Navratri 2024: नवरात्रि पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस शुभ अवसर पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है, जिसके कारण यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता है। वेद-पुराणों में माँ दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है, जो असुरों से संसार की रक्षा करती हैं। नवरात्री के समय भक्त माँ की पूजा उपासना करते है और सुखी, समृद्ध जीवन की कामना करते है। माँ दुर्गा के नौ रूप इस प्रकार है :
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे साल में पाँच बार मनाया जाता है। हालाँकि, चैत्र और शरद नवरात्रि सबसे प्रमुख हैं और इन्हें व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस दौरान देशभर में मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। भक्त माँ के शक्ति पीठों के दर्शन के लिए जाते हैं। शेष तीन नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, जिनमें माघ, आषाढ़ और पौष गुप्त नवरात्रि शामिल हैं, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है।
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पंचांग के अनुसार, शरद नवरात्रि वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होते है। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। इस पर्व की तिथियां हर साल बदलती हैं क्योंकि इन्हें हिंदू पंचांग के आधार पर निर्धारित किया जाता है। आमतौर पर यह त्योहार सितंबर या अक्टूबर में आता है। इस वर्ष, शारदीय नवरात्रि 03 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक मनाई जाएगी।
Navratri 2024 Dates:
तारीख
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तिथि
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अनुष्ठान
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3 अक्टूबर 2024, गुरुवार
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प्रतिपदा
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मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
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4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार
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द्वितीया
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मां ब्रह्मचारिणी पूजा
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5 अक्टूबर 2024, शनिवार
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तृतीया
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मां चंद्रघंटा पूजा
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6 अक्टूबर 2024, सोमवार
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चतुर्थी
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मां कूष्माण्डा की पूजा
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7 अक्टूबर 2024, मंगलवार
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पंचमी
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मां स्कंदमाता की पूजा
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8 अक्टूबर 2024, बुधवार
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षष्ठी
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मां कात्यायनी की पूजा
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9 अक्टूबर 2024, गुरुवार
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सप्तमी
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मां कालरात्रि की पूजा
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10 अक्टूबर 2024, शुक्रवार
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अष्टमी
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माँ महागौरी की पूजा, दुर्गा महा नवमी पूजा, दुर्गा महा अष्टमी पूजा
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11 अक्टूबर 2024, शनिवार
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नवमी
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माँ सिद्धिदात्री की पूजा, महा नवमी
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12 अक्टूबर 2024, रविवार
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दशमी
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दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी |
हिन्दू कैलेंडर के आधार पर नवरात्रि के पहले दिन हम लोग माँ शैलपुत्री की पूजा करते है और उसी दिन कलश स्थापना भी करते है। हर वर्ष कलश स्थापना का एक शुभ मुहूर्त होता है उसी में स्थापना करना अच्छा माना जाता है। इस वर्ष कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 23 मिनट तक है और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन विशेष रंग के वस्त्र धारण करने का बड़ा महत्व होता है। इन रंगों का चुनाव माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं कि किस दिन कौन-सा रंग पहनना शुभ होता है:
पहले दिन – नारंगी रंग के कपड़े पहनें। यह रंग आपको सकारात्मकता और ऊर्जा प्रदान करेगा।
दूसरे दिन – सफेद रंग धारण करें। यह आत्मशांति और मन की स्थिरता में सहायक होगा।
तीसरे दिन – लाल रंग पहनें, जो माँ दुर्गा का प्रिय रंग है। इससे आपकी भक्ति में उन्नति होगी।
चौथे दिन – गहरे नीले रंग के वस्त्र पहनें। यह रंग समृद्धि और शांति का प्रतीक है।
पाँचवे दिन – पीला रंग धारण करें। यह रंग खुशहाली और सकारात्मकता लाता है।
छठे दिन – हरे रंग का चुनाव करें, जो प्रकृति और स्थिरता का प्रतीक है।
सातवें दिन – स्लेटी रंग पहनें। यह रंग संतुलन और व्यावहारिकता को बढ़ावा देगा।
आठवें दिन – बैंगनी रंग पहनें। यह रंग समृद्धि और सफलता का सूचक है।
नौवें दिन – मोर हरे रंग के वस्त्र पहनें, जो समृद्धि और भव्यता को दर्शाता है।
इन रंगों का पालन करके आप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और नवरात्रि का त्यौहार और भी शुभ बना सकते हैं।
इस प्रकार यदि आप माँ दुर्गा के नौ रूपों का पुरे विधिविधान और श्रद्धा, आस्था के साथ पूजन करते है और भोग अर्पित करते है तो माँ दुर्गा आप पर जरूर प्रशन्न होती है और मन चाहा वरदान प्रदान करती है।
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