरें मधुर हैं, उसका जल मधुर है, उसके कमल मधुर हैं; मधुरता के स्वामी हे श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है।

गोपी मधुरा लीला मधुरा

युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम् ।

दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 7 ॥

हिंदी अनुवाद : हे श्रीकृष्ण! आपकी गोपियाँ मधुर हैं, आपकी लीलाएँ मधुर हैं, उनके साथ आपका युगल मधुर है, उनके बिना भी आप मधुर हैं। आपकी तिरछी नजरें मधुर हैं, आपका शिष्टाचार मधुर है। मधुरता के ईश्वर श्रीकृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है। 

गोपा मधुरा गावो मधुरा

यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा ।

दलितं मधुरं फलितं मधुरं

मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ 8 ॥

हिंदी अनुवाद : हे कृष्ण! आपके होंठ, मुख, आंखें, मुस्कान, हृदय, चाल, वाणी, चरित्र, वस्त्र, बांसुरी, लगाए हुए पुष्प, हाथ, चरण, नृत्य, मित्रता, गीत, पीना, खाना, सोना, रूप, तिलक, कार्य, तैरना, चोरी करना, प्यार करना, शब्द, शांत रहना, घुंघची, माला, यमुना, उसकी लहरें, पानी, कमल, गोपियां, लीला, गोप, गायें, छड़ी, सृष्टि, विनाश करना, वर देना—

हे मधुरता के देवता श्री कृष्ण! आपका सब कुछ मधुर है।

मधुराष्टकम् के लाभ (Benefits of Madhurashtakam Lyrics)

  • आध्यात्मिक जागृति: भगवान श्री कृष्ण की मधुरता का स्मरण भक्तों की आध्यात्मिक जागृति में सहायक होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: नियमित पाठ से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • भक्ति में वृद्धि: यह स्तोत्र भक्तों की भक्ति भाव को प्रगाढ़ करता है।

अंत में, मधुराष्टकम् (Madhurashtakam Lyrics) एक सरल लेकिन प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे नियमित रूप से पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव किया जा सकता है।


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